डा. एसएस कटारिया ने बताया कि उन्हें जैसे ही सूचना मिली तो वे मौके पर पहुंचे। काबू किए गए सांड को इंजेक्शन लगाया। उन्होंने इस बारे में एसडीएम-2 को भी सूचित किया कि सांड को उठाने के लिए कोई गाड़ी नहीं आ रही। कटारिया ने बताया कि वे खुद शाम को 5 बजे जाकर लम्मा पिंड से गाड़ी लेकर आए और सांड को बुलंदपुर गौशाला में छोड़ दिया। उन्हें डर था कि अगर सांड छूट गया तो दोबारा कोई एेसा काम न कर दे।
आवारा पशुओ के आंतक से परेशान है नयागांव वासी ।
नयागांव। नजदीकी क्षेत्र मे आवारा पशुओ से लोगो मे बहुत दहशत फैली हुई है। इन आवारा पशुओ मे सांड सबसे ज्यादा भयानक है। इनका पता नही चलता कब किसी को मार दें। ये सांड आवारा गायो के साथ-साथ बजारो व गलीयो मे घूमते रहते है। खाली प्लाटो मे पडे कचरे मे से प्लास्टिक के लिफाफे,गंद तथा सब्जियो के छिलके आदि खाते घूमते रहते है। बीच बजारो की सडको मे खडे हो जाते है जिससे यातायात भी प्रभावित हो जाता है। अब तो हद हो गई जब शुक्रवार को दशमेश नगर में बीच सडक पर पर मेन बाजार में दो संाडो मे लडाई होती रही तो सारे रास्ते में लगभग दो घंटो तक जाम लगा रहा है। महिलाये तथा बच्चो सहित लोग परेशान रहे कभी भी कोई हादसा हो सकता था । दशमेश नगर के रहने वाले लाडी ने कहा कि दशमेश नगर नयागांव में आवारा पशुओं ने आम जनता का जीना हराम कर रखा है और नगर काउंसिल नयागांव के अधिकारी भी वाले भी इन पर ध्यान न देकर जनता को काफी नुकसान पहुंच सकता है । यह दो सांडों की लड़ाई नजदीक शिव मंदिर के पास हुई और सुबह सुबह 11:30 का टाइम था ज्यादा तर इस समय महिलाऐ तथा बच्चे बाहर होते हैं ,कभी भी कोई भी घटना हो सकती है पार्षदो को चाहिये कि नगर काउंसिल की मिटींग में अधिकारियो को बोल कर इन आवारा पशुओं को यहां से हटवा दें । लोगों का कहना है कि इससे ऐक्सिडेंट का अधिक खतरा है । आवारा पशुओ ने कई बार तो लोगो को मारा छुट्टा सांडों का आंतक भी है जिसमे से कुलदीप कौर ऐक्यूपरैशर ऐक्सर्पट,कृष्ण कुमार पी जी आई मे र्काय करता आदि ऐसे कई लोग है जो इन आवारा पशुओ के हादसे के शिकार हुऐ है । गांव वासीयो की प्रशासन से अपील है कि इन आवारा पशुओ से निजात दिलाई जायें। बच्चे तो अकेले स्कूल या घर से बाहर नही जा सकते उनके साथ घर का कोई न कोई सदस्य उन्हे स्कूल छोडने जाता है। बच्चे भी इन आवारा पशुओ से बहुत डरते है। गांव वासीयो का कहना है कि सांड तो इतने हटटे – कटटे है कि उनको देख कर वैसे ही सबको डर लगता है। इतना ही नही जब दो संडो मे लडाई होती है तो रास्ता तक जाम हो जाते है। प्रशासन को इसका कोई हल निकालना चाहिये ।
अतिक्रमण हटाने गए आरक्षक को सांड ने फुटबॉल की तरह उड़ाया, गंभीर घायल
शिवपुरी। अभी-अभी खबर आ रही है कि शहर के सिटी कोतवाली क्षेत्र के सबसे व्यस्तम माने जाने बाले कोर्ट रोड़ पर गोयल मेडीकल के सामने ठेले वालों को हटा रहे एक आरक्षक पर छुट्टा सांडों का आंतक सांड़ ने हमला बोल दिया। सांड ने उक्त आरक्षक को फुटबॉल की तरह फैक दिया। जिससे आरक्षक के गुंप्तांग में गंभीर चोट आई है। इस आरक्षक को उपचार के जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है।
जानकारी के अनुसार आरक्षक बीरेन्द्र सिंह बेच नंबर 974 जो कि शिवपुरी पुलिस लाईन में पदस्थ है आज गणेशोत्सव ड्यूटी के दौरान रोड़ पर लगे ठेलों को हटवा रहा था। इन ठेलों को हटाते हुए बीरेन्द्र सिंह गोयल मेडीकल के सामने पहुंचा। तभी एक सांड ने आरक्षक पर हमला बोल दिया। और आरक्षक को उठाकर पटक दिया।
जालंधर में पागल सांड का आतंक, पटक पटक के एक व्यक्ति को मार दिया, कइयों को घायल किया, देखें तस्वीरें
मौके पर मौजूद लोगों ने किसी तरह से बचाने की कोशिश की तब तक बहुत ही देर हो चुकी थी। मरने वाले व्यक्ति की पहचान सोहन सिंह (70) के रुप में हुई। गांववासियों ने बाद में अवारा सांड को बड़ी ही मुश्किल से सांड छुट्टा सांडों का आंतक को काबू किया और फारेस्ट डिपार्टमेंट को सूचित किया।
जिन्होंने मौके पर आकर सांड को बेहोश किया और बाद में देर शाम को बुलंदपुर गौशाला में छोड़ दिया। गांववासियों ने बताया कि सांड ने बल्लां में एक मोटरसाइकल पर जाते राहगीर पर हमला कर दिया था। जिसकी बाजू टूट गई। उसके बाद गांव कराड़ी में खेतों में काम करने वाले दो मजदूरों को घायल कर दिया। उन्होंने सांड को खेत से भगाने की कोशिश की थी।
छुट्टा सांडों का आंतक
हर्रैया, बस्तीः छुट्टा जानवर और बंदरों का आतंक कायम है। दुबौलया थाना क्षेत्र में अशोकपुर बिचलापुरवा निवासी 30 वर्षीय धीरेन्द्र पर हमला कर सांड ने घायल कर दिया। वे खेत में गुरूवार को प्रातः धान की रोपाई कर रहे थे। आस-पास छुट्टा सांडों का आंतक के लोग दौडे तो साड़ भाग गया लेकिन तब तक वे गंभीर रूप से घायल हो गये थे। परिजन उन्हें जिला चिकित्सालय बस्ती ले गए जहां इलाज चल रहा है।
बंदरो के हमले से छह घायल
वहीं नियामतपुर गांव में बंदरो के आंतक से लोग परेशान है। अब तक लगभग छह लोगो को बंदर हमला कर घायल कर चुके है। ग्रामवासियों ने वन विभाग के अधिकारियों से बंदरो को पकड़वाने की मांग किया है। जानकारी के अनुसार विगत एक माह से नियामतपुर गांव में बंदरो का आंतक इस कदर हो गया है कि लोग घरो से निकलना मुनासिब नही समझते। लोग हाथ में लाठी डण्ड़ा लेने के बाद ही बाहर निकलते है।
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