Lankesh and me entering the parliament for the 1st time @[email protected]@pmo #memories#nostalgic. pic courtesy . @shivsagarchoprapic.twitter.com/S9nPbmIEbY — Dipika Chikhlia Topiwala (@ChikhliaDipika) April 14, 2020 अरुण संकेतक आपको क्या बताता है
चर्चा में है कानपुर पुलिस कमिश्नर असीम अरुण का वर्दी में वीडियो संदेश
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी असीम अरुण सेवा से त्यागपत्र देकर बीजेपी ज्वाइन करने वाले हैं । त्यागपत्र देने के बाद उन्होंने वीडियो संदेश जारी किया हैं, जिसे लेकर अरुण संकेतक आपको क्या बताता है सवाल उठाये जा रहे हैं। उन्होंने कानपुर कमिश्नरी के पुलिसकर्मियों को वीडियो संदेश जारी करके कई बातों पर सबका ध्यान दिलाया। साथ ही यह भी कहा कि इस वीडियो संदेश को ही वे उनका विदाई संदेश समझ लें।
कानपुर के पुलिस अरुण संकेतक आपको क्या बताता है कमिश्नर (Kanpur Police Commissioner) असीम कुमार अरुण (Asim Kumar Arun) VRS लेकर 15 जनवरी को पुलिस सेवा को अलविदा कर रहे हैं। उन्होंने पुलिस सेवा में रहते हुये राजनीति में जाने का मन बना लिया और एक तरह से बीजेपी ज्वाइन करने को लेकर घोषणा भी कर दी है। लेकिन वर्दी में उनका एक वीडियो इन दिनों विवाद का विषय बन गया है।
आतंकवाद, अर्थव्यवस्था और ब्लैक मनी पर फेल रही नोटबंदी - प्रो अरुण कुमार
by बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो ।।
Published - Wednesday, 09 November, 2022
इस साल आठ नवंबर को हमारे देश में हुई नोटबंदी को छ: साल पूरे हो गए. छ: साल पूरे होने पर एक बार फिर ये आंकलन किया जा रहा है कि आखिर जो नोटबंदी हुई जिसके चलते लोगों ने इतनी परेशानी झेली क्या वो कामयाब है या नहीं. इसी मसले को लेकर जाने माने अर्थशास्त्री प्रोफेसर अरुण कुमार ने भी अपनी एक रिपोर्ट जारी की है. जो बताती है कि नोटबंदी के बाद हमारे देश में अगर इसके फायदों और इसके उद्देश्यों का आंकलन किया जाए तो उसमें ये हर मोर्च पर नाकाम ही नजर आती है. न तो अर्थव्यवस्था न ही आतंकवाद और ना ही ब्लैक मनी के मोर्चे पर ये अर्थव्यवस्था कामयाब हुई है.
केवल UK ही नहीं, इन देशों के साथ भी संतुलित FTA चाहता है भारत, जानें क्या है तैयारी
सरकार का कहना है कि फ्री ट्रेड अग्रीमेंट यानी FTA से देश के निर्यात समुदाय को मार्केट में बेहतर विकल्प मिल पाएंगे.
by बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो
Published - Saturday, 24 December, 2022
भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement-FTA) को अंतिम रूप देने के लिए छठे दौर की बातचीत हाल ही में हुई थी. अब सातवें दौर की बातचीत अगले साल की शुरुआत में ब्रिटेन में हो सकती है. दोनों देशों के बीच काफी समय से FTA को लेकर बातचीत चल रही है, लेकिन ब्रिटेन के राजनीतिक हालातों के चलते कोई फैसला नहीं हो पाया था. अब उम्मीद है कि जल्द ही इस दिशा में कोई सहमति बन जाए. वैसे, भारत ब्रिटेन अरुण संकेतक आपको क्या बताता है के साथ-साथ यूरोपीय संघ, कनाडा, इजराइल, और खाड़ी देशों के साथ भी एक संतुलित मुक्त व्यापार संधि (FTA) को अंतिम रूप दे रहा है.
कितनी गंभीर बीमारी है Myasthenia Gravis? जिसकी वजह से हुई एक्टर अरुण बाली की मौत
लोगों की तेजी से बदलती लाइफस्टाइल में तरह-तरह की बीमारियां भी सामने आ रही हैं. इनमें से ऐसी कई बीमारिया हैं, जिसके बारे आपने भी पहले कभी नहीं सुना होगा. इन्हीं बीमारी में से एक है- मायस्थेनिया ग्रेविस. आप भी चौंक गए ना, इस बीमारी का नाम सुनकर. इसी बीमारी की चपेट में आने से टीवी और फिल्म जगत के जाने-माने एक्टर अरुण बाली का निधन हुआ है. रिपोर्ट्स के अनुसार अरुण बाली इसी बीमारी से पीड़ित थे. ये बीमारी न्यूरोमस्कुलर डिसऑर्डर पैदा करती है. आज हम आपको इसी बीमारी के बारे में बताएंगे कि ये हमारे शरीर को कैसे प्रभावित करती है.
क्या है मायस्थेनिया ग्रेविस
द लेसेंट की 2020 की एक रिपोर्ट की मानें तो, दुनियाभर में हर साल लगभग 7 लाख लोग मायस्थेनिया ग्रेविस से ही प्रभावित होते हैं. बता दें कि ये काफी दुर्लभ बीमारी हैं. इस बीमारी से हमारे शरीर की मांसपेशियां बुरी तरह से प्रभावित होती हैं. मायस्थेनिया ग्रेविस हमारे नर्वस सिस्टम की कोशिकाओं और शरीर की मांसपेशियों के बीच के संचार को खत्म कर देता है. इसको लेकरएक्सपर्ट्स का कहना है कि यह बीमारी शरीर के लिए उपयोगी कुछ रासायनों की कमी की वजह से होता है. इसकी जद में आने वाला इंसान थका हुआ महसूस करता है.
- डबल विजन
- आंखों की पुतली नीचे आ जाना
- हाथ-पैर, शरीर में कमजोरी आना
- चबाने- निगलने में परेशानी
- गर्दन में दर्द
- आवाज में बदलाव
- सांस लेने में दिक्कत
किसको होता है ज्यादा खतरा?
जानकारी के अनुसार, इस बीमारी का ज्यादाखतरा युवा वयस्क महिलाओं जिनकी उम्र 40 साल से कम और 60 साल से अधिक वाले वृद्ध पुरुषों को होता है, लेकिन यह बचपन सहित किसी भी उम्र में हो सकता है. आपको बता दें कि मायस्थेनिया ग्रेविस होने पर मरीज को फिजिकल एक्टीविटी बंद कर देनी चाहिए.
विशेषज्ञों का कहना है कि मायस्थेनिया ग्रेविस का कोई इलाज नहीं है. हालांकि, इसे सही इलाज से इसके संकेतों और लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है. ऐसी स्थिती में जितना ज्यादा हो, आराम करना चाहिए.
( इस लेख में दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. TV9 Hindi इनकी पुष्टि नहीं करता है. किसी विशेषज्ञ से सलाह लेने के बाद ही इस पर अमल करें.)
अरुण गोविल जो बन गए राम-
अरुण गोविल की पहली फिल्म थी पहेली, इस फिल्म में उनका एक छोटा सा साइड रोल था। इसके बाद उन्होंने काम किया एक और फिल्म 'सावन आने दो' में। इसके बाद उन्हें मिला टीवी सीरियल विक्रम और बैताल जिसमें उन्होंने विक्रमादित्य का रोल किया और फिर बने वो राजा राम। वैसे तो इस बीच अरुण गोविल ने कई फिल्में कीं, लेकिन जो लोकप्रियता उन्हें राजा राम बनकर मिली वो शायद ही कभी उन्हें मिल पाती।
बहुत कम लोग जानते हैं कि अरुण गोविल असल में 17 साल की उम्र में मुंबई बिजनेस करने के लिए आए थे। पर उनका दिल नहीं लगा तो वो फिल्मों की ओर मुड़ गए। उनकी फिल्में सफल भी हुई हैं।
ये तस्वीरें अरुण गोविल की कुछ बॉलीवुड फिल्मों की ही हैं, लेकिन मैं आपको बता दूं कि वो एक समय चेन स्मोकर हुआ करते थे, लेकिन उनकी लोकप्रियता राजा राम के तौर पर इतनी बढ़ गई कि उन्हें पब्लिक प्लेस पर स्मोकिंग छोड़नी पड़ी।
दीपिका चिखलिया सीता से संसद तक-
दीपिका चिखलिया असल में सीता के रोल में बहुत ही अच्छी तरह से रम गई थीं। 1987 से पहले दीपिका की गिनती बी ग्रेड फिल्मों की हिरोइन में होती थी। दीपिका चिखलिया को लोग सीता के नाम से जानते उसके पहले उन्हें एक साइड एक्ट्रेस के रूप में देखते थे। इसके बाद उन्हें भी विक्रम और बैताल शो मिला और फिर रामायण। बस फिल दीपिका बन गईं सीता।
An old pic when I stood for election from baroda now called as Vadodara extreme right is our PM narendra modi ji nxt to hom was LK Advaniji and me and nalin bhatt in charge of the election @[email protected]#lkadvani##contest#election#ramayan pic.twitter.com/H5PsttaodC
— Dipika Chikhlia Topiwala (@ChikhliaDipika) April 12, 2020
दीपिका चिखलिया राजनीति में भी सक्रीय रही हैं। मोदी और आडवाणी से मिलने के साथ-साथ 1991 की दसवीं लोक सभा चुनाव में ये वडोदरा सीट से लड़ी थीं। इसके बाद जिन अरुण संकेतक आपको क्या बताता है सांसदों ने उस दौरान शपथ ली थी उनमें से एक दीपिका भी थीं।
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इस सबके बीच सुनील लहरी को भी काफी फेम मिला। मध्यप्रदेश के दमहो से ताल्लुक रखने वाले सुनील लहरी ने The Naxalites फिल्म से अपना डेब्यू किया था जिसमें उन्होंने एक बहुत छोटा रोल निभाया था, लेकिन वो फिल्म फ्लॉप रही। एक दो और फिल्मों और टीवी सीरियल में रोल अदा करने वाले सुनील लहरी का स्टारडम तो रामायण से ही जुड़ा है।
रामायण के बाद वो हर घर के चहीते बन गए थे। उन्होंने राम यानी अरुण गोविल के साथ मिलकर एक प्रोडक्शन कंपनी भी खोली थी जिसका नाम है राम लक्ष्मण। अब खुद ही देख लीजिए अपने जवानी के दिनों में वो कितने स्टाइलिश लगा करते थे।
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रामायण टीवी सीरियलने राम और सीता को घर-घर तक पहुंचा दिया था और इसका रीटेलिकास्ट भी काफी फेमस हो रहा है। हो सकता है आपको भी ये टीवी सीरियल काफी पसंद हो। अगर आपको ये स्टोरी पसंद आई तो इसे शेयर जरूर करें और साथ ही साथ ऐसी अन्य खबरों के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से।
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