पीपीएफ: पब्लिक प्रोविडेंट फंड के बारे में पूरी जानकारी
पब्लिक प्रोविडेंट फंड, जिसे आमतौर पर पीपीएफ के रूप में जाना जाता है, भारत में बचत को निवेश में बदलने के सबसे लोकप्रिय तरीकों में से एक है। 1968 में शुरू किया गया, PPF आपकी बचत पर कर-मुक्त ब्याज अर्जित करने के सबसे सुरक्षित तरीकों में से एक है।
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PPF में हर महीने इस तारीख तक जरूर जमा कर दें पेसे, चूके तो सीधे रिटर्न पर होगा असर
PPF Account: पीपीएफ एक ऐसी स्कीम है जिसमें तय तारीख तक हर महीने पैसे जमा करने के मायने हैं. पीपीएफ अकाउंट पोस्ट ऑफिस या बैंक में खोले जाते हैं.
लंबे समय तक निवेश करने के लिए पीपीएफ यह एक अच्छा और सुरक्षित ऑप्शन है. (ज़ी बिज़नेस)
PPF Account: भारत सरकार की तरफ से आम जनता को निवेश करने के लिए कई छोटी बचत योजनाएं (small savings schemes) उपलब्ध हैं. इसमें पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS), नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC), किसान विकास पत्र (KVP), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) जैसी कई योजनाएं हैं. इन योजनाओं की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इनमें आपको गारंटीड रिटर्न मिलते हैं. इसके लिए आप हर महीने एक तय रकम जमा भी करते हैं. लेकिन इनमें से पीपीएफ एक ऐसी स्कीम है जिसमें तय तारीख तक हर महीने पैसे जमा करने के मायने हैं. पीपीएफ अकाउंट पोस्ट ऑफिस या बैंक में खोले जाते हैं.
पीपीएफ में मायने रखती है तारीख
सेबी में रजिस्टर्ड फाइनेंशियल प्लानर जितेंद्र सोलंकी का कहते हैं कि पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में आप किस तारीख में निवेश करते हैं और किस तारीख में पैसे जमा करते हैं, ब्याज दर उसी के मुताबिक काम करता है. पीपीएफ में ब्याज दर तो सालाना मिलता है, लेकिन चक्रवृद्धि ब्याज कैलकुलेशन हर महीने होता है. पीपीएफ अकाउंट नियमों के मुतबिक, पीपीएफ अकाउंट में उपलब्ध न्यूनतम बैलेंस राशि के पीपीएफ में निवेश के लिए कौन पात्र है? आधार पर महीने की 5 तारीख से आखिरी तारीख तक पीपीएफ खाते के ब्याज की गणना होती है.
अगर कोई पीपीएफ अकाउंटहोल्डर किसी महीने की पहली से पांच तारीख तक अपने पीपीएफ खाते में जमा करता है, तो वह उस महीने के पीपीएफ ब्याज के लिए भी पात्र होगा. सोलंकी कहते हैं कि अगर आप 5 पीपीएफ में निवेश के लिए कौन पात्र है? तारीख के बाद पैसे जमा करते हैं तो आपको ब्याज का नुकसान उठाना पड़ेगा जिसका असर आपके रिटर्न पर भी होगा. समझदारी यही है कि हर महीने की एक से पांच तारीख तक आप अकाउंट में पैसे जमा कर दें.
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पीपीएफ अकाउंट के फायदे
लंबे समय तक निवेश करने के लिए पीपीएफ यह एक अच्छा और सुरक्षित ऑप्शन है. इसमें 15 साल के लिए निवेश किया जाता है. रिटायरमेंट के समय इसका बड़ा फायदा मिलता है. पीपीएफ से होने वाली इनकम टैक्स फ्री होती है. आप इनकम टैक्स के सेक्शन 80 सी के तहत इस पर टैक्स छूट का भी फायदा ले सकते हैं. इस पर मिलने वाला ब्याज भी टैक्स फ्री होता है. फिलहाल पीपीएफ पर ब्याज दर 7.1 प्रतिशत है.
PPF अकाउंट खोलने से पहले 10 बेहद जरुरी बातें जान लीजिए
पीपीएफ खाता खोलने के लिए आवश्यक न्यूनतम राशि 100 रुपये है. हालांकि, किसी को वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 500 रुपये जमा करने की जरूरत होती है.
पीपीएफ खाता खोलने के लिए आवश्यक न्यूनतम राशि 100 रुपये है. हालांकि, किसी को वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 500 रुपये जमा करने की जरूरत होती है. (Reuters)
वर्तमान में भारतीय पीपीएफ में निवेश के लिए कौन पात्र है? बाजार में कई सारे निवेश उत्पाद उपलब्ध हैं. हालांकि, पीपीएफ या पब्लिक प्रोविडेंट फंड अभी भी जोखिम-प्रतिकूल निवेशकों और आम आदमी के लिए सबसे बेहतर निवेश मार्गों में से एक बना हुआ है. कारण यह है कि बेहतर रिटर्न देने के साथ ही यह योजना आयकर लाभ भी देती है जो केवल कुछ सीमित निवेश उत्पादों द्वारा प्रदान की जाती है.
पीपीएफ का एक अन्य लाभ यह है कि एक पीपीएफ खाता आसानी से दोनों डाकघरों और बैंकों में खोला जा सकता है और पीपीएफ की सुविधा प्रदान करने वाले अधिकांश बैंकों में ऑनलाइन भी. एप्लिकेशन को सत्यापित और मुद्रित करने के लिए आपको केवल एक बैंक शाखा में जाना होता पीपीएफ में निवेश के लिए कौन पात्र है? है.पीपीएफ में निवेश के लिए कौन पात्र है?
यदि आप एक पीपीएफ खाता खोलने के इच्छुक हैं, तो यहां 10 चीजें हैं जिन्हें आपको जानने की जरुरत है:
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1. योग्यता
एक पीपीएफ खाता किसी पोस्ट ऑफिस या बैंक में अपने नाम से और नाबालिग की तरफ से किसी और व्यक्ति द्वारा खोला जा सकता है. हालांकि, नियमों के अनुसार, एक हिंदू अविभाजित परिवार(HUF) के नाम पर एक पीपीएफ खाता खोला नहीं जा सकता है. इसके अलावा, एक संयुक्त खाता भी नहीं खोला जा सकता है.
2. निवेश की सीमाएं
पीपीएफ खाता खोलने के लिए आवश्यक न्यूनतम राशि 100 रुपये है. हालांकि, किसी को वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 500 रुपये जमा करने की जरूरत है, जबकि अधिकतम निवेश सीमा 150,000 रुपये प्रति वर्ष तय की गई है. राशि प्रतिवर्ष अधिकतम 12 किस्तों में या एकमुश्त राशि में जमा की जा सकती है.
3. योजना की अवधि
पीपीएफ खाता खोलने के लिए आवश्यक न्यूनतम राशि 100 रुपये है. हालांकि, किसी को वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 500 रुपये जमा करने की जरूरत है.
पीपीएफ खाते की परिपक्वता अवधि 15 वर्ष है, लेकिन अवधि परिपक्वता के एक वर्ष के भीतर प्रत्येक के 5 या एक से अधिक ब्लॉक के लिए बढ़ाया जा सकता है.
4. नामांकन सुविधा
नॉमिनेशन सुविधा पीपीएफ खाते खोलने के समय और एक या अधिक व्यक्तियों के नाम पर इसे खोलने के समय भी उपलब्ध है.
5. पीपीएफ खाते का स्थानांतरण
खाताधारक के अनुरोध पर एक पीपीएफ खाते को एक डाकघर से दूसरे कार्यालय में या डाकघर से बैंक या किसी बैंक से दूसरे बैंक में स्थानांतरित किया जा सकता है. इस सेवा के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है.
6. ऋण और निकासी
पीपीएफ खाते से ऋण और निकासी, खाते की उम्र के साथ-साथ निर्दिष्ट तिथि और शेष राशि को देखकर दी जाती है. आम तौर पर एक पीपीएफ खाता खोलने के बाद तीसरे वित्तीय से ऋण का लाभ लिया जा सकता है जबकि खाता खोलने के वर्ष से सातवें वित्तीय वर्ष से प्रत्येक वर्ष निकासी की अनुमति है.
7. Tax लाभ
एक पीपीएफ खाते में जमा पैसे आयकर अधिनियम की 80C की आय से कटौती के लिए अर्हता प्राप्त करते हैं. यहां तक कि ब्याज आय पूरी तरह टैक्स मुक्त है, जबकि परिपक्वता राशि पर कोई टैक्स नहीं लगाया नहीं जाता है. इस प्रकार, अपने छूट निवेश, छूट रिटर्न, छूट परिपक्वता या निकासी लाभ के साथ, पीपीएफ आज भारत में सबसे अच्छा टैक्स बचत निवेश विकल्प बन गया है.
8. ब्याज दर
पीपीएफ के हित की दर तिमाही आधार पर सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है. वर्तमान में ब्याज दर 7.6 प्रतिशत प्रति वर्ष है जो कि 1 जनवरी 2018 से प्रभावी है.
9. समयपूर्व निकासी
लागू नियमों के तहत पीपीएफ खाते से समयपूर्व निकासी की जा सकती है.
10. समयपूर्व बंद
सामान्य मामलों में 15 साल से पहले एक पीपीएफ खाते का समयपूर्व बंद होने की अनुमति नहीं है. हालांकि, कुछ निर्दिष्ट आधारों जैसे उच्च शिक्षा आवश्यकताओं या चिकित्सा आपात स्थिति पर एक पीपीएफ खाता समय-समय पर बंद किया जा सकता है, लेकिन खाते को अनिवार्यता के मामले में 5 साल से पहले बंद नहीं किया जा सकता है.
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EPF, VPF और PPF में से किसमें निवेश करना है फायदेमंद? जानिए तीनों योजनाओं की खासियतें और खामियां
ये योजनाएं न केवल अच्छा रिटर्न देती हैं बल्कि ये सुरक्षित भी हैं.
लॉन्ग टर्म के लिए रिस्क फ्री निवेश करने वाले निवेशकों की पहली पसंद प्रोविडेंट फंड योजनाएं हैं. इनमें बढिया रिटर्न तो . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : September 20, 2022, 07:15 IST
हाइलाइट्स
ईपीएफ किसी जॉब करने वाले व्यक्ति के सैलरी से एक अनिवार्य योगदान है.
पीपीएफ में कोई भी व्यक्ति कर सकता है चाहें वो जॉब करता हो या नहीं.
वीपीएफ एक स्वैच्छिक योजना है. इसका अलग से अकाउंट नहीं होता.
नई दिल्ली. कर्मचारी भविष्य निधि (EPF), पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और स्वैच्छिक भविष्य निधि (VPF) ऐसी निवेश योजनाएं हैं जो न केवल अच्छा रिटर्न देती हैं बल्कि ये सुरक्षित भी हैं. ये सभी योजनाएं जहां निवेश पर निश्चित रिटर्न की गारंटी देती हैं, वहीं इनमें टैक्स छूट का लाभ भी मिलता है. यही वजह है कि लॉन्ग टर्म के लिए रिस्क फ्री निवेश करने वाले निवेशकों को ये प्रोविडेंट फंड योजनाएं बहुत पसंद हैं.
इन तीनों ही योजनाओं में निवेश करने के कई फायदे होते हैं. इसीलिए निवेशकों के सामने इनमें से किसी एक का चुनाव करना काफी कठिन होता है. ईपीएफ किसी जॉब करने वाले व्यक्ति के सैलरी से एक अनिवार्य योगदान है. पीपीएफ में कोई भी व्यक्ति कर सकता है चाहें वो जॉब करता हो या नहीं. इसी तरह वीपीएफ एक स्वैच्छिक योजना है. इसका अलग से अकाउंट नहीं होता. ईपीएफ अकाउंट में ही इसके लिए निवेश करना होता है.
कर्मचारी भविष्य निधि
सीएनबीसी टीवी18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस योजना के तहत कर्मचारी को अपने वेतन की एक तय राशि ईपीएफ अकाउंट में जमा करानी होती है. नियोक्ता भी कर्मचारी के ईपीएफ अकाउंट में कर्मचारी के जितनी ही राशि जमा कराता है. ईपीएफ पर जमा राशि पर ब्याज मिलता है और इसमें टैक्स छूट भी प्राप्त होती है.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड
PPF सरकार की गारंटीशुदा निवेश योजना है. इसमें रिटर्न फिक्स होता है और टैक्स छूट मिलती है. इसकी खास बात पीपीएफ में निवेश के लिए कौन पात्र है? है कि इसमें वेतनभोगी और गैरवेतनभोगी निवेश कर सकते हैं. पीपीएफ में नियोक्ता कोई योगदान नहीं देता है. पीपीएफ में चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है. इस योजना में 15 साल तक निवेश किया जा सकता है.
वीपीएफ
वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड या स्वैच्छिक भविष्य निधि एक स्वैच्छिक योजना है. ईपीएफ में आप अपनी मर्जी से जो निवेश करते हो, वह वीपीएफ में जाता है. यह ईपीएफ में किए जाने वाले 12 फीसदी निवेश से अलग होता है. वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड में कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) जितना ब्याज मिलता है. इसकी ब्याज दरों में हर साल परिवर्तन होता है.
कहां करें निवेश?
नौकरी करने वाला व्यक्ति ईपीएफ में निवेश करता ही है. अगर आप वेतनभोगी हैं और रिटायरमेंट के लिए ज्यादा फंड जमा करना चाहते हैं तो आपको वीपीएफ में भी निवेश करना चाहिए. आप पीपीएफ में अलग से पैसा जमा पीपीएफ में निवेश के लिए कौन पात्र है? करा सकते हैं. पीपीएफ और वीपीएफ में से किसी एक में निवेश का निर्णय व्यक्ति की निवेश क्षमता और निवेश पर मिलने वाले रिटर्न की अपेक्षा पर निर्भर करता है. वीपीएफ में क्योंकि ज्यादा ब्याज मिल रहा है, इसलिए इसमें किए गए निवेश से तेज गति से ज्यादा रिटायरमेंट फंड आप बना सकते हैं.
अगर आपको 15 साल में ही कोई वित्तीय लक्ष्य हासिल करना है तो आपको पीपीएफ में इनवेस्टमेंट करना चाहिए. जिनकी आय ज्यादा है वो टैक्स फ्री ब्याज के लिए वीपीएफ और पीपीएफ दोनों में पैसा लगा सकते हैं. सेल्फ इंप्लॉयड के लिए पीपीएफ बेहतरीन निवेश विकल्प है. यह टैक्स सेविंग और लॉन्ग टर्म में बड़ा फंड बनाने का बढिया निवेश साधन है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
वीपीएफ और पीपीएफ में से किसमें निवेश आपके लिए फायदेमंद?
वीपीएफ इम्प्लॉयी प्रोविडेंट फंड यानी ईपीएफ का एक्सटेंशन है. सिर्फ वही नौकरीपेशा लोग इसमें पैसा लगा सकते हैं जिनका सक्रिय ईपीएफ अकाउंट है और ईपीएफ में नियमित कॉन्ट्रिब्यूशन करते हैं.
किसमें होती है ज्यादा टैक्स सेविंग्स?
जब निवेश की रकम पर टैक्स डिडक्शन बेनिफिट की बात आती है तो ईपीएफ की तरह वीपीएफ में भी सेक्शन 80सी के तहत छूट मिलती है. किसी वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर यह छूट उपलब्ध है. पीपीएफ में भी यह डिडक्शन मिलता है. हालांकि, इन दोनों प्रोडक्टों से मिले रिटर्न पर टैक्स अलग-अलग तरह से लगता है. पीपीएफ में समूचे रिटर्न पर टैक्स छूट मिलती है. हालांकि, कोई इसमें 1.5 लाख रुपये तक ही निवेश कर सकता है.
हाल में केंद्रीय बजट में वीपीएफ से मिले रिटर्न पर छूट की सीमा तय की गई है. प्रस्ताव के अनुसार, अगर वीपीएफ और ईपीएफ में निवेश मिलाकर 2.5 लाख रुपये से ज्यादा है तो पीपीएफ में निवेश के लिए कौन पात्र है? अतिरिक्त रकम पर कमाए गए ब्याज पर टैक्स लगेगा.
दोनों के रिटर्न में क्या फर्क है?
पीपीएफ की ब्याज दरें हर तिमाही तय होती हैं. मार्च 2021 में समाप्त होने वाली तिमाही के लिए इसकी ब्याज दरें 7.1 फीसदी हैं. वित्त वर्ष 2020-21 के लिए ईपीएफ की ब्याज दर का एलान होना अभी बाकी है. वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ईपीएफ पर ब्याज दर 8.5 फीसदी रखा गया है.
न्यूनतम और अधिकतम कितना निवेश कर सकते हैं?
पीपीएफ में आप कम से कम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये निवेश कर सकते हैं. किसी साल अगर आप न्यूनतम निवेश नहीं करते हैं तो खाता 'इनएक्टिव' हो पीपीएफ में निवेश के लिए कौन पात्र है? जाता है. इस तरह के न्यूनतम और अधिकतम कॉन्ट्रिब्यूशन की बंदिशें वीपीएफ में नहीं हैं.
क्या बेहतर है?
सैलरीड इम्प्लॉयी अपनी कंपनी में एप्लीकेशन जमा करके वीपीएफ का विकल्प चुन सकते हैं. इसमें आपको बताना होगा कि वीपीएफ में आप कितना निवेश करना चाहते हैं. आकर्षक निवेश विकल्प होने के बावजूद वीपीएफ पीपीएफ के मुकाबले लिक्विडिटी के मोर्चे पर मात खाता है. आप रिटायरमेंट तक वीपीएफ का पैसा नहीं निकाल सकते हैं. लेकिन, पीपीएफ आपको कई विकल्प देता है. जैसे लोन या जरूरत पड़ने पर कुछ खास शर्तों के साथ निकासी.
ऐसे में फाइनेंशियल प्लानर वीपीएफ की लॉक-इन अवधि को ध्यान में रखकर सावधानी के साथ इसे चुनने की सलाह देते हैं. अगर आप रिटायरमेंट तक इस लिक्विडिटी को छोड़ने के लिए तैयार हैं तो बेशक सैलरीड कर्मचारियों के लिए वीपीएफ सबसे अच्छा विकल्प है. नॉन-सैलरीड लोगों के लिए पीपीएफ आकर्षक बना हुआ है. लेकिन, सिर्फ एक ही कमी है कि इसमें आप साल में अधिकतम 1.5 लाख रुपये निवेश कर सकते हैं.
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