मर्जर से 40% बढ़ जाएगा 5पैसा कैपिटल का कस्टमर बेस
आईआईएफएल सिक्योरिटीज (IIFL Securities) और 5पैसा कैपिटल (5Paisa Capital) के बोर्ड्स ने मंगलवार को मर्जर को मंजूरी दी है। मर्जर से 5पैसा कैपिटल का कस्टमर बेस करीब 40 पर्सेंट बढ़कर 4.7 मिलियन हो जाएगा। 5पैसा कैपिटल (5Paisa Capital) को कनाडा के बिलेनियर्स, प्रेम वत्स की फेयरफैक्स और वार्ड फेरी का सपोर्ट है। 5पैसा कैपिटल कस्टमर्स के मामले में भारत की छठवीं बड़ी ब्रोकर है। जेरोधा, देश की सबसे बड़ी ब्रोकर है और इसके 10 मिलियन से ज्यादा कस्टमर्स हैं। आईआईएफएल ग्रुप से जुड़े सूत्रों का कहना है कि IIFL सिक्योरिटीज, वेल्थ मैनेजमेंट और 10 लाख से 25 करोड़ रुपये के भारत मे मुख्य ब्रोकिंग कंपनिया बीच की कैपिटल वाले इंडीविजुअल्स के लिए एडवायजरी पर फोकस करेगी।

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रेगुलेटर्स – नियामक

हमने पहले अध्याय में पढ़ा था कि इक्विटी निवेश का एक ऐसा विकल्प है जिसमें महंगाई दर से कहीं ज्यादा रिटर्न देने की क्षमता है। अब सवाल ये आता है कि इसमें निवेश करे कैसे? इसका जवाब जानने से पहले ये जानना ज़रूरी है कि इक्विटी में निवेश कौन कौन से लोग करते हैं और ये पूरा सिस्टम कैसे काम करता है।

जैसे हम अपने बगल के किराना दुकान जा कर ज़रूरत की चीजें खरीदते हैं, वैसे ही हम इक्विटी में निवेश, या खरीद बिक्री स्टॉक मार्केट या शेयर बाज़ार में करते हैं। इक्विटी में निवेश करते वक्त एक शब्द – ट्रांजैक्ट (Transact) आप बार बार सुनेंगे। ट्रांजैक्ट का मतलब है खरीद-बिक्री करना। और इक्विटी की ये खरीद-बिक्री आप बिना स्टॉक मार्केट के नहीं कर सकते।

स्टॉक मार्केट इक्विटी खरीदने वाले और बेचने वाले को मिलाता है। लेकिन ये स्टॉक मार्केट किसी दुकान या इमारत के रूप में नहीं दिखता, जैसा कि आपके किराने के दुकान दिखते हैं। स्टॉक मार्केट इलेक्ट्रॉनिक रूप में होता है। आप कंप्यूटर के ज़रिए इस पर जाते हैं और वहाँ खरीद बिक्री का काम करते हैं। एक बात का यहाँ ध्यान रखें कि ये शेयरों की खरीद बिक्री का काम आप बिना स्टॉक ब्रोकर के नहीं कर सकते। स्टॉक ब्रोकर एक रजिस्टर्ड मध्यस्थ होता है, जिसके बारे में हम आगे विस्तार से बताएंगे।

2.2 शेयर बाज़ार में कौन लोग हिस्सा लेते हैं और भारत मे मुख्य ब्रोकिंग कंपनिया उन्हें रेगुलेट करने की ज़रूरत क्यों है?

शेयर बाज़ार में एक व्यक्ति से लेकर कंपनियाँ तक निवेश करती हैं। जो लोग भी शेयर बाज़ार में खरीद बिक्री करते हैं उन्हे मार्केट पार्टिसिपेंट्स (Market Participants) कहा जाता है। इन मार्केट पार्टिसिपेंट्स को कई कैटेगरी या वर्ग में बाँटा गया है। कुछ कैटेगरी की जानकारी नीचे दी गई है।

  1. डोमेस्टिक रिटेल पार्टिसिपेंट्स – भारतीय मूल के नागरिक जो भारत में ही रहते हैं, जैसे हम और आप।
  2. NRI’s और OCI – भारतीय मूल के नागरिक जो विदेशों में बसे हैं।
  3. घरेलू संस्थागत निवेशक (Domestic Institutions) – इसके तहत बड़ी भारतीय कंपनियाँ आती हैं, जैसे भारतीय जीवन बीमा निगम ( Life Insurance Company of India- LIC)।
  4. घरेलू ऐसेट मैनेजमेंट कंपनियाँ ( Asset Management Companies) – इस वर्ग में आमतौर पर घरेलू म्युचुअल फंड कंपनियाँ होती हैं जैसे SBI म्युचुअल फंड, DSP ब्लैक रॉक, फिडेलटी इंवेस्टमेंट्स, HDFC AMC वगैरह।
  5. विदेशी संस्थागत निवेशक (Foreign Institutional Investors) – इसमें विदेशी कंपनियाँ, विदेशी ऐसेट मैनेजमेंट कंपनियाँ, हेज फंड्स वगैरह आते हैं।

2.3 रेगुलेटर

भारत में शेयर बाज़ार का रेगुलेटर है भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ( The Securities and Exchange Board of India- SEBI) जिसे हम सेबी के नाम से जानते हैं। सेबी का उद्देश्य है प्रतिभूतियों (सिक्योरिटीज़) में निवेश करने वाले निवेशकों के हितों का संरक्षण करना , प्रतिभूति बाजार (सिक्योरिटीज़ मार्केट) के विकास का उन्नयन करना तथा उसे विनियमित करना और उससे संबंधित या उसके आनुषंगिक विषयों का प्रावधान करना । सेबी ये सुनिश्चित करती है कि

  1. दोनों स्टॉक एक्सचेंज – NSE और BSE, अपना काम सही तरीके से करें
  2. स्टॉक ब्रोकर्स और सब ब्रोकर्स नियमानुसार काम करें
  3. शेयर बाज़ार में हिस्सा लेने वाली कोई एंटिटी गलत काम न करे
  4. कंपनियाँ शेयर बाज़ार का इस्तेमाल सिर्फ खुद के फायदे के लिए न करें – जैसा सत्यम कम्प्यूटर्स ने किया था
  5. छोटे निवेशकों के हित की रक्षा हो
  6. बड़े निवेशक, जिनके पास बहुत पूंजी है, वो अपने हिसाब से बाजार में हेर-फेर न करें
  7. पूरे शेयर बाज़ार का विकास हो

Best Multibagger Stocks: साल भर में इस स्टॉक ने दिया 115% रिटर्न, ब्रोकरेज फर्म ने कहा-जल्दी खरीद लो

इस स्टॉक में है पोटेंशियल

  • नई दिल्ली,
  • 05 फरवरी 2022,
  • (अपडेटेड 05 फरवरी 2022, 7:32 AM IST)
  • 1 साल में इन्वेस्टर्स को मिला 115% रिटर्न
  • अगले 3 साल तक ब्रोकरेज फर्म को दिख रहा पोटेंशियल

Multibagger Stock: रिजिड पैकेजिंग बिजनेस करने वाली कंपनी Mold-Tek Packaging ने रिटर्न देने के मामले में बड़ी-बड़ी कंपनियों को पीछे छोड़ दिया है. पिछले 1 साल के दौरान यह स्टॉक 100 फीसदी से ज्यादा चढ़ा है. मजेदार है कि अभी भी इसके चढ़ने की गुंजाइश कम नहीं हुई है. एक ब्रोकरेज फर्म ने इस स्टॉक के और ऊपर जाने का अनुमान जाहिर किया है.

5paisa कैपिटल ने खरीदा IIFL का ऑनलाइन ब्रोकिंग बिजनेस, शेयरों में 8% तक की तेजी

5paisa कैपिटल ने खरीदा IIFL का ऑनलाइन ब्रोकिंग बिजनेस, शेयरों में 8% तक की तेजी

5पैसा कैपिटल (5Paisa Capital) ने बुधवार को आईआईएफएल सिक्योरिटीज (IIFL Securities) के ऑनलाइन ब्रोकिंग बिजनेस को खरीदने की घोषणा की है। खबर भारत मे मुख्य ब्रोकिंग कंपनिया सामने आने के बाद दोनों कंपनियों के शेयर 8 पर्सेंट तक चढ़ गए। निर्मल जैन के कंट्रोल वाले IIFL ग्रुप की डिस्काउंट ब्रोकिंग यूनिट 5पैसा कैपिटल ने ऑल-स्टॉक डील में आईआईएफएल सिक्योरिटीज के ऑनलाइन रिटेल ब्रोकिंग बिजनेस को खरीदने का फैसला किया है। यह बात इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में कही गई है।

इस वजह से हुआ है दोनों कंपनियों का मर्जर
ट्रांजैक्शन के बाद आईआईएफएल सिक्योरिटीज (IIFL Securities) वेल्थ मैनेजमेंट और एडवायजरी सर्विसेज पर फोकस करेगी। दोनों कंपनियों का मर्जर IIFL के अपनी लिस्टेड ब्रोकिंग सब्सिडियरीज को रिस्ट्रक्चर करने से जुड़े कदम का हिस्सा है। मर्जर के अनाउंसमेंट के बाद 5पैसा कैपिटल (5Paisa Capital) के शेयर बुधवार को करीब 8 पर्सेंट की तेजी के साथ 351.75 रुपये पर पहुंच गए। कारोबार के आखिर में कंपनी के शेयर 327.35 रुपये पर बंद हुए। वहीं, IIFL सिक्योरिटीज के शेयर 6 पर्सेंट की तेजी के साथ 72.4 रुपये पर पहुंचे। कंपनी के शेयर पिछले सेशन में 68.45 रुपये के स्तर पर बंद हुए थे।

फोनपे: अब सभी कंपनियों के इंश्योरेंस उत्पाद बांट सकेगी कंपनी, IRDAI से मिला लाइसेंस

इंश्योरेंस पॉलिसी

देश भर में महामारी भारत मे मुख्य ब्रोकिंग कंपनिया की वजह से हेल्थ इंश्योरेंस की मांग तेजी से बढ़ी है। जिन लोगों ने पहले इंश्योरेंस नहीं ली थी, वे अब खरीद ले रहे हैं, वहीं जिन्होंने पहले से ही बीमा करा रखा था, वे इसका दायरा बढ़ा रहे हैं। वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली डिजिटल पेमेंट कंपनी फोनपे को इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉर्टी ऑफ इंडिया (IRDAI) से डायरेक्ट इंश्योरेंस ब्रोकर का लाइसेंस मिल गया है। यानी अब फोनपे भारत में सभी इंश्योरेस कंपनियों के इंश्योरेंस उत्पादों को डिस्ट्रीब्यूट कर सकेगी।

इसके जरिए कंपनी को अपने ग्राहकों के लिए व्यक्तिगत उत्पाद अनुशंसाओं की पेशकश शुरू करने और भारतीय ग्राहकों के लिए इंश्योरेंस उत्पाद के ज्यादा डायवर्स पोर्टफोलियो की पेशकश करने की मंजूरी मिल गई है। मालूम हो कि फोनपे ने पिछले साल 2020 में एक कॉर्पोरेट एजेंट के रूप में इंश्योरेंस क्षेत्र में एंट्री की थी।

विस्तार

देश भर में महामारी की वजह से हेल्थ इंश्योरेंस की मांग तेजी से बढ़ी है। जिन लोगों ने पहले इंश्योरेंस नहीं ली थी, वे अब खरीद ले रहे हैं, वहीं जिन्होंने पहले से ही बीमा करा रखा था, वे इसका दायरा बढ़ा रहे हैं। वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली डिजिटल पेमेंट कंपनी फोनपे को इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉर्टी ऑफ इंडिया (IRDAI) से डायरेक्ट इंश्योरेंस ब्रोकर का लाइसेंस मिल गया है। यानी अब फोनपे भारत में सभी इंश्योरेस कंपनियों के इंश्योरेंस उत्पादों को डिस्ट्रीब्यूट कर सकेगी।

इसके जरिए कंपनी को अपने ग्राहकों के लिए व्यक्तिगत उत्पाद अनुशंसाओं की पेशकश शुरू करने और भारतीय ग्राहकों के लिए इंश्योरेंस उत्पाद के ज्यादा डायवर्स पोर्टफोलियो की पेशकश करने की मंजूरी मिल गई है। मालूम भारत मे मुख्य ब्रोकिंग कंपनिया हो कि फोनपे ने पिछले साल 2020 में एक कॉर्पोरेट एजेंट के रूप में इंश्योरेंस क्षेत्र में एंट्री की थी।

इन 63 कंपनियों के शेयरों में मिल रहे हैं तेजी के संकेत

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  • साल के पहले दिन केवल भारत और पाकिस्तान के शेयर बाजारों भारत मे मुख्य ब्रोकिंग कंपनिया में ही कारोबार हुआ. तकनीकी चार्ट्स पर बाजार मजबूत नजर आ रहे हैं.
  • कारोबार से जुड़े, मूविंग एवरेज कंवर्जेंस डाइवर्जेंस के अनुसार, एनएसई के 63 शेयरों में मजबूती के संकेत हैं.
  • इस सूची में आईसीआईसीआई बैंक, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, ल्यूपिन और अंबुजा सीमेंट्स जैसी ब्लूचिप कंपनियों नाम शामिल हैं.

क्या है एमएसीडी?
एमएसीडी चार्ट शेयरों का ट्रेंड बताता है. इसका इस्तेमाल विशेष तौर पर शेयर की गति में बदलाव भारत मे मुख्य ब्रोकिंग कंपनिया भारत मे मुख्य ब्रोकिंग कंपनिया का आंकलन करने के लिए किया जाता है. यह किसी शेयर के 26 दिनों भारत मे मुख्य ब्रोकिंग कंपनिया के कारोबारी औसत और 12 दिनों के कारोबारी औसत के बीच का संबंध दिखाता है.

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