एक व्यापार चिह्न के एक व्यक्ति द्वारा (C) का प्रयोग करें

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी से मोटा मुनाफा संभव है.

VAIRAGYA JYOTI

शेयर या फॉरेक्स बाजार में बहुत सारे लोग इसलिए पैसे नहीं बना पाते हैं, क्योंकि वे ट्रेडिंग करते वक्त भावना के आवेग में फंस जाते हैं। भावनात्मक ट्रेडिंग करने से बड़ा नुकसान हो सकता है। ये पांच तरीके अपनाकर एक कारोबारी ट्रेडिंग करते वक्त भावना ट्रेडिंग सीमाएं की चपेट में फंसने से बच सकता है।

ये हैं वो 5 तरीके

नुकसान की सीमा पर पहुंचने के बाद उस दिन ट्रेडिंग करना रोक दें

फोर्ब्स इंडिया के मुताबिक एक ट्रेडर को अपने दैनिक नुकसान की सीमा पहले से ही ट्रेडिंग सीमाएं तय कर लेना चाहिए। जैसे ही आप इस सीमा पर पहुंचते हैं। उस दिन कारोबार करना बंद कर दीजिए। अगला कारोबार अगले दिन ही कीजिए।

लगातार तीन बार लाभ उठाने या घाटा होने पर दिनभर के लिए ट्रेडिंग बंद कर दीजिए। लगाता तीन बार लाभ हो जाने पर हमें लगने लगता ट्रेडिंग सीमाएं है कि हमसे अच्छा कोई ट्रेडर नहीं हो सकता है। इसके उलट लगातार तीन घाटे के बाद हम इसे अपने आत्मसम्मान का मुद्दा बना बैठते हैं और पहले से अधिक जोखिम लेकर बड़ा नुकसान कर सकते हैं।

क्षमता से बड़ा दांव न लगाएं

यदि आपको बाजार से डर लगने लगे, तो समझ लीजिए कि आप बहुत अधिक पैसे को दांव पर लगा रहे हैं। आप उतने पैसे से ही ट्रेड करें, जितने का घाटा उठाने के लिए आप पहले से और खुशी से तैयार हों। इसका यह मतलब नहीं कि आपको घाटा उठाना अच्छा लगता है। लेकिन यह घाटा इतना बड़ा न हो जाए कि आपको रात में नींद न आ सके।

हर एक ट्रेड के पूरा होते ही कुछ समय के लिए आप अपने कंप्यूटर के स्क्रीन से दूर हट जाएं। इस दौरान आप थोड़ा टहल सकते हैं। चाय बना सकते हैं। नाश्ता बना सकते हैं। अपनी माता जी को फोन कर सकते हैं। आपको यह महसूस होना चाहिए कि आप अपने नियंत्रण में हैं, ट्रेडिंग सीमाएं बाजार के नियंत्रण में नहीं।

शेयर बाजार में चाहते हैं पैसा कमाना तो इन 5 पसंदीदा ट्रेडिंग रणनीतियों के बारे में आपको होगा जानना

ट्रेडर्स चाहें तो हर प्रकार की ट्रेडिंग रणनीति से जुड़े जोखिम और लागत को समझकर ट्रेडिंग में रणनीतियों के संयोजन का उपयोग भी कर सकते हैं

ट्रेडिंग का मतलब सिक्टोरिटीज को खरीदना और बेचना होता है। ट्रेडिंग भी कई प्रकार की होती हैं। एक दिन से लेकर सालों के लंबे अंतराल के लिए भी ट्रेडिंग की जाती है। इसके साथ ही अलग-अलग बाजारों के माहौल और वहां मौजूद जोखिम से जुड़ी विभिन्न ट्रेडिंग रणनीतियां (trading strategies) शेयरों में कारोबार करने के समय अपनाई जाती हैं।

यहां पर हम कुछ ट्रेडिंग रणनीतियों पर चर्चा कर रहे हैं जो बाकी रणनीतियों में से सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। ये रणनीतियां निवेशकों को तर्कसंगत निवेश निर्णय लेने में मदद कर सकती हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग सीमाएं ट्रेडिंग (Intraday Trading)

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इंट्राडे ट्रेडिंग जिसे डे ट्रेडिंग के रूप में भी जाना जाता है। ये ऐसी ट्रेडिंग रणनीति है जिसमें निवेशक एक ही दिन में शेयरों को खरीदते और बेचते हैं। वे शेयर बाजार के बंद होने के समय से पहले ट्रेडिंग बंद कर देते हैं। एक ही दिन में वे मुनाफा और घाटा बुक करते हैं।

निवेशक इन शेयरों में एक दिन में कुछ सेकंड, घंटे के लिए या इसमें दिन भर में कई बार ट्रेड ले सकते हैं। इसलिए इंट्राडे एक अत्यधिक वोलाटाइल ट्रेडिंग रणनीति मानी जाती और इसके लिए तेजी से निर्णय लेना होता है।

पोजीशनल ट्रेडिंग (Positional Trading)

ट्रेडिंग सीमाएं

पंजीकृत व्यापार चिह्न के प्रभाव पर सीमा.

प्र.30. (1) धारा 29 में कुछ भी नहीं मालिक के रूप में उन वस्तुओं या सेवाओं की पहचान के प्रयोजनों के लिए किसी भी व्यक्ति द्वारा एक पंजीकृत ट्रेड मार्क के प्रयोग को रोकने के रूप में ट्रेडिंग सीमाएं लगाया जाएगा प्रदान की उपयोग

(क) औद्योगिक में ईमानदार प्रथाओं के अनुसार ट्रेडिंग सीमाएं है या वाणिज्यिक मायने रखती है, और

(ख) का अनुचित लाभ ट्रेडिंग सीमाएं लेने के लिए या व्यापार चिह्न के विशिष्ट चरित्र या ख्याति के लिए हानिकारक होने के लिए नहीं इस तरह के रूप में है.

(2) एक पंजीकृत ट्रेड मार्क है जहां उल्लंघन नहीं है

(क) वस्तुओं या सेवाओं के संबंध में प्रयोग इंगित करता है प्रकार, गुणवत्ता, मात्रा, इरादा उद्देश्य, मूल्य, भौगोलिक मूल, माल की या सेवाओं या वस्तुओं या सेवाओं ट्रेडिंग सीमाएं की अन्य विशेषताओं का प्रतिपादन के उत्पादन के समय;

डीमैट खातों के लिए ट्रेडिंग सीमाएं KYC करने की समय सीमा बढ़ी, सेबी ने ग्राहकों को दी 3 महीने की मोहलत

डीमैट खातों के लिए KYC करने की समय सीमा बढ़ी, सेबी ने ग्राहकों को दी 3 महीने की मोहलत

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट रखने वालों को बड़ी राहत मिली है. सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (Sebi) ने डीमैट (Demat Account) और ट्रेडिंग खातों के लिए नो-योर कस्टमर (KYC) पूरा करने की समय सीमा तीन महीने बढ़ा दी गई है. मौजूदा डीमैट और ट्रेडिंग खातों का केवाईसी (KYC) कराने की समय सीमा 30 जून, 2022 तक बढ़ गई. अगर आपने अपना डीमैट-ट्रेडिंग खाते का केवाईसी नहीं कराया है तो अब आपके पास 30 जून तक का समय है. पहले इसकी डेडलाइन 31 मार्च 2022 थी. 1 जून, 2021 के बाद जो भी डीमैट या ट्रेडिंग खाते खुले हैं या खुल रहे हैं, उनमें छह तरह की जानकारी देना जरूरी है. इन ट्रेडिंग सीमाएं जानकारियों में नाम, पता, पैन, वैध मोबाइल नंबर, कमाई, सही ईमेल आईडी के बारे में बताना जरूरी है. साथ ही, ग्राहकों का आधार नंबर उनके पैन से लिंक होना चाहिए.

खाता सस्पेंड होने से बचाने के लिए KYC कराएं

अपने खातों को निष्क्रिय होने से बचाने के लिए कई स्टॉक ब्रोकर्स ने अपने ग्राहकों को आवश्यक केवाईसी को अपडेट करने के लिए कहने के लिए मैसेज भेजना शुरू कर दिया है. नई एक्सटेंडेड डेडलाइन के मुताबिक, जिन खाताधारकों ने अभी तक अपने केवाईसी डिटेल को अपडेट नहीं किया है, उनके पास अपने डीमैट और ट्रेडिंग खातों को हटाने से बचने के लिए तीन महीने का अतिरिक्त समय है

नियम के मुताबिक अगर किसी खाताधारक ने डीमैट और ट्रे़डिंग खाते में इन जानकारियों को अपडेट नहीं करता है तो उसका अकाउंट निष्क्रिय कर दिया जाएगा. उसके खाते में पहले से जो शेयर या पोर्टफोलियो हैं, वे बने रहेंगे, लेकिन नई तरह की कोई भी खरीद-फरोख्त नहीं कर पाएंगे. यह खाता दोबारा तभी सक्रिय होगा जब उसमें केवाईसी डिटेल को अपडेट किया जाएगा.

सभी डीमैट खातों को अभी तक छह केवाईसी मानदंडों के साथ अपडेट नहीं किया गया है. एक डीमैट, ट्रेडिंग खाता धारक को इन छह केवाईसी विशेषताओं को अपडेट करना जरूरी है. इसमें नाम, पता, PAN, वैलिड मोबाइल नंबर, वैलिड ईमेल आईडी और इनकम रेंज शामिल है. 1 जून, 2021 से खोले गए नए डीमैट खातों के लिए सभी 6-केवाईसी विशेषताएं अनिवार्य कर दी गई है.

शेयर मार्केट के संबंध में अक्सर ट्रेंडिंग और निवेश शब्द सुनने को मिलते हैं. हालांकि, दोनों माध्यमों में निवेशकों का मकस . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : June 11, 2022, 14:52 IST

नई दिल्ली . शेयर मार्केट संबंधित चर्चा होते ही अक्सर ट्रेंडिंग और निवेश शब्द सुनने को मिलते हैं. कई लोग ट्रेडिंग और निवेश में फर्क नहीं कर पाते हैं. तो आपको बता दें कि ट्रेडिंग और निवेश के बीच सबसे अहम अंतर समय अवधि का है. निवेश की तुलना में ट्रेडिंग में समय अवधि काफी कम होती है. ट्रेडिंग कई ट्रेडिंग सीमाएं प्रकार की होतीं हैं और ट्रेडर्स स्टॉक में अपनी पॉजिशन बहुत कम समय तक रखते हैं, जबकि निवेश वे लोग करते हैं, जो स्टॉक को वर्षों तक अपने पोर्टफोलियो में रखते हैं. अगर आप कम समय में मोटा मुनाफा चाहते हैं, तो ट्रेडिंग आपके लिए बेस्ट ऑप्शन साबित हो सकती है.

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