क्रिप्टोकरेंसी की चुनौतियाँ

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Cryptocurrency के लाभ क्या हैं?

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Legal Crypto: क्या मुमकिन है लीगल क्रिप्टो की दुनिया? जानें क्या हैं खतरे और फायदे

Ramkrishna Vajpei

Legal Crypto

Legal Crypto (PHOTO:social media )

Legal Crypto: क्रिप्टो की तेजी से पिघलती दुनिया के बीच, भारत सरकार ने जी 20 देशों की शिखर बैठक के दौरान इस मुद्रा के अस्थिर साधन को विनियमित करने पर निर्णय लेने की मांग की है इसकी वजह यह है कि सरकार इसके विनियमित करने के विकल्पों का आकलन कर रही है। यह जानकारी शीर्ष अधिकारियों ने दी है।

क्रिप्टो पर दुनिया के सामने दो विकल्प हैं एक विकल्प साधन को विनियमित करने का Cryptocurrency के लाभ क्या हैं? है तो दूसरा रास्ता इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का है, जैसा कि आरबीआई द्वारा सुझाया भी गया है। लेकिन एक अंतिम प्रयास अभी बाकी है क्योंकि नियामक एजेंसियां और सरकार के विभिन्न विंग सबसे अच्छे समाधान का आकलन कर रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि अमेरिकी ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन ने इसे विनियमित करने के संयुक्त प्रयासों का आह्वान किया है।

क्रिप्टो जैसे उपकरण से जुड़े कई लाभ

वे यह भी स्वीकार करते हैं कि प्रतिबंध सबसे अच्छा विकल्प नहीं हो सकता है, यह देखते हुए कि इसे रोकने के तरीके हैं और एक फुल प्रूफ तंत्र होना असंभव है। इसके अलावा, कई अन्य का तर्क Cryptocurrency के लाभ क्या हैं? है कि क्रिप्टो जैसे उपकरण से जुड़े कई लाभ हैं और कोई भी देश इस तरह के उपकरण से पूरी तरह अलग नहीं हो सकता है।

आरबीआई ने इस आधार पर प्रतिबंध लगाने का तर्क दिया है कि क्रिप्टो करेंसी जैसे साधन के पास इसे वापस करने के लिए कोई अंतर्निहित संपत्ति नहीं है। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति देने से मुद्रा और वित्तीय बाजारों को विनियमित करना कठिन हो जाएगा। इसके अलावा डॉलरीकरण का खतरा भी रहेगा। इसके अलावा, बैंक ने कर चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित चिंताओं को भी रेखांकित किया है। यह कुछ ऐसा है जो इसका समर्थन करने वाले नियमों से मुकाबले को कठिन बना रहा है।

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क्रिप्टोकरेंसी पर भारत की रणनीति

हाल ही में, क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई। बिटकॉइन ने 20,000 अमेरिकी डॉलर के मूल्य को पार कर लिया है। क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य में हुई इस वृद्धि से भारत में भी इसके प्रचलन व वैधता से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर पुनर्विचार की माँग उठने लगी है।

क्रिप्टोकरेंसी : अवधारणा

  • क्रिप्टोकरेंसी कम्प्यूटराइज़्ड डाटाबेस पर संग्रहीत एक डिजिटल मुद्रा है। सुरक्षा की दृष्टि से इसे मज़बूत क्रिप्टोग्राफ़ी के उपयोग द्वारा डिजिटल बही-खातों में रिकॉर्ड किया जाता है। ये बही-खातें विश्व स्तर पर क्रिप्टोकरेंसी के उपयोगकर्ताओं के लिये वितरित होते हैं।
  • क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से किये गए प्रत्येक लेन-देन को ब्लॉक (Blocks) के रूप में कूटबद्ध किया जाता है। कई ब्लॉक एक-दूसरे से मिलकर वितरित बही-खाते (Distributed Ledger) पर ब्लॉकचेन का निर्माण करते हैं।
  • क्रिप्टोकरेंसी में इनक्रिप्शन एल्गोरिद्म (Encryption algorithms) के रूप में भी अतिरिक्त सुरक्षा होती है। क्रिप्टोग्राफ़िक अथवा कूटबद्ध (Coded) विधियों का उपयोग मुद्रा के साथ-साथ उस नेटवर्क को भी सुरक्षित बनाने के लिये किया जाता है, जिस पर इसका कारोबार किया जा रहा है।
  • वर्तमान में, विश्व भर में लगभग 1500 से अधिक क्रिप्टोकरेंसी प्रचलन में हैं। फेसबुक द्वारा घोषित ‘लिब्रा’ के अतिरिक्त बिटकॉइन, एथरियम आदि क्रिप्टोकरेंसी के कुछ अन्य उदाहरण हैं।

क्‍या क्रिप्‍टोकरेंसी को देश में कानूनी मान्‍यता मिल चुकी है, यहां जानिये इससे जुड़े सवालों के जवाब

क्‍या क्रिप्‍टोकरेंसी को देश में कानूनी मान्‍यता मिल चुकी है, यहां जानिये इससे जुड़े सवालों के जवाब

Cryptocurrency: इस साल क्रिप्टोकरेंसी के भारत में लीगल टेंडर यानी वैधानिक होने की खूब चर्चाएं थीं। सभी कारोबारी व निवेशक यह जानना चाह रहे थे कि सरकार इस पर मुहर लगाती है या नहीं। इसके चलते आम बजट पर सभी की निगाहें थीं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के आभासी संपत्तियों पर कर लगाने के प्रस्ताव ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी की वैधता पर बहस छेड़ दी है। जबकि कई लोगों ने डिजिटल मुद्राओं पर कर लगाने के निर्णय का स्वागत किया है, यह सोचकर कि यह आभासी मुद्राओं को पहचानने का पहला कदम है, सरकार ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि क्या भारत में बिटकॉइन जैसी मुद्राओं को कानूनी निविदा माना जा सकता है। आखिर सरकार ने इस विषय पर अपना पक्ष भी स्‍पष्‍ट कर दिया था। गत 1 फरवरी को पेश केंद्रीय बजट 2022-23 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस करेंसी से होने वाली आय पर सरकार कर जरूर लगाएगी लेकिन इसे देश में लीगल टेंडर किया जाना अभी तय नहीं है। हालांकि सरकार ने यह भी साफ कहा था कि इस पर फिलहाल प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। इसके साथ ही सरकार ने इस आभासी डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर लगाने का भी प्रस्ताव रखा था। जानिये इसके बारे में कुछ खास बातें।

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