0 आशुतोष नायक (Editor) अगस्त 20, 2021

डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है

भारत में नॉन-रेजिडेंट इंडियन(NRI) अपने नाम पर रेगुलर सेविंग्स बैंक अकाउंट नहीं खोल सकते हैं। वह अपने नाम पर NRE(Non-Resident External Account ) या NRO(Non-Resident Ordinary Account ) बैंक अकाउंट ही खोल सकते हैं। यदि कोई NRI भारत में अपने सेविंग्स अकाउंट का इस्तेमाल करता है तो उसे RBI के द्वारा निर्देशित FEMA(Foreign Exchange Management Act) नियमों के अंदर बड़ी पेनल्टी लग सकती है। NRE और NRO बैंक अकाउंट का अंतर इस प्रकार है :

रेपटरिएबिलिटी या Repatriability

मिलने वाला ब्याज(Interest) टैक्स-फ्री है।

F&O (फ्यूचर और ऑप्शंस ) में ट्रेडिंग करने के लिए एक NRO बैंक अकाउंट को ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट के साथ लिंक किया जाना चाहिए।

NRE बैंक अकाउंट को NRE PIS अकाउंट खोलने के लिए उपयोग किया जा सकते है और NRO बैंक अकाउंट को Zerodha के साथ NRO non-PIS अकाउंट खोलने के लिए उपयोग किया जा सकता है। PIS और non-PIS अकाउंट के बीच के अंतर जानने के लिए देखिये NRI Zerodha में ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट कैसे खोल सकते है?

नोट्स

NRE अकाउंट में उपलब्ध फंड्स डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है को फॉरेन करेंसी में कन्वर्ट किया जा सकता है और ब्याज के साथ फॉरेन अकाउंट में वापस ट्रांसफर किया जा सकता है। पैसे को फॉरेन कंट्री से इन्वेस्टर की कंट्री में लाने को रेपटरिएबिलिटी कहा जाता है।

NRE बैंक अकाउंट में प्रिंसिपल और ब्याज दोनों को रिपैटरिएट किया जा सकता है। फॉरेन करेंसी को फॉरेन बैंक अकाउंट से ट्रांसफर किया जा सकता है जिसे INR में कन्वर्ट करके NRE अकाउंट में डाला जाता है।

NRO में रिपैटरिएशन प्रतिबंधित है इसमें प्रिंसिपल और इंटरेस्ट पर $1 मिलियन तक ही रिपैटरिएट किया जा सकता डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है है।

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शेयर मार्केट में निवेश: डीमैट अकाउंट खोलते समय ट्रांजेक्शन और मेंटेनेंस चार्ज सहित इन 5 बातों का रखें ध्यान, इससे आपको मिलेगा ज्यादा फायदा

अगर आप शेयर मार्केट में निवेश का प्लान बना रहे हैं तो इसके लिए आपको डीमैट अकाउंट खोलना होगा। इसके बिना आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग नहीं कर सकते हैं। कहीं भी डीमैट अकाउंट खोलने से पहले इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जिस ब्रोकेज हाउस में आप डीमैट अकाउंट खोल रहे हैं वो आपको कौन-कौन सी सुविधाएं देता और आपसे इसके बदले में कितना चार्ज लेगा। हम आपको ऐसी 5 बातों के बारे में बता रहें हैं जिनका ध्यान आपको डीमैट डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है अकाउंट खोलते समय रखना चाहिए।

ब्रोकरेज और ट्रांजेक्शन फीस
भारत में ब्रोकरों के बीच डीमैट अकाउंट खोलने और ब्रोकरेज चार्ज अलग-अलग हैं। जबकि उनमें से ज्यादातर आजकल मुफ्त डीमैट खाते खोल रहे हैं। वे इक्विटी खरीदने और बेचने पर आपसे लेनदेन (ट्रांजेक्शन) फीस ले सकते हैं। डीमैट अकाउंट की फीस के अलावा सालाना मेंटेनेंस चार्ज और ट्रांजेक्शन फीस की भी जांच करें, कि आपके डीमैट अकाउंट का सालाना खर्च कितना है। ट्रांजेक्शन फीस को लेकर ब्रोकरों के बीच बड़ा अंतर हो सकता है।

अन्य सुविधाओं के बारे में जानें
कुछ ब्रोकरेज हाउस सिर्फ इक्विटी ब्रोकिंग की सेवा ही नहीं प्रदान करतें, बल्कि कई प्रकार की अन्य सेवाएं भी आप तक पहुंचाते हैं। कई ब्रोकरेज फर्म आपको समय-समय पर रिसर्च उपलब्ध कराती रहती हैं जो आपको सही जगह निवेश करने में मदद कर सकता है। ऐसे में जान लें आपका ब्रोकरेज हाउस आपको क्या-क्या सुविधा देगा। यदि आप उन निवेशकों में से हैं जिनके पास ट्रेडिंग के लिए ज्यादा समय नहीं है तो आप ऐसे ब्रोकेज हाउस का चयन कर सकते हैं जिसका मार्केट ट्रैकिंग के लिए मोबाइल ऐप हो।

डीमैट और ट्रेडिंग खाते की सुविधा
इक्विटी और डेरिवेटिव में ट्रेडिंग में लगातार एक्टिविटी होती रहती है। क्योंकि एक सेकंड की देरी भी फायदा और नुकसान के बीच अंतर को ज्यादा या कम कर सकती है। आपके लिए यह सबसे अच्छा है यदि आपका ब्रोकर 2-इन-1 डीमैट और ट्रेडिंग खाता आपको देता हैं। जिससे आप दो अलग-अलग ब्रोकरों के होने पर लेनदेन में देरी से बच सकें। ट्रेडिंग खाते के बगैर डीमैट खाता अधूरा है।

डीमैट खाते में आप सिर्फ डिजिटल रूप में शेयरों को रख सकते हैं। जबकि ट्रेडिंग अकाउंट के साथ आप शेयर, आईपीओ, म्यूचुअल फंड और यहां तक गोल्ड में निवेश कर सकते हैं। इसके बाद आप इन्हें डीमैट खाते में रख सकते हैं।

पोर्टफोलियो की जानकारी भी जरूरी
कई ब्रोकरेज हाउस आपके पोर्टफोलियो की जानकारी आपको समय-समय पर देते रहते हैं। इससे आपको अपने निवेश से मिलने वाले रिटर्न की जानकारी रखने में मदद मिलेगी।

कनेक्टिविटी का रखें ध्यान
आप कारोबार के लिए फोन और इंटरनेट दोनों का ही इस्तेमाल कर सकते हैं। ब्रोकरेज हाउस का चयन करने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि वह दोनों में से कौनसी सुविधा मुहैया करवाता है। हालांकि अब ज्यादातर ब्रोकर्स दोनों ही सुविधाएं देते हैं।

ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है? Trading Account vs Demat Account

0 आशुतोष नायक (Editor) अगस्त 20, 2021

शेयर बाजार में निवेश करने के लिए हमें डीमेट अकाउंट के साथ-साथ ट्रेडिंग अकाउंट की भी जरूरत होती है। बिना डीमेट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट के शेयर बाजार में ट्रेडिंग और इन्वेस्ट करना असंभव है। इसीलिए हमें सबसे पहले अपने स्टॉक ब्रोकर का चयन करके डीमेट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होता है। जिसके बाद ही हम शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर पाते हैं।

ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है? Trading Account से क्या होता है

जब हम अपने स्टॉक ब्रोकर के जरिए किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं, या बेचते हैं। तो यह सारा लेखा जोखा हमारे ट्रेडिंग अकाउंट के जरिये ही होता है। इसके अलावा हमारे खरीदे हुए शेयर भी तब तक हमारे ट्रेडिंग अकाउंट में रहते हैं। कुछ इसी प्रकार जब हम अपने पास रखी शेयर को बेचते हैं। तो वह जाते तो डीमेट एकाउंट से हैं, लेकिन उसका भुगतान भी हमारे ट्रेडिंग अकाउंट में ही आता है।

अपने बैंक से पैसे निकालकर शेयर खरीदने हो, तो वह पैसे भी सीधे हमारे ट्रेडिंग अकाउंट में ही पहुंचते हैं। और यह पैसे तब तक हमारी ट्रेडिंग अकाउंट में सुरक्षित रहते हैं। जब तक कि हम शेयर ना खरीद लें। ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में समझने के लिए हमें डीमेट और ट्रेडिंग अकाउंट की बारीकी को समझना बहुत ही जरूरी होता है।

ट्रेडिंग एकाउंट और डीमेट एकाउंट में क्या अंतर है

डीमैट अकाउंट आपके द्वारा खरीदे गए शेयर्स को रखने का एक लॉकर है। जबकि ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए ही आप किसी कंपनी के शेयर खरीदे या बेच सकते हैं। कुछ इसी प्रकार पैसों का लेन-देन भी ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए ही होता है। यानी जब आप कोई भी शेयर बेचते हैं। और उसके बदले में आपको उसका भुगतान होता है। तो वह भी ट्रेडिंग अकाउंट में आता है।

जिसके बाद आप चाहे तो उस पैसे को अपने बैंक खाते में ट्रांसफर कर सकते हैं। इसके अलावा शेयर खरीदने के लिए भी आपको अपने बैंक से सबसे पहले ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे चाहिए होते हैं। यदि आसान भाषा में कहें। किसी भी कंपनी के शेयर की खरीदारी और बिक्री की प्रक्रिया के साथ-साथ पैसों का लेन-देन भी ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए ही होता है।

ट्रेडिंग अकाउंट क्या है ? What Is Trading Account In Hindi

What Is Trading Account

Trading Account Meaning In Hindi – दोस्तों अगर आप इस लेख को पढ़ रहे है तो जरुर आप शेयर मार्केट में इंटरेस्ट रखते हो या फिर शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करते हो ! अगर आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करते है तो आप यह जरुर जानना चाहते होंगे कि ट्रेडिंग अकाउंट क्या है ? ( Trading Account Kya Hai ). यह डीमैट अकाउंट से किस प्रकार अलग है ( Trading Account and Demat Account Difference ) ? यदि आप इन सब बातो को जानना चाहते है तो इस आर्टिकल को अंत तक जरुर पढ़े ! तो आइये जानते है ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है ? और यह किस प्रकार काम करता है What Is Trading Account In Hindi

ट्रेडिंग अकाउंट क्या है ? What Is Trading Account In Hindi

ट्रेडिंग अकाउंट वह अकाउंट होता है जिसके माध्यम से हम स्टॉक को खरीदने के लिए पैसे का लेनदेन करते है तथा शेयर्स को खरीदने और बेचने के लिए स्टॉक ब्रोकर को ऑर्डर इसी अकाउंट के द्वारा दिया जाता है ! यह अकाउंट एक प्रकार से हमारे बैंक अकाउंट और डीमैट अकाउंट के बिच मध्यस्थता का कार्य करता है !

जब हम ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करवाते है तो इसे हमारे डीमैट अकाउंट से लिंक कर दिया है ! और जब हमें शेयर्स खरीदने होते है तो हम अपने बैंक अकाउंट से पैसे ट्रेडिंग अकाउंट में डाल देते है ! जब हम शेयर खरीदने का ऑर्डर स्टॉक मार्केट को देते है तो जितने पैसे के shares खरीदते है उतने पैसे हमारे डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है ट्रेडिंग अकाउंट से कट जाते है और जो shares हमें मिलते है वो कुछ समय में हमारे डीमैट अकाउंट में जमा हो जाते है !

उसी प्रकार जब हम डीमैट अकाउंट में रखे हुए shares को बेचते है तो उन shares के पैसे ब्रोकरेज चार्ज के साथ हमारे ट्रेडिंग अकाउंट में जमा हो जाते है और shares डीमैट अकाउंट से निकलकर खरीदने वाले के अकाउंट में जमा हो जाते है !

सरल शब्दों में हम कह सकते है कि ट्रेडिंग अकाउंट एक प्रकार से शेयरों की ट्रेडिंग करने के लिए होता है , जहाँ पर हमारे shares खरीदने और बेचने का ऑर्डर तथा पैसो के डेबिट और क्रेडिट रिकॉर्ड रखे जाते है ! वर्तमान में सभी प्रकार के ब्रोकर्स हमें एक साथ डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने की सुविधा देते है !

ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोले ( Trading Account Kaise Khole )

जब भी आप ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करवाना चाहते है तो इसके लिए आपको स्टॉक ब्रोकर से संपर्क करना होगा ! आप यह अकाउंट स्टॉक ब्रोकर के ऑफिस में डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है जाकर या फिर जिस भी ब्रोकर से ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना चाहते है उसकी वेबसाइट पर जाकर जरुरी डाक्यूमेंट्स submit करके भी यह अकाउंट ओपन कराया जा सकता है !

आपको बता दे की स्टॉक ब्रोकर एक प्रकार से रजिस्टर्ड कंपनी होती है जो SEBI के नियमो के अनुसार चलती है ! वर्तमान में भारत में लगभग 8 हजार से भी ज्यादा स्टॉक ब्रोकर कम्पनी रजिस्टर्ड है ! आपको ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए सही कंपनी का चुनाव करना होगा जिसमे ब्रोकरेज charges तथा वार्षिक शुल्क बहुत कम हो तथा जो आपको अच्छी सुविधाए उपलब्ध करवाए !

ट्रेडिंग अकाउंट के लाभ ( Benefits of Trading Account )

  • वर्तमान में सब कुछ डिजिटल होने से ऑनलाइन ट्रेडिंग काफी आसान और सरल हो गई !
  • इस अकाउंट के माध्यम से जब आप shares खरीदते और बेचते है तो आपके ट्रेडिंग अकाउंट से अपने आप ही पैसे डेबिट और क्रेडिट हो जाते है !
  • आप shares की ट्रेडिंग अपने मोबाइल के माध्यम से कही भी कर सकते है !
  • ऑनलाइन ट्रेडिंग की सुविधा मिलने से निवेशक को अपने ब्रोकर को कॉल करके ऑर्डर देने की जरुरत नही होती है ! उसके द्वारा दिया गया ऑर्डर तुरंत अप्लाई हो जाता है !

ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है

ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता ? और इसके फायदे क्या है ? इन सब बातो को जान लेने के पश्चात् अब आपके मन में यह सवाल चल रहा होगा कि आखिर ये ट्रेडिंग अकाउंट काम कैसे करता है ! आइये जानते है ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है –

जब आप ट्रेडिंग अकाउंट के माध्यम से ऑनलाइन ट्रेडिंग करना चाहते है तो सबसे पहले आपको अपने बैंक अकाउंट के माध्यम से पैसे ट्रेडिंग अकाउंट में ट्रान्सफर करने होंगे ! उसके बाद आप जिस भी कंपनी का शेयर या स्टॉक खरीदना चाहते है तो उसका प्राइस देखना होता है अब उस प्राइस के हिसाब से आप शेयर खरीदने का ऑर्डर प्लेस कर सकते है ! आपके द्वारा दिया गया ऑर्डर स्टॉक एक्सचेंज तक पहुँचता है अब इस ऑर्डर का काउंटर ऑर्डर मिल जाने पर यह ऑर्डर execute हो जाता है !

जब आपके द्वारा दिया गया ऑर्डर complete हो जाता है तो आपके ट्रेडिंग अकाउंट में से पैसे कट जाते है और ख़रीदे गए shares आपके डीमैट अकाउंट में ब्रोकरेज चार्ज और टैक्स कटकर एक या दो दिन में जमा हो जाते है !

इसी प्रकार जब आप डीमैट अकाउंट में रखे हुए shares को बेचना चाहते है तो बेचे गए शेयर आपके डीमैट अकाउंट से निकलकर खरीदने वाले के डीमैट अकाउंट में ट्रान्सफर हो जाते है और आपके ट्रेडिंग अकाउंट में ब्रोकरेज चार्ज और टैक्स कटकर पैसे जमा हो जाते है ! इस प्रकार से यह ट्रेडिंग अकाउंट काम करता है !

ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट में अंतर ( Trading Account and Demat Account Difference )

वर्तमान डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है में सभी कंपनियां हमें डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट एक साथ देने की सुविधा के कारण हम इन दोनों के बिच क्या अंतर है यह नहीं जान पाते है ! लेकिन यदि आप ध्यान से समझेंगे तो इन दोनों में बहुत ही अंतर है , जो इस प्रकार है –

ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट में मुख्य अंतर यही है कि ट्रेडिंग अकाउंट के माध्यम से हम shares को खरीदने और बेचने का डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है ऑर्डर देते है तथा इसमें हम shares को खरीदने के लिए पैसे को जमा रख सकते है , जबकि डीमैट अकाउंट में हम पैसे को जमा नहीं रख सकते यह हमें ख़रीदे गए shares को स्टोर करने अर्थार्त रखने की सुविधा प्रदान करता है !

दोस्तों उम्मीद करता हूँ ट्रेडिंग अकाउंट क्या है ? What Is Trading Account In Hindi लेख आपको पसंद आया होगा ! अगर Trading Account Kya Hai आर्टिकल के सम्बन्ध में आपके मन में कोई सवाल है तो आप हमें कमेंट के माध्यम से पूछ सकते है !

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sidney134

डीमैट और एक ट्रेडिंग अकाउंट के बीच मुख्य अंतर यह होता है कि एक डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल आपकी प्रतिभूतियों जैसे कि आपके शेयर प्रमाणपत्र और अन्य दस्तावेजों को इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में रखने के लिए किया जाता है जबकि अकाउंट का इस्तेमाल स्टॉक बाजार में इन प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने के लिए किया जाता है।

anitajoshi197720

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