देश के पास ज्यादातर विदेशी मुद्रा भंडार, विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति(FCA) के रूप में ही होता है। यह परिसंपत्तियां एक या एक से अधिक मुद्रा के रूप में भी हो सकती है। लेकिन इन विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों का मूल्यांकन डॉलर में ही किया जाता है। अगस्त 2021 के अंत में देश के पास 578.41 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां थी जोकि मौजूदा समय में घटकर 524.74 अरब डॉलर हो गयी है।
Foreign Exchange Reserves: दो साल के निचले स्तर पर पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार, फिर से आई 3.84 बिलियन डॉलर की गिरावट
Foreign Exchange Reserves: विदेशी मुद्रा भंडार में फिर से 3.84 बिलियन डॉलर की गिरावट आई और यह दो सालों के निचले स्तर पर पहुंच गया. रुपए को सपोर्ट करने के लिए रिजर्व बैंक इस साल अब तक 100 बिलियन डॉलर का रिजर्व बेच चुका है.
Foreign Exchange Reserves: देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट जारी है. 21 अक्टूबर को समाप्त हफ्ते में यह 3.847 बिलियन डॉलर घटकर 524.52 बिलियन डॉलर रह गया. यह दो सालों का निचला स्तर है. यह जुलाई 2020 के बाद सबसे न्यूनतम स्तर है. इससे पिछले हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 4.50 बिलियन डॉलर घटकर 528.37 बिलियन डॉलर रह गया था. पिछले कई महीनों से विदेशी मुद्रा भंडार में कमी होती देखी जा रही है. एक साल पहले अक्टूबर 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार 645 बिलियन डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था.
फॉरन करेंसी असेट्स में 3.59 बिलियन डॉलर की गिरावट
देश के मुद्रा भंडार में गिरावट आने का मुख्य कारण यह है कि रुपए की गिरावट को थामने के लिए केन्द्रीय बैंक मुद्रा भंडार से मदद ले रहा है. रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, 21 अक्टूबर को समाप्त हफ्ते में मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण घटक मानी जाने कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए वाली, विदेशीमुद्रा आस्तियां (FCA) 3.593 बिलियन डॉलर घटकर 465.075 बिलियन डॉलर रह गयीं.
आंकड़ों के अनुसार देश का स्वर्ण भंडार मूल्य के संदर्भ में 24.7 करोड़ डॉलर घटकर 37,206 बिलियन डॉलर रह गया. केंद्रीय बैंक ने कहा कि विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 70 लाख डॉलर बढ़कर 17.44 बिलियन कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए डॉलर हो गया है.
100 बिलियन डॉलर का रिजर्व बेच चुका RBI
इधर रुपए की वैल्यु लगातार घट रही है. डॉलर के मुकाबले रुपया 83 के स्तर को भी पार कर गया है. रुपए को संभालने के लिए रिजर्व बैंक इस साल अब तक 100 बिलियन डॉलर का रिजर्व बेच चुका है. रुपए में इस साल अब तक 12 फीसदी की गिरावट आ चुकी है.
आज हफ्ते के आखिरी दिन यह 14 पैसे की गिरावट के साथ 82.47 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 48 पैसे की उछाल के साथ 82.33 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. शेयरखान बाइ बीएनपी परिबा में रिसर्च ऐनालिस्ट अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘भारतीय रुपया एक सीमित दायरे में रहा. मजबूत डॉलर सूचकांक ने रुपए पर दबाव डाला लेकिन सकारात्मक घरेलू बाजारों और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी से रुपए को थोड़ा समर्थन मिला. विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भी रुपए को निचले स्तर पर संभाला.’’
देश की इकोनॉमी के लिए अच्छी खबर, विदेशी मुद्रा भंडार में हुई बढ़ोतरी
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 9 दिसंबर को खत्म हुए हफ्ते के दौरान 2.91 अरब डॉलर बढ़कर 564.06 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार पांचवें हफ्ते तेजी आई है. पिछले हफ्ते देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 11 अरब डॉलर बढ़कर 561.16 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. आपको बता दें कि अक्टूबर, 2021 में विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था.
देश का सोने का भंडार घटा
वैश्विक घटनाक्रमों के बीच केंद्रीय बैंक के रुपये की विनियम दर में तेज गिरावट को रोकने के लिए मुद्रा भंडार का इस्तेमाल करने की वजह से बाद में इसमें गिरावट आई कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए थी. केंद्रीय बैंक के साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक, कुल मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा माने जाने वाली फॉरेन करेंसी एसेट्स (एफसीए) 9 दिसंबर को खत्म हफ्ते में 3.141 अरब डॉलर बढ़कर 500.125 अरब डॉलर हो गईं हैं. डॉलर कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए में जाहिर किए जाने वाले विदेशीमुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसे गैर अमेरिकी मुद्राओं में आई घट बढ़ के असर को भी शामिल किया जाता है.
इसके अलावा स्वर्ण भंडार का मूल्य समीक्षाधीन हफ्ते में 29.6 करोड़ डॉलर घटकर 40.729 अरब डॉलर रह गया है. आंकड़ों के मुताबिक, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 6.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.106 अरब डॉलर हो गया है. समीक्षाधीन हफ्ते में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में रखा देश का मुद्रा भंडार भी 20 लाख डॉलर बढ़कर 5.11 अरब डॉलर हो गया है.
RBI के कदम से पड़ा असर
आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप से मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार घटने की दर में कमी आई है. आरबीआई अधिकारियों के अध्ययन में यह कहा गया है. अध्ययन में 2007 से लेकर रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण मौजूदा समय में उत्पन्न उतार-चढ़ाव को शामिल किया गया है. केंद्रीय बैंक की विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप की एक घोषित नीति है. केंद्रीय बैंक यदि बाजार में अस्थिरता देखता है, तो हस्तक्षेप करता है. हालांकि, रिजर्व बैंक ने अभी तक रुपये के किसी स्तर को लेकर अपना कोई लक्ष्य नहीं दिया है.
आरबीआई के वित्तीय बाजार संचालन विभाग के सौरभ नाथ, विक्रम राजपूत और गोपालकृष्णन एस के अध्ययन में कहा गया है कि 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान भंडार 22 प्रतिशत कम हुआ था.
विदेशी मुद्रा भंडार 14 महीनों के सबसे कम स्तर पर
पिछले कुछ महीनों से विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट आ रही है। अगस्त 2021 के अंत में रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के पास 640.70 अरब डालर विदेशी मुद्रा भंडार था जो कि जून 2022 के अंत में घटकर कर 588.31 अरब डॉलर हो गया है।
देश के पास विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहा है। रुपये की कीमत में गिरावट आ रही है। साथ ही देश का व्यापार घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है। यह सभी बातें कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए आपस में कैसे जुडी हुई हैं? इनमें परिवर्तन होने पर हमारी अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ता है? चलिए इस पूरे मुद्दे को समझते हैं।
विदेशी मुद्रा भंडार
दरअसल विदेशी मुद्रा भंडार में केंद्रीय बैंक, रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा रखी कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं। इनमें विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियाँ(FCA), स्वर्ण भंडार, विशेष आहरण अधिकार (SDR) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ रिज़र्व ट्रेंच शामिल होती हैं। जरूरत पड़ने पर विदेशी मुद्रा भंडार से विदेशी ऋण का कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए भुगतान आसानी से किया जा सकता है।
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विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति
विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (१९९९) अथवा संक्षेप में फेमा पूर्व में विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (फेरा) के प्रतिस्थापन के रूप में शुरू किया गया है । फेमा ०१ जून, २००० को अस्तित्व में आया । विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए १९९९) का मुख्य उद्देश्य बाहरी व्यापार तथा भुगतान को सरल बनाने के उद्देश्य तथा भारत में विदेशी मुद्रा बाजार के क्रमिक विकास तथा रखरखाव के संवर्धन के कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए लिए विदेशी मुद्रा से संबंधित कानून को समेकित तथा संशोधन करना है । फेमा भारत के सभी भागों के लिए लागू है । यह अधिनियम भारत के बाहर की स्वामित्व वाली अथवा भारत के निवासी व्यक्ति के नियंत्रण वाली सभी शाखाओं, कार्यालयों तथा एजेन्सियों के लिए लागू है ।. और अधिक
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