बिटकॉइन: अमिताभ बच्चन ने जितनी तेजी से कमाए 640 करोड़ रुपए, उतनी तेजी से गंवाए
बिटकॉइन में भारी उतार चढ़ाव का असर अभिनेता अमिताभ बच्चन पर भी पड़ा है, जिनको इसमें निवेश से अचानक हुआ सारा फायदा कुछ ही दिन में लुप्त हो गया। बिटकॉइन में हाल में तेजी के चलते उससे जुड़ी एक गुमनाम सी.
बिटकॉइन में भारी उतार चढ़ाव का असर अभिनेता अमिताभ बच्चन पर भी पड़ा है, जिनको इसमें निवेश बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क से अचानक हुआ सारा फायदा कुछ ही दिन में लुप्त हो गया। बिटकॉइन में हाल में तेजी के चलते उससे जुड़ी एक गुमनाम सी कंपनी में बच्चन की छोटी हिस्सेदारी को 10 करोड़ डालर (640 करोड़ रुपए) बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क से अधिक का लाभ हुआ था लेकिन इस आभासी मुद्रा की विनिमय दर में पिछले कुछ दिन में आयी गिरावट से वह लाभ उससे भी कहीं तेजी से गायब हो गया। बीएसई के रिकार्ड के अनुसार जून 2014 से ही बच्चन इस कंपनी स्टेंपेडे कैपिटल में एक प्रतिशत या इससे अधिक शेयरधारकों वाली सूची में हैं हालांकि इसकी मात्रा में बदलाव होता रहा है। इसके अनुसार 20 जून 2014 को बच्चन की कंपनी में 3.39 प्रतिशत हिस्सेदारी थी जो कि उस समय की कीमत के अनुसार लगभग नौ करोड़ रुपये की हो सकती है। इस समय इस हिस्सेदारी की कीमत आधी होकर लगभग 4.7 करोड़ रुपये रह गई है।
हैदराबाद की कंपनी स्टेंपेड कैपिटल ने एक नियामकीय सूचना में बच्चन को एक अपना 'व्यक्तिगत गैर प्रवर्तक शेयरधारक' बताया था जिनकी कंपनी में 2.38 प्रतिशत हिस्सेदारी पिछली तिमाही के आखिर में थी। स्टेंपेडे ने हाल ही में अपनी एक अनुषंगी लोंगफिन कोर्प को अमेरिका के नस्दक एक्सचेंज में सूचीबद्ध करवाया। लोंगफिन 37 करोड़ डालर बाजार पूंजीकरण के साथ पिछले सप्ताह नस्दक में सूचीबद्ध हुई। स्टेंपेडे की लोंगफिन में 37.14 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इस तरह से बच्चन जिनके पास स्टेंपेडे में 2.38 प्रतिशत हिस्सेदारी है इस अमेरिका में सूचीबद्ध कंपनी में अप्रत्यक्ष लाभान्वित बन गए हैं। इस कंपनी ने जिदु डाट काम के अधिग्रहण की घोषण की जिससे उसके शेयर में दो दिन में 2500 प्रतिशत तक का उछाल आया। लोंगफिन ने जिदु डाट काम को मेरिडियन इंटरप्राइजेज से खरीदा जिसकी 95 प्रतिशत हिस्सेदारी वेंकट एस मीनावल्ली के पास हैं। मीनावल्ली लोंगफिन कोर्प के सीईओ और स्टेंपेडे के मुख्य प्रवर्तक हैं।
लोंगफिन ने इसके लिए मेरिडिरयन व सम्बद्ध इकाइयों से आस्ति क्रय समझौता 25 लाख श्रेणी ए के शेयरों के बदले किया। लोंगफिन ने अमेरिकी नियामक को सूचित किया है कि जिदु डाट काम के लिए लगे उक्त 25 लाख शेयरों के वितरण में 1,00,000 शेयर गैलेक्सी मीडिया को, 125000 शेयर अमिताभ बच्चन को तथा 125000 शेयर उनके बेटे अभिषेक बच्चन को होगा। इस तरह से 41 डालर की मौजूदा शेयर कीमत के आधार पर बच्चन अमिताभ व अभिषेक के लोंगफिन के शेयर की कीमत लगभग 1.025 करोड़ डालर होगी।
स्टेंपेडे में हिस्सेदारी के स्वामित्व के साथ अप्रत्यक्ष भागीदारी मौजूदा बाजार मूल्य के हिसाब से तीन करोड़ डालर और होगी। लोंगफिन का मौजूदा बाजार मूल्य ही सूचीबद्धता स्तर से 10 गुना है। लोंगफिन के शेयरों के विश्लेषण से पता चलता है कि यह 19 दिसंबर को 142.82 डालर की उंचाई को छू गया और बाजार पूंजीकरण 10 अरब डालर से अधिक हो गया है।
लांगफिन के शेयर के उछाल पर उसमें अमिताभ बच्चन की हिस्सेदारी का बाजार भाव तीन करोड़ डालर तक पहुंच गया था। सूचीबद्धता से पहले इन शेयरों का मूल्य करीब 10 लाख डालर था क्यों की लांगफिन ने सूचीबद्धता के समय पेशकश के लिए प्रति शेयर 2.5 डालर का भाव रखा था। मंबई बाजार में स्टेंपीड का शेयर एक माह में 50 प्रतिशत बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क उछल गया है और इस समय 8.71 रुपये है जबकि पिछले एक साल का इसका अधिकतम मूल्य 30 रूपए था।
Digital Currency vs UPI: आ गया डिजिटल रुपया, कैसे होगा इस्तेमाल, कितना है यूपीआई से अलग, जानिए हर सवाल का जवाब.
Digital Currency vs UPI: वैसे तो आजकल हर जगह कैश कैरी करने की जरूरत रह नहीं गई है लेकिन देश की पेमेंट सुविधा को और भी आसान बनाने के लिए भारत सरकार आज यानि मंगलवार से डिजिटल करेंसी लॉन्च करने जा रही है।
बता दें कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि जल्द ही वो देश में अपनी डिजिटल करेंसी को रोलआउट करने वाले हैं और आज 1 नवंबर से इसकी शुरूआत की जा रही है।
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency) का पहला पायलट प्रोजेक्ट डिजिटल रुपया (Digital Rupee) मंगलवार को लॉन्च करने जा रहा है। इसका इस्तेमाल सरकारी सिक्यूरिटी के लेनदेन में होगा। यह सिर्फ थोक कारोबार के लिए होगा।
एक महीने के अंदर इसको चुनिंदा व्यापारियों और ग्राहकों के लिए लॉन्च किया जाएगा। यूं तो देश में यूपीआई (UPI) के जरिए डिजिटल ट्रांसेक्शन होते है लेकिन डिजिटल रूपी यूपीआई (UPI) से थोड़ा सा अलग है। पहले डिजिटल रूपी को समझते हैं, फिर यूपीआई (UPI) और इसके अंतर को समझेंगे।
Digital Currency vs UPI: 9 बैंक ले रहे डिजिटल रूपी में हिस्सा
Digital Currency vs UPI: RBI ने 7 अक्टूबर 2022 को कहा था कि वह जल्द ही इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू करेगा। पायलट प्रोजेक्ट के दौरान डिजिटल रुपए का इस्तेमाल सीमित रखा गया है।
पायलट प्रोजेक्ट के नतीजों का विश्लेषण केंद्रीय बैंक दिया किया जाएगा। इसके बाद उसे व्यापक रूप से बाजार में लाया जाएगा। डिजिटल रुपये से बैंकों का ट्रांजेक्शन कॉस्ट कम होगा।
रिजर्व बैंक के अनुसार फिलहाल देश के 9 बड़े बैंक इस पायलेट प्रोजेक्ट में हिस्सा ले रहे हैं।
इस प्रोजेक्ट में भारतीय स्टेट बैंक (State Bank Of India), बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India), एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank), आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank), यस बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क बैंक (Yes Bank), आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank) और एचएसबीसी बैंक (HSBC Bank) हिस्सा लेने के सेलेक्ट किया गया है।
Digital Currency vs UPI: कैसे किया जाएगा इसका इस्तेमाल
Digital Currency vs UPI: आरबीआई की ओर से कुछ दिन पहले शेयर की गई जानकारी के मुताबिक, CBDC (Central Bank Digital Currency) एक पेमेंट का माध्यम होगा, जो सभी नागरिक, बिजनेस, सरकार और अन्य के लिए एक लीगल टेंडर के तौर पर जारी किया जाएगा।
इसकी वैल्यू लीगल टेंडर नोट यानि कि मौजूदा करेंसी के बराबर ही होगी। देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी (E-Rupee) आने के बाद आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत कम हो जाएगी, या रखने की जरूरत ही नहीं होगी।
सीधे शब्दों में समझें तो ये एक क्रिप्टोकरेंसी कॉइन की तरह होगा। आपके फोन में एक अलग ऐप होगा जिसके जरिए आपने कॉइन यानि कि डिजिटल रूपी को ट्रैक कर पाएंगे और इनका भुगतान कर पाएंगे। जैसे किसी अन्य क्रिप्टो करेंसी में यूपीआई (UPI) या अन्य माध्यमों से रूपयों को कॉइन में बदला जाता है उसी तरह यहां भी रूपयों को डिजिटल रूपी यानि कि डिजिटल कॉइन बदला जाएगा और इस लेखा जोखा आपके मोबाइल वालेट यानि कि उस ऐप पर दिखेगा।
Digital Currency vs UPI: यूपीआई (UPI) से कैसे अलग है डिजिटल करेंसी
Digital Currency vs UPI: आज हर व्यक्ति डिजिटल लेनदेन के नाम पर यूपीआई (UPI) या नेटबैंकिंग का इस्तेमाल करता है। जिसने देश को कैशलेश करने में बड़ी भूमिका निभाई है। अब ज्यादातर लोगों के मन में सवाल है कि डिजिटल करेंसी यूपीआई (UPI) से किस तरह अलग है।
पीडब्ल्यूसी इंडिया के पार्टनर और पेमेंट्स ट्रांसफॉर्मेशन लीडर, मिहिर गांधी बताते हैं, 'डिजिटल रुपया अपने आप में अंडरलाइंग भुगतान मोड होगा जिसका उपयोग करेंसी/कैश के बदले डिजिटल भुगतान के लिए किया जा सकेगा। UPI और IMPS आदि जैसे भुगतान फंड ट्रांसफर करने के लिए अंतर्निहित मुद्रा/नकदी का उपयोग करते हैं। इस मामले में, यह उम्मीद की जाती है कि डिजिटल रुपया से भुगतान सहज लेनदेन सुनिश्चित करने के लिए हो सकता है। वर्तमान में, UPI भुगतान मौजूदा मुद्रा नोटों के डिजिटल समकक्ष का उपयोग करके किया जाता है। इसका मतलब है कि UPI के जरिए ट्रांसफर किया गया हर रुपया फिजिकल करेंसी से चलता है।
वहीं इसके अलावा नॉनब्लॉक्स ब्लॉकचैन स्टूडियो के संस्थापक और निदेशक विंशु गुप्ता के अनुसार कि यूपीआई (UPI) भुगतान वर्तमान में आरबीआई के साथ लेनदेन करने वाले बैंकों के निपटान पर निर्भर करता है, डिजिटल रुपी सीधे आरबीआई से लेनदेन करेगा, इसलिए इसे तुरंत सुलझा लिया जाएगा। बता दें कि UPI ट्रांजेक्शन सीधे बैंक से बैंक में होता है, यूपीआई (UPI) वर्चुअल पेमेंट एड्रेस और आइडेंटिटी का इस्तेमाल करता है।
Digital Currency vs UPI: यूपीआई (UPI) की मौजूदगी के बीच इसकी क्या है जरूरत?
Digital Currency vs UPI: डिजिटल रुपए की घोषणा के बाद से एक असमंजस की सी स्थिति लगातार बनी हुई है कि जब पहले से यूपीआई (UPI), भीम या अन्य डिजिटल भुगतान माध्यम उपलब्ध हैं तो फिर 'डिजिटल रुपए' की जरूरत क्या है?
तो इसका जवाब हम आपको बता दें कि जब कोई ग्राहक यूपीआई (UPI), भीम या अन्य डिजिटल माध्यमों से भुगतान करता है तो इस स्थिति में बैंक को उसके हर रुपए की लेन-देन के लिए भौतिक करेंसी का मेंटेनेंस करना अनिवार्य होता है। जबकि डिजिटल करेंसी केंद्रीय बैंक के जरिए अधिकारिक मुद्रा होगी, जिसके लिए बैंकों को भौतिक मुद्रा के मेंटेनेंस की दुविधा नहीं रह जाएगी। इससे आरबीआई करेंसी की छपाई और वितरण पर होने वाले हजारों करोड़ रुपए के खर्च को भी बचा सकेगी।
Digital Currency vs UPI: इसके अलावा एक बड़ा अंतर यह भी है कि यूपीआई (UPI) अन्य डिजिटल भुगतान माध्यमों से किए गए डिजिटल लेनदेन बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क में बैंकिंग सिस्टम का उपयोग शामिल है, जबकि डिजिटल रुपए में बैंकिंग सिस्टम का उपयोग शामिल नहीं होगा और यह वित्तीय संस्थानों के बजाय केंद्रीय बैंक आरबीआई की प्रत्यक्ष गारंटी होगी। अर्थात कोई भी गलत ट्रासेक्शन होने पर किसी बैंक से कोई संपर्क नहीं करना पड़ेगा। जिम्मेदारी केंद्रीय बैंक की होगी।
साथ ही यूपीआई (UPI) व अन्य ट्रासेक्शन होने का पूरा रिकॉर्ड अब तक बैंक के पास रहता था लेकिन डिजिटल रूपी के मामले में पूरा लेखा जोखा सिर्फ केन्द्रीय बैंक के पास होगा।
Digital Currency vs UPI: आ गया डिजिटल रुपया, कैसे होगा इस्तेमाल, कितना है यूपीआई से अलग, जानिए हर सवाल का जवाब.
Digital Currency vs UPI: वैसे तो आजकल हर जगह कैश कैरी करने की जरूरत रह नहीं गई है लेकिन देश की पेमेंट सुविधा को और भी आसान बनाने के लिए भारत सरकार आज यानि मंगलवार से डिजिटल करेंसी लॉन्च करने जा रही है।
बता दें कि बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि जल्द ही वो देश में अपनी डिजिटल करेंसी को रोलआउट करने वाले हैं और आज 1 नवंबर से इसकी शुरूआत की जा रही है।
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency) का पहला पायलट प्रोजेक्ट डिजिटल रुपया (Digital Rupee) मंगलवार को लॉन्च करने जा रहा है। इसका इस्तेमाल सरकारी सिक्यूरिटी के लेनदेन में होगा। यह सिर्फ थोक कारोबार के लिए होगा।
एक महीने के अंदर इसको चुनिंदा व्यापारियों और ग्राहकों के लिए लॉन्च किया जाएगा। यूं तो देश में यूपीआई (UPI) के जरिए डिजिटल ट्रांसेक्शन होते है लेकिन डिजिटल रूपी यूपीआई (UPI) से थोड़ा सा अलग है। पहले डिजिटल रूपी को समझते हैं, फिर यूपीआई (UPI) और इसके अंतर को समझेंगे।
Digital Currency vs UPI: 9 बैंक ले रहे डिजिटल रूपी में हिस्सा
Digital Currency vs UPI: RBI ने 7 अक्टूबर 2022 को कहा था कि वह जल्द ही इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू करेगा। पायलट प्रोजेक्ट के दौरान डिजिटल रुपए का इस्तेमाल सीमित रखा गया है।
पायलट प्रोजेक्ट के नतीजों का विश्लेषण केंद्रीय बैंक दिया किया जाएगा। इसके बाद उसे व्यापक रूप से बाजार में लाया जाएगा। डिजिटल रुपये बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क से बैंकों का ट्रांजेक्शन कॉस्ट कम होगा।
रिजर्व बैंक के अनुसार फिलहाल देश के 9 बड़े बैंक इस पायलेट प्रोजेक्ट में हिस्सा ले रहे हैं।
इस प्रोजेक्ट में भारतीय स्टेट बैंक (State Bank Of India), बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India), एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank), आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank), यस बैंक (Yes Bank), आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank) और एचएसबीसी बैंक (HSBC Bank) हिस्सा लेने के सेलेक्ट किया गया है।
Digital Currency vs UPI: कैसे किया जाएगा इसका इस्तेमाल
Digital Currency vs UPI: आरबीआई की ओर से कुछ दिन पहले शेयर की गई जानकारी के मुताबिक, CBDC (Central Bank Digital Currency) एक पेमेंट का माध्यम होगा, जो सभी नागरिक, बिजनेस, सरकार और अन्य के लिए एक लीगल टेंडर के तौर पर जारी किया जाएगा।
इसकी वैल्यू लीगल टेंडर नोट यानि कि मौजूदा करेंसी के बराबर ही होगी। देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी (E-Rupee) आने के बाद आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत कम हो जाएगी, या रखने की जरूरत ही नहीं होगी।
सीधे शब्दों में समझें तो ये एक क्रिप्टोकरेंसी कॉइन की तरह होगा। आपके फोन में एक अलग ऐप होगा जिसके जरिए आपने कॉइन यानि कि डिजिटल रूपी को ट्रैक कर पाएंगे और इनका भुगतान कर पाएंगे। जैसे किसी अन्य क्रिप्टो करेंसी में यूपीआई (UPI) या अन्य माध्यमों से रूपयों को कॉइन में बदला जाता है उसी तरह यहां भी रूपयों को डिजिटल रूपी यानि कि डिजिटल कॉइन बदला जाएगा और इस लेखा जोखा आपके मोबाइल वालेट यानि कि उस ऐप पर दिखेगा।
Digital Currency vs UPI: यूपीआई (UPI) से कैसे अलग है डिजिटल करेंसी
Digital Currency vs UPI: आज हर व्यक्ति डिजिटल लेनदेन के नाम पर यूपीआई (UPI) या नेटबैंकिंग का इस्तेमाल करता है। जिसने देश को कैशलेश करने में बड़ी भूमिका निभाई है। अब ज्यादातर लोगों के मन में सवाल है कि डिजिटल करेंसी यूपीआई (UPI) से किस तरह अलग है।
पीडब्ल्यूसी इंडिया के पार्टनर और पेमेंट्स ट्रांसफॉर्मेशन लीडर, मिहिर गांधी बताते हैं, 'डिजिटल रुपया अपने आप में अंडरलाइंग भुगतान मोड होगा जिसका उपयोग करेंसी/कैश के बदले डिजिटल भुगतान के लिए किया जा सकेगा। UPI और IMPS आदि जैसे भुगतान फंड ट्रांसफर करने के लिए अंतर्निहित मुद्रा/नकदी का उपयोग करते हैं। इस मामले में, यह उम्मीद की जाती है कि डिजिटल रुपया से भुगतान सहज लेनदेन सुनिश्चित करने के लिए हो सकता है। वर्तमान में, UPI भुगतान मौजूदा मुद्रा नोटों के डिजिटल समकक्ष का उपयोग करके किया जाता है। इसका मतलब है कि बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क UPI के जरिए ट्रांसफर किया गया हर रुपया फिजिकल करेंसी से चलता है।
वहीं इसके अलावा नॉनब्लॉक्स ब्लॉकचैन स्टूडियो के संस्थापक और निदेशक विंशु गुप्ता के अनुसार कि यूपीआई (UPI) भुगतान वर्तमान में आरबीआई के साथ लेनदेन करने वाले बैंकों के निपटान पर निर्भर करता है, डिजिटल रुपी सीधे आरबीआई से लेनदेन करेगा, इसलिए इसे तुरंत सुलझा लिया जाएगा। बता दें कि UPI ट्रांजेक्शन सीधे बैंक से बैंक में होता है, यूपीआई (UPI) वर्चुअल पेमेंट एड्रेस और आइडेंटिटी का इस्तेमाल करता है।
Digital Currency vs UPI: यूपीआई (UPI) की मौजूदगी के बीच इसकी क्या है जरूरत?
Digital Currency vs UPI: डिजिटल रुपए की घोषणा के बाद से एक असमंजस की सी स्थिति लगातार बनी हुई है कि जब पहले से यूपीआई (UPI), भीम या अन्य डिजिटल भुगतान माध्यम उपलब्ध हैं तो फिर 'डिजिटल रुपए' की जरूरत क्या है?
तो इसका जवाब हम आपको बता दें कि जब कोई ग्राहक यूपीआई (UPI), भीम या अन्य डिजिटल माध्यमों से भुगतान करता है तो इस स्थिति में बैंक को उसके हर रुपए की लेन-देन के लिए भौतिक करेंसी का मेंटेनेंस करना अनिवार्य होता है। जबकि डिजिटल करेंसी केंद्रीय बैंक के जरिए अधिकारिक मुद्रा होगी, जिसके लिए बैंकों को भौतिक मुद्रा के मेंटेनेंस की दुविधा नहीं रह जाएगी। इससे आरबीआई करेंसी की छपाई और वितरण पर होने वाले हजारों करोड़ रुपए के खर्च को भी बचा सकेगी।
Digital Currency vs UPI: इसके अलावा एक बड़ा अंतर यह भी है कि यूपीआई (UPI) अन्य डिजिटल भुगतान माध्यमों से किए गए डिजिटल लेनदेन में बैंकिंग सिस्टम का उपयोग शामिल है, जबकि डिजिटल रुपए में बैंकिंग सिस्टम का उपयोग शामिल नहीं होगा और यह वित्तीय संस्थानों के बजाय केंद्रीय बैंक आरबीआई की प्रत्यक्ष गारंटी होगी। अर्थात कोई भी गलत ट्रासेक्शन होने पर किसी बैंक से कोई संपर्क नहीं करना पड़ेगा। जिम्मेदारी केंद्रीय बैंक की होगी।
साथ ही यूपीआई (UPI) व अन्य ट्रासेक्शन होने का पूरा रिकॉर्ड अब तक बैंक के पास रहता था लेकिन डिजिटल रूपी के मामले में पूरा लेखा जोखा सिर्फ केन्द्रीय बैंक के पास होगा।
बिटकॉइन क्या है Bitcoin कैसे खरीदें और बेंचे
आप यकीन नही मानेगे आपसे यह कहे कि 10 साल पहले ₹1000 निवेश किए होते तो आज की डेट में करोड़ों बन जाते हमें पता है इन चीजों पर यकीन करना थोड़ा मुश्किल है बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क पर यह बात पूरी तरह से सच है आज से करीब 10 साल पहले 1 बिटकॉइन की कीमत ₹5 से ₹6 के बीच में थी लेकिन वही आज 1 बिटकॉइन की कीमत 40 लाख के ऊपर है अब आप में से कई लोग सोच रहे होंगे कि अरे वाह यह तो खजाना है हमें भी इसमें निवेश करना चाहिए तो दोस्तो जरा ठहर जाइए क्योंकि निवेश करने से पहले एक बार ये जान लीजिए कि आखिर ये बिटकॉइन क्या है कैसे काम करता है और क्या इसमें इन्वेस्टमेंट करना सही है
सबसे पहले सवाल आता है कि आखिर बिटकॉइन है क्या तो आसान शब्दों में कहा जाए ये एक डिजिटल या फिर कहें वर्चुअल करंसी है जो Cryptocurrency के अंतर्गत आती है अब करेंसी के बारे में तो आप जानते ही होंगे जैसे हमारे इंडिया की करेंसी रुपीस है यूएस की करेंसी डॉलर है ठीक उसी तरह बिटकॉइन बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क भी एक करेंसी है बस फर्क सिर्फ इतना है कि आप डॉलर या फिर रुपए को छू सकते हैं पर इसे छू नहीं सकते बाकी इसका पूरा इस्तेमाल पैसे की तरह ही होता है फिर कहें चीजों का लेन-देन हो या फिर ऑनलाइन पेमेंट करनी हो या कोई और चीज यानी कि जिस तरह आप पैसों का इस्तेमाल करते हैं ठीक उसी तरह बिटकॉइन भी इस्तेमाल कर सकते हैं अब यह पर सवाल यह है कि भला यह कैसे होगा तो दोस्तों इसे जानने के लिए हम आपको बता दें कि Cryptocurrency यानी कि bitcoin का अविष्कार करीब 2008 के पास हुआ और उस वक्त एक बिटकॉइन की वैल्यू लगभग 0 थी हालांकि बात करे कि बिटकॉइन का आविष्कार किसने किया तो यह चीज एक रहस्य बनी हुई है पर फिर भी एक नाम सामने आता है (सतोसी नाका मोतो) जिसके बारे में कहा जाता है इन्होंने ही बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क Bitcoin को इनवेंट किया लेकिन अभी ये कौन है कहां रहते हैं किस तरह दिखते हैं यह किसी को नहीं पता पर पर ज्यादा इंट्रस्टिंग चीज तो यह है कि बिटकॉइन का मार्केट इतना ज्यादा बड़ा होने के बावजूद ये decentralized currency है यानी कि ना ही कोई कंपनी से कंट्रोल करती है ना ही किसी देश की गवर्नमेंट यही कारण है कि आप बिटकॉइन कि तरह अपना कोई भी क्रिप्टोकरंसी डेवलप कर सकते हैं और बिटकॉइन के अलावा भी कई सारी डिजिटल करंसी तैयार की गई है
अब कई लोगों के दिमाग में यह सवाल आ रहा होगा कि आखिर बिटकॉइन काम कैसे करता है अब आसान भाषा में बताएं तो नॉर्मली आपका जो ट्रांजैक्शन होता है वह बैंक के जरिए होता है यानी आप कोई ट्रांजैक्शन नंबर मिलता है उससे बैंक आप का लेखा-जोखा देख सकती हैं लेकिन जब कभी भी आप बिटकॉइन खरीदते हो या बेचते हो इनके जो ट्रांजैक्शन हो बड़े-बड़े डिस्प्यूटेड कंप्यूटर नेटवर्क से होती है ऐसे में दोस्तों जो डिस्ट्रीब्यूटेड कंप्यूटर नेटवर्क होता है वह सैंडर और रिसीवर के बिटकॉइन रिट्रेस को एक लेजर जिसे आप रिकॉर्ड फाइल भी कहते हैं उसमें ऐड कर देता है ऐसे मिली जो लेजर फाइल है यह एक तरह का वॉलेट है इसमें आपकी बिटकॉइन की जितनी भी ट्रांजैक्शन होती है उसे इसी में रिकॉर्ड किया जाता है दोस्तों इन्ही मल्टीपल लेकर फाइलिंग रिकॉर्ड बन जाती है और कई सारे मल्टीपल ब्लॉक बन जाते हैं यही कारण है कि इस टेक्नोलॉजी को ब्लॉकचेन कहा जाता है दोस्त जितने भी ट्रांजैक्शन के रिकॉर्ड होते हैं यह सारे पब्लिक कीई से इंक्रिप्टेड होता है और बिना कीई के इस पर एक्सेस करना पॉसिबल नहीं है और अगर ये कीई खो जाता है तो फिर ब्लॉक भी खो जाएगा और इसलिए इंटरनेट पर पूरे बिटकॉइन का करीब बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क 25% लॉस हो चुका है
अब कई लोगों को दिमाग में यह सवाल आ सकते हैं कि ये कौन चेक करेगा कि रिकॉर्ड सही है या नहीं तो दोस्तो यहीं पर काम आते हैं - miners एग्जांपल के तौर पर एक इंसान है जो बिटकॉइन बेच रहा है और उस इंसान के पास असल में बिटकॉइन है या नहीं इसको वेरीफाई करने का काम miners - करते हैं जिन्हें बिटकॉइन miners - कहते हैं दोस्तों इनका काम ट्रैंजेक्शन को ठीक तरह से वेरीफाई करना होता है जिसके लिए इनके पास हाई प्रोसेसिंग कंप्यूटर होते हैं जो कि बहुत बड़े-बड़े और कॉम्प्लिकेटेड मैथमेटिक्स क्वेश्चन को सॉल्व करते हैं और इसी से बिटकॉइन miners, miners सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं और सबसे इंट्रस्टिंग चीज यह है कि यह miners फ़्री में ऐसा नहीं करते बल्कि जब लोग ट्रैंजेक्शन को वेरीफाई करते हैं तब एक नया बिटकॉइन जनरेट होता है जिस पर miners हक होता है अब तो आपको यह सब तो समझ में आ गया होगा कि बिटकॉइन काम कैसे करता है
क्या आपको पता है इसकी कीमत इतनी ज्यादा क्यों बढ़ रही है असल में दोस्तों पूरा खेल डिमांड और सप्लाई का है
दोस्तों आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया में अब तक केवल 21 मिलियन बिटकॉइन नहीं है यानी कि यह इसकी लास्ट लिमिट है अभी तक 18 मिलियन बिटकॉइन को extract कर लिया गया है अब डिमांड और सप्लाई के बारे में आप जान होंगे किसी भी चीज की जितनी ज्यादा डिमांड होती है उसका प्राइस भी बढ़ने लगता है और बिटकॉइन की डिमांड भी पिछले कुछ सालों में बहुत ज्यादा बढ़ गई है इसी वजह से बिटकॉइन का प्राइस लगातार बढ़ता जा रहा है और यही समय है बिटकॉइन में इन्वेस्ट करने का यहां तक की दुनिया के सबसे अमीर आदमी Elon Musk भी बिटकॉइन में इन्वेस्ट करते हैं क्योंकि उन्हें पता है आने वाले समय में ये इंसान को राजा बना देगी और बिटकॉइन ने ऐसा किया भी है कई लोगों ने जब Bitcoin की शुरुआत में इस पर मजाक मजाक में इन्वेस्ट किया था वह आज करोड़पति है और ठीक ऐसे ही आपके साथ भी हो सकता है आपको बस जरूरत है सही जगह पर इन्वेस्ट करने की
तो दोस्तों चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है जैसे हम शेयर बाजार में निवेश करने के लिए ब्रोकर कंपनियों के साथ डीमेट अकाउंट खोलते हैं वैसे ही Bitcoin में निवेश करने के लिए आपको कई अलग-अलग ब्रोकर्स मिल जाएंगे मैं कोई ब्रोकर का अपनी पोस्ट में नाम नहीं लेना चाहता हूं अगर आप इसे इंटरनेट पर ढूंढेंगे तो आपको यह बहुत आसानी से मिल जाएंगे अगर आप शेयर बाजार का थोड़ा भी ज्ञान रखते हैं डिमैट अकाउंट को चलाना जानते हैं शेर खरीदना और बेचना जानते हैं तो आपको कोई भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा इसी तरह ऐसा ही आप क्रिप्टोकरेंसी के ट्रेडिंग अकाउंट में कर सकते हैं बिटकॉइन में आप ₹100 से भी अपना निवेश सुरु कर सकते हैं
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