ट्रेडिंग क्या है इसके प्रकार और Trading से पैसे कैसे कमाए
ट्रेडिंग क्या है इन हिंदी: शेयर मार्केट में Trading करना और Trading से पैसे कमाना आज के समय में एक सामान्य बात हो गयी है. मोबाइल में अनेक प्रकार के Trading App हैं जिससे यूजर आसानी से Trading कर सकते हैं और पैसे कमा सकते है.
लेकिन क्या आप जानते हैं आखिर Trading se Paise Kaise Kamaye. बहुत सारे लोग Trading करते तो हैं लेकिन उन्हें वास्तव में पता नहीं होता है कि Trading क्या है.
Trading के विषय में आपके सारे Confusion को दूर करने के लिए हमने यह लेख आपके लिए लिखा है. इस लेख में आपको जानने को मिलेगा कि ट्रेडिंग किसे कहते हैं. ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है, ट्रेडिंग कैसे की जाती है और ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमायें जाते हैं. तथा कुछ Best Trading App के बारे में भी आपको इस लेख में जानने को मिलेगा.
अगर आप Trading के बारे में सही जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा अंत तक जरुर पढ़ें, हमें पूरी उम्मीद हैं कि इस लेख को अंत तक पढने के बाद आपको Trading का ज्ञान हो जायेगा. तो चलिए बिना देरी के शुरू करते हैं इस लेख को और जानते हैं ट्रेडिंग क्या होता है.
Trading in Hindi | ट्रेडिंग कैसे सीखें | ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं?
Trading क्या होती है और कैसे की जाती है? अगर आपके मन में भी सवाल है तो आपको आज बहुत मज़ा आने वाला है क्योंकि आज हम ट्रेडिंग से जुड़ी सभी जानकारी आपके साथ शेयर करने वाले हैं। हम जानेंगे कैसे दुनिया में लोग मात्र एक दिन में ट्रेडिंग से हज़ारों रूपये कमा लेते हैं और आप ऐसा कैसे कर सकते हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया के 100 सबसे अमीर आदमियों की लिस्ट में 2 ट्रेडर भी शामिल है जिन्होंने अपनी ट्रेडिंग कला के बल पर बेशुमार दौलत इकट्ठा की है। हालाँकि ऐसे भी लाखों उदाहरण हैं जहाँ ट्रेडिंग ने लोगो को डुबो दिया । ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने ट्रेडिंग साइकोलॉजी से जुड़ी किताबें नहीं पढ़ी थी।
मार्किट लोगों के मूड से चलता है और अगर आपको पब्लिक के मन का नहीं पता तो आप एक सफल ट्रेडर नहीं बन पाओगे इसलिए पहले शेयर मार्किट की बेस्ट किताबें पढ़कर ज्ञान अर्जित करें और उसके बाद ही ट्रेडिंग करना शुरू करें।
Trading मीनिंग इन हिंदी
आसान हिंदी भाषा में ट्रेडिंग का मतलब होता है ‘व्यापर’ या ‘लेनदेन’। अब व्यापार तो वैसे किसी भी चीज़ का हो सकता है लेकिन क्योंकि हम यहाँ शेयर मार्किट की बात कर रहे हैं तो यहाँ ट्रेडिंग का मतलब है शेयर खरीदने और बेचने की प्रक्रिया।
ट्रेडिंग क्या होती है?
जब आप किसी कंपनी के शेयर को कम दाम पर खरीदते हैं और कुछ मिनट, घंटे, या दिनों बाद उस शेयर की कीमत बढ़ जाने के बाद ज़्यादा दाम पर बेचते हैं तो इसी को हम सफल ट्रेडिंग कहते हैं। एक ट्रेडर को सफल तभी कहा जा सकता है जब वह कोई भी शेयर मुनाफे के साथ बेचे अन्यथा अपना नुकसान तो वे लोग भी करते हैं जिन्हे ट्रेडिंग का T भी नहीं पता।
ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं?
अब जैसा की हमने आपसे ट्रेडिंग की परिभाषा में कहा की आप किसी शेयर को कुछ मिनटों से लेकर हफ्ते भर तक होल्ड कर सकते है। उसी समय अवधि के अनुसार ट्रेडिंग को मुख्य रूप से दो प्रकार में विभाजित किया गया है:
इंट्राडे ट्रेडिंग(Intraday Trading):
इंट्राडे का हिंदी में मतलब है ‘दिन के अंदर’। जब आप किसी शेयर को एक ही दिन में खरीदते और मार्किट बंद होने से पहले बेच देते हैं तो उस प्रकार की ट्रेडिंग को इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है। इसमें आपको सुबह मार्किट खुलते ही पोजीशन बनानी होती है क्योंकि अच्छे मौके सुबह ही मिलते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग का ही एक और टाइप होता है जिसे हम कहते है स्कल्पिंग(Scalping) जिसमे मार्किट खुलने के एक घंटे के अंदर ही शेयर का खरीदना और बेचना दोनों हो जाता है।
स्विंग ट्रेडिंग(Swing Trading)
स्विंग का हिंदी में मतलब होता है ‘झूलना’ और ट्रेडिंग जगत में भी इसका मतलब होता है किसी शेयर को एक से ज़्यादा ट्रेडिंग सेशन तक पकड़ के रखना और कुछ दिन या हफ़्तों बाद बेचना। हम ऐसा कह सकते है कि आपको एक शेयर लेकर कुछ दिनों या हफ़्तों तक झूलना है और जब उसकी कीमत आपके मुताबिक बढ़ जाये तो उसे बेच देना है। अब क्योंकि स्विंग Trading में हम एक दिन से ज़्यादा शेयर को होल्ड करते हैं इसे हम डिलीवरी(Delivery) ट्रेडिंग भी कहते है।
अगर आप एक हफ्ते के आगे तक अगर कोई शेयर होल्ड करते हैं तो आप पोज़िशनल(Positional) ट्रेडिंग कर रहे हैं और अगर आप 1 महीने से ज़्यादा कोई शेयर रखते है तो फिर आप ट्रेडिंग नहीं इन्वेस्टिंग कर रहे हैं क्योंकि स्विंग ट्रेडिंग की अधिकतम अवधि 2 महीने है। उसमे भी लोग एक हफ्ते से ज़्यादा किसी शेयर को होल्ड नहीं करते तो एक महीना तो बहुत दूर की बात है।
ट्रेडिंग कैसे सीखें? How to Learn Trading in Hindi?
ट्रेडिंग एक ऐसी चीज़ है जो आपको एक दिन में नहीं आएगी। इसके लिए आपको रोज़ पढ़ना पड़ेगा। जिस प्रकार अच्छी किताबें और अच्छे लोग तुरंत समझ में नहीं आते उन्हें पढ़ना पड़ता है। वैसे ही ट्रेडिंग का ज्ञान लेने के लिए आपको टेक्निकल एनालिसिस और Trading Psychology से जुड़ी किताबों को पढ़ना पड़ेगा तब जाकर कुछ बात बनेगी।
इसके बाद भी सिर्फ पढ़ने से काम नहीं चलेगा। आपको मार्किट का रुख देखकर अपनी खुद की स्ट्रेटेजी बनानी पड़ेगी और जिस शेयर में ट्रेडिंग करने की सोच रहे हैं उसके कैंडलस्टिक चार्ट को देखकर उसका तकनिकी विश्लेषण करना होगा। इसके बाद ही आपको पता चल पायेगा कि वो शेयर ऊपर जायेगा या नहीं।
मार्किट से बड़ा गुरु कोई नहीं है इसलिए अगर आप Trading सीखना चाहते हैं तो लाइव ट्रेडिंग सेशन के दौरान किसी भी स्टॉक को पकड़ लें जिसके प्राइस में तेजी से बदलाव हो रहे हो। उस शेयर के पीछे के पैटर्न को देखकर आने वाले पैटर्न का अंदाज़ा लगाएं और खुद का टेस्ट करें।
स्टॉक मार्किट में एक्सपर्ट निवेशक बनने के लिए आप seekhonivesh.com पर हमारे आर्टिकल पढ़ सकते है। आपको लगभग हर दिन एक नयी जानकारी मिलेगी जो आपको एक सफल निवेशक और बेहतर इंसान बनने में मदद करेगी।
ट्रेडिंग कैसे की जाती है?
Trading शुरू करने के लिए आपको सबसे पहले एक डीमैट अकाउंट की ज़रूरत पड़ती है जो आपको स्टॉक एक्सचेंज के साथ जोड़ता है। बिना ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट के बिना आप शेयर खरीदने की सोच भी नहीं सकते।
अगर आपने डीमैट अकाउंट खुलवा लिया है तो आप बिना किसी दिक्कत के ट्रेडिंग शुरू कर सकते है। दुनिया के शेयर बाज़ारों की टाइमिंग अलग अलग होती है जैसे भारतीय स्टॉक मार्किट सुबह 9:15 पर खुलता है और दोपहर 3:30 बजे बंद हो जाता है जबकि अन्य स्टॉक एक्सचेंज जैसे यूरोप,ऑस्ट्रेलिया, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज और अमेरिकी नैस्डेक की ओपन टाइमिंग काफी अलग है।
तो जिस मार्किट में आपको Trading करनी है उसकी ओपनिंग स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है? और क्लोजिंग टाइमिंग पता करें। फिर ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खुलवाएं। ट्रेडिंग अकाउंट इंट्राडे ट्रेडिंग में मदद करेगा और डीमैट आपको स्विंग ट्रेडिंग करने में मदद करेगा क्योंकि आपके ख़रीदे गए शेयर डीमैट के अंदर ही रखे जायेंगे। ये दोनों काम करने के बाद आप आराम से किसी भी शेयर में ट्रेड करना शुरू कर सकते हैं।
शुरुआत में हमेशा बहुत कम पैसे लगाकर देखें ताकि अगर नुकसान भी हो तो कम हो। अगर आप पहली बार में कामयाब नहीं होते हैं तो घबराने की कोई बात नहीं है क्योंकि हमने पहले से ही कम पैसो से शुरुआत की है और वे ही पैसे लगाएं जिनके जाने का आपको गम न हो और लोन लेकर ट्रेड करने की सोच रहे हैं तो ऐसा ख्याल भी मन से निकाल दें।
लोन लेकर ट्रेड करना पाप है इसलिए Trading करने के लिए केवल उन्हों पैसो का इस्तेमाल करे जो अगर चले भी जाये तो आपके परिवार पर कोई असर न पड़े पर अगर आपको रिस्क लेना का शोक है तो आईपीओ में निवेश करना एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
scalping trading meaning in hindi स्काल्पिंग ट्रेडिंग
scalping trading meaning in hindi आर्टिकल में आप जानने वाले है की scalping trading क्या है. शेयर मार्किट में इंट्राडे ट्रेडिंग, स्विंग ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट तो आप कर ही रहे होगे लेकिन क्या आपको पता है की स्काल्पिंग ट्रेडिंग किसे कहते है?
स्काल्पिंग ट्रेडिंग का हेतु कम समय में मुनाफा प्राप्त करना होता है. जैसे हम इंट्राडे में माकेट ओपन होने के बाद शेयर की खरीदी करके मार्किट क्लोज होने से पहले उस शेयर को बेच देते है वैसे ही स्काल्पिंग ट्रेडिंग में बहुत ही कम समय अवधि में शेयर को खरीद के बेच देना होता.
स्काल्पिंग ट्रेडिंग का उदेश्य किसी भी शेयर में आये जरा भी उछाल या गिरावट को मुनाफा में बदलना होता है.स्काल्पिंग ट्रेडिंग बहुत ही अनुभव और शेयर मार्किट का ज्ञान लेकर करनी चाहिए. स्काल्पिंग ट्रेडिंग में टेक्निकल एनालिसिस की टेक्निक्स का भी उपयोग होता है अब हम इस आर्टिकल scalping trading meaning in hindi में स्काल्पिंग ट्रेडिंग के बारे में डिटेल में समजते है.
scalping trading meaning in hindi
Table of Contents
स्कालिपिंग ट्रेडिंग एक ऐसी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी ही जिसमे आप किसी भी शेयर को कुछ सेकंड और मिनिट के लिए खरीदते है और शेयर का भाव जैसे ही थोडा बढ़ता है आप उसे बेच देते है. स्काल्पिंग ट्रेडिंग ज्यादा क्वांटिटी के साथ की जाती है क्यूंकि आपको शेयर का भाव थोडा सा ही बढ़ते ही उसे बेच देना होता है.
स्काल्पिंग ट्रेडिंग में आप बहुत की कम समय में शेयर को खरीद के बेच देते है या बेचे हुए शेयर को कुछ ही सेकंड्स या मिनिट में खरीद लेते है. मतलब स्काल्पिंग ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी में शेयर स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है? में आये थोड़े से भी उछाल या गिरावट को पकडके उससे मुनाफा कमाने का हेतु होता है.
स्काल्पिंग ट्रेडिंग में बहुत ही छोटी समय अवधि के टाइम फ्रेम का उपयोग किया जाता है. अगर आप किसी इंडिकेटर, मूविंग एवरेज, या कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न का उपयोग करते है तो आप शोर्ट टाइम फ्रेम का उपयोग करते है.
scalping trading example:
स्काल्पिंग ट्रेडिंग को में आपको एक एक्साम्प्ल देकर समजाता हु. जैसे की मान लो की कोई शेयर अभी २०० पे ट्रेड कर रहा है आप को लगता है की इस शेयर का भाव थोडा ऊपर जा सकता है. अब आप इस शेयर को २०० के भाव पर १००० शेयर को खरीद लेते है और जैसे ही इस शेयर का भाव २.२० पैसे हो जाता है आप उसे बेच देते है.
इस प्रकार सिर्फ २० या ३० पैसे या ५० पैसे के उछाल पे भी आप शेयर को बेच देते है. अब आपके पास १००० शेयर थे आपको २० पैसे प्रति शेयर के हिसाब से आपको २०० रुपये मिल जायेंगे. अगर आप इस शेयर को १ रुपये के ऊपर जाने के बाद बेचते है तो आपको १००० का प्रॉफिट होगा. इस प्रकार स्काल्पिंग ट्रेडिंग में शेयर के भाव में आ रही तेजी या गिरावट को सेकंड्स और मिनिट के ट्रेड में फायदा कमाना होता है.
Scalping trading strategy in hindi
स्काल्पिंग ट्रेडिंग करने के लिए कुछ स्ट्रेटेजी होती है जिसे जानना आपके लिए जरुरी है. स्काल्पिंग ट्रेडिंग में कौनसी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी का उपयोग किया जाता है उनसके बारे में हम इस आर्टिकल scalping trading meaning in hindi आर्टिकल में जानेंगे.
सपोर्ट लेवल: छोटे टाइम फ्रेम में सपोर्ट लेवल को निकाल के आप उस सपोर्ट लेवल से शेयर को खरीद के बेच सकते है. सपोर्ट लेवल निकाल ने के लीये आप चार्ट पे सपोर्ट लेवल खिंच सकते है. सपोर्ट लेवल निकाल ने के लिए ट्रेंड लाइन या कैंडलस्टिक कैंडल का भी उपयोग कर सकते है लेकिन ये सब शोर्ट टाइम फ्रेम में आपको करना होगा.
रेसिस्टेंट लेवल: आप चार्ट पे रेसिस्टेंट लेवल खिंच के ट्रेंड लाइन खिंच के या कैंडलस्टिक कैंडल का उपयोग करके , पाइवोट पॉइंट का उपयोग करके भी आप रेसिस्टेंट लेवल निकाल सकते है. पाइवोट पॉइंट क्या है और इनका कैसे उपयोग करे इनके बारे में आपको पता नहीं है तो आप मेरा आर्टिकल पाइवोट पॉइंट क्या होता है ये आर्टिकल पढ़े.
इंडिकेटर का उपयोग: स्काल्पिंग ट्रेडिंग में आप RSI INDICATOR, MACD INDICATOR या मूविंग एवरेज क्रोस ओवर स्ट्रेटेजी का भी उपयोग कर सकते है. जब आर.एस.आई ३० के लेवल के ऊपर होता है तो आप खरीदी के मौके तलाश सकते है और अगर आर.एस.आई इसके निचे रीडिंग दे रहा है तो आप बिकवाली के मौके तलाश सकते है. इस प्रकार आप MACD INDICATOR का उपयोग करके भी स्काल्पिंग ट्रेडिंग कर सकते है. एम्.ए.सि.डी इंडिकेटर का उपयोग आप क्रॉस ओवर सिग्नल पाने के लिए कर सकते है.
अगर आपको RSI INDICATOR , MACD INDICATOR के बारे में जानकारी नहीं है तो आप मेरा आर्टिकल RSI INDICATOR IN HINDI, MACD INDICATOR IN HINDI पढ़ सकते है.
इस प्रकार स्काल्पिंग ट्रेडिंग में सपोर्ट लेवल , रेसिस्टेंट लेवल, मूविंग एवरेज, और इंडिकेटर, कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न, जैसे टेक्निकल एनालिसिस मेथड का उपयोग करके किया जाता है. अगर आपके पास शेयर मार्किट का अनुभव है तो आप शेयर में आ रहे मोमेंट को पकड़ के भी स्काल्पिंग ट्रेडिंग कर सकते है.
Scalping trading in hindi के फायदे और नुकशान
अब हम scalping trading meaning in hindi आर्टिकल में स्काल्पिंग ट्रेडिंग के फायदे और नुकशान के बारे में डिटेल्स में जानेंगे. अगर आप स्काल्पिंग ट्रेडिंग कर रहे है तो आपको क्या ध्यान रखना स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है? चाहिए और स्काल्पिंग ट्रेडिंग में कब बड़ा नुकशान हो सकता है इनके बारे में भी जानेंगे.
स्काल्पिंग ट्रेडिंग में बहुत कम समय में ज्यादा मुनाफा मिलता है.
दिन में आप कई ट्रेड ले सकते है और ज्यादा मुनाफा कमा सकते है
समय का बचाव होता है जब की इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको पूरा दिन ट्रेडिंग के लिए देना पड़ता है.
स्काल्पिंग ट्रेडिंग में ज्यादा क्वांटिटी में शेयर ख़रीदे या बेचे जाते है जिनके कारण आपको ज्यादा नुकशान होने का खतरा रहता है.
स्काल्पिंग ट्रेडिंग करते समय अचानक शेयर मार्किट में बड़ी गिरावट आ गयी तो ज्यादा क्वांटिटी के कारण बहुत नुकशान हो सकता है.
गलत निर्णय स्काल्पिंग ट्रेडिंग में बड़े नुकशान का कारण बन सकता है.
निष्कर्ष:
scalping trading meaning in hindi आर्टिकल में अब आपको स्काल्पिंग ट्रेडिंग क्या होती है और कैसे करते है इनकी जानकारी मिल चुकी होगी.
स्काल्पिंग ट्रेडिंग का आशय कम समय में ज्यादा मुनाफा कमाना होता है. स्काल्पिंग ट्रेडिंग के लिए आपको अनुभव और टेक्निकल एनालिसिस का ज्ञान होना जरुरी है. स्काल्पिंग ट्रेडिंग एक रिस्की ट्रेडिंग है जिसे सोच समज कर करनी चाहिए वर्ना इसमें बहुत लोस हो सकता है.
शेयर मार्किट टेक्निकल एनालिसिस सिखने और शेयर मार्किट से जुड़े अपडेट के लिए आप मेरी वेबसाइट hindisafar.net विजिट कर सकते है. इस वेबसाइट पर आपको इंट्राडे, स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक स्क्रीनर बिलकुल फ्री में मिल जाएगा. आप स्टॉक स्क्रीनर का उपयोग करके इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए बहुत आसानी से सेकंड्स में शेयर चुन सकते है.
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Volatile stocks for nse| Best liquid stocks स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है? kaise search kare
अगर आप एक ट्रेडर है और अपने stocks के बारे में रिसर्च करते रहते हैं तब आपने ट्रेडिंग से संबंधित एक शब्द जरूर सुना होगा इसको लिक्विड स्टॉक Liquid stocks और दूसरा शब्द आपने सुना होगा Volatile stocks
आखिर इनको लिक्विड Liquid stocks क्यों बोलते हैं, क्या इनमे बहुत ही ज्यादा तरलता होती है इस वजह से इनको लिक्विड स्टॉक बोला जाता है, या फिर कोई और कारण है.
आपकी जानकारी के लिए बता देते हैं कि लिक्विड स्टॉक्स में बहुत ही ज्यादा तरलता होती है और इसमें काफी अच्छी volality होती है
What is the meaning of Liquidity stocks in stock market hindi
शेयर बाजार में लिक्विडिटी से यह मतलब होता है कि ऐसे प्रकार के एसेट में चाहे वह स्टॉक हो या फिर कोई बॉन्ड या कोई और कमोडिटी उसको कितनी जल्दी खरीदा और बेचा जा सकता है ताकि उसको जल्दी से नकदी Cash में बदला जा सके
अगर हम इसको सरल शब्दों में बात करें कि लिक्विड स्टॉक में बहुत ही ज्यादा खरीद और बिक्री होती है, और ऐसे स्टॉक बहुत ही ज्यादा ऊपर नीचे करते हैं.
जैसे इसको अगर हम एक उदाहरण से मान लेते हैं . श्वेता ने एक स्टॉक को 800 रुपए पर खरीदा और उसको 30 मिनट के अंदर 810 रुपए पर बेच दिया.
तब इस तरह का स्टॉक लिक्विड स्टॉक माना जाएगा क्योंकि इसमें प्राइस का मूवमेंट काफी तेजी से हो रहा होता है. अब आपको समझ में आ गया होगा कि जिस स्टॉक्स में प्राइस का मोमेंट बहुत तेजी से होता है ऐसे स्टॉप लिक्विड स्टॉक कहलाते हैं.
Volatility meaning in trading | volality ka kya matlab hota hai
Volality एक प्रकार का Rate जिससे किसी भी स्टॉक सिक्योरिटी की कीमत बढ़ जाती है या घट जाती है. इस तरह के उतार-चढ़ाव को स्थिरता नहीं रह पाती है तब ऐसे स्टॉक वोलेटाइल स्टॉक्स बोला जाता है.
अगर किसी स्टोक्स में बहुत तेजी से कोई प्राइस अचानक से ऊपर बढ़ जाता है और अचानक से नीचे गिर पड़ता है तब ऐसे स्टॉक स्थिर नहीं रहता है
और इस तरह के स्टॉक को वोलेटाइल स्टॉक्स बोलते हैं.
अगर किसी स्टॉक में धीरे-धीरे प्राइस बदलता है तब ऐसा स्टॉक कम वोलेटाइल स्टॉक्स कहलाता है.
बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव को मापने के लिए India Vix Index का स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है? सहारा लिया जाता है.
India vix indicator यह एक तरह का इंडिकेटर है जो यह बताता है कि मार्केट में कितनी ज्यादा uncertanity फैली हुई है.
India Vix range normal 12 to 16
अगर इंडिया विक्स रेंज 18 से ऊपर निकल जाती है तब यह माना जाता है कि बाजार में एक डर का माहौल पैदा हो रहा है इसलिए इसको कम करने के लिए कोशिश की जाती है.
लिक्विडिटी और volality क्या अंतर है दोनों में| Diffrence liquidity and volality
Volality कई तरह के कारण पर निर्भर है जैसे मार्केट में खरीददार क्या डर के माहौल में खरीद रहे हैं या जब भी वह खरीद रहे हैं तब वह निश्चित नहीं है उनको भरोसा नहीं होता है तब वह किसी भी समय अपने स्टॉक को अचानक से बेच देते हैं इस वजह से मार्केट में गिरावट शुरू हो जाती है तब ऐसे समय बाजार को Volality में मापा जाता है और यह बोला जाता है कि मार्केट बहुत ही ज्यादा Volatile हो गया है.
जबकि लिक्विडिटी किसी भी स्टॉक का Bid प्राइस और Ask price के बीच का अंतर बताने में मदद करता है.
लेकिन अगर अगर मार्केट में लिक्विडिटी कम हो जाएगी तब मार्केट बहुत ही ज्यादा Volatile हो सकता है.
volatile stocks for swing trading|swing trading k lie volatile stocks
स्विंग ट्रेडिंग एक ऐसी ट्रेडिंग है जिसमें stock का मोमेंटम हमेशा बना होता है. स्विंग ट्रेडिंग के लिए हमें ऐसे स्टॉक ढूंढने चाहिए जो कि अपने हाई से काफी ज्यादा गिर चुके हैं और उनके फिर से उठने के चांस बाकी है.
ऐसे स्टॉक ढूंढने के लिए आप कुछ टेक्निकल इंडिकेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे कि सपोर्ट और रेजिस्टेंस कैसे ढूंढा जाता है सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस क्या है आप इसके बारे में यहां पर पढ़ सकते हैं.
आप आर.एस.आई RSI और एमएससीडी इंडिकेटर MACD लगा कर के भी इसके बारे में स्विंग ट्रेडिंग के स्टॉक को ढूंढ सकते हैं.
अगर स्टॉक अपने करंट मार्केट प्राइस से अंडरवैल्यू है और मार्केट की कंडीशन और मार्केट के पैरामीटर्स सब एकदम सही हैं तब आप ऐसे स्टॉक पर दांव खेल सकते हैं क्योंकि ऐसे स्टॉक पर दांव खेलना सही दांव खेलना माना इसलिए जाएगा क्योंकि यहां पर स्टॉक दोबारा से ऊपर की तरफ रिवर्ट्स करेगा.
स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कहां से ढूंढे| swing trading k liye high volatile stocks
इस तरह के स्टॉक ढूंढने के लिए आप कंपनी की न्यूज़ के बारे में पढ़ें ऐसे न्यूज़ आर्टिकल को अपने मोबाइल अलर्ट में लगा करके रखें ताकि जब भी इस तरह की न्यूज़ आए तब आपको पता लग जाए कि किस कंपनी में क्या हो रहा है.
और इस तरह के इंडिकेटर आप इस्तेमाल करें और ऐसे स्टॉक्स अपनी वॉच लिस्ट में हमेशा लगाकर रखें जो कि अपने हाई प्राइस से थोड़ा मार्केट में नीचे की तरफ ट्रेड हो रहे हैं तो ऐसे स्टॉक को हम अंडरवैल्यूड स्टॉक बोलते हैं.
वोलेटाइल स्टॉक्स फॉर ऑप्शन ट्रेडिंग.
ऐसे स्टॉक्स में आप इन्वेस्ट भी कर सकते हैं क्योंकि ऐसे स्टॉक्स में रिवर्स आने का पूरा मौका होता है और ऐसे स्टॉक्स आप इस तरह से ढूंढ सकते हैं जो कि Nifty 50, स्टॉक है और stocks all time high बना करके थोड़ा नीचे की तरफ गिर चुके हो. स्टॉक का नेचर Highly volatile होना चाहिए.
स्टॉक आप ऐसे कोशिश करिए कि ऐसा स्टॉक हमेशा Blue chip catagory के अंतर्गत आता हो ,क्योंकि ऐसे स्टॉक्स में अगर स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है? आप पैसा डालेंगे आपका पैसा ना फंसे और आपका पैसा वहां से निकलने की पूरी गुंजाइश हो इसलिए ऐसे स्टॉक्स ब्लू चिप स्टॉक्स की कैटेगरी में आने चाहिए.
How to find liquid stocks for intraday and option
लिक्विड स्टॉक्स की पहचान करना एक प्रोफेशनल ट्रेडर के लिए जरूरी हो जाता है. इसके लिए कुछ पॉइंट आपको अपने दिमाग में रखनी चाहिए
what is the difference between the bid price and ask price for liquid stocks?
जब स्टॉक्स खरीदा जाता है तो उसमें bid लगाई जाती है उसका एक प्राइस होता है जिसे बिड प्राइस बोला जाता है और उसी तरह से एक प्राइस और होता है ask price अगर इन दोनों प्राइस का डिफरेंस काफी कम होता है और इनके बीच का अंतर काफी कम होता है तब हमें यह पता लग जाता है कि इस स्टॉक में खरीदने वाले buyers काफी ज्यादा है और स्टॉक्स में लिक्विडिटी आ गई है
stock trading volume is high
स्टॉक ट्रेडिंग वॉल्यूम बहुत ज्यादा है यानी स्टॉक्स में बहुत ही ज्यादा खरीदी और बिकवाली हो रही है तब भी यह समझ में आता है कि स्टॉक्स में लिक्विडिटी है
ज्यादा ट्रेडिंग वाली स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है? एक स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है? अच्छी निशानी है और इसको पॉजिटिविटी से देख सकते हैं और यह अंदाजा लगा सकते हैं कि आने वाले समय में इसमें buyers काफी ज्यादा एक्टिव होने वाले हैं
High trading volume float price stocks
float इस प्रकार के शेयर होते हैं जो मार्केट में पूरी तरीके से उपलब्ध होते हैं ट्रेडिंग करने के लिए और यह पब्लिक ट्रेडिंग में उपलब्ध किए जाते हैं यानी ओपन मार्केट में ट्रेड किए जाते हैं अगर ट्रेडिंग float high है तब इससे स्टॉक्स में लिक्विडिटी आ सकती है
शेयर मार्केट में ऐसे कौन से शेयर हैं जो बहुत ज्यादा ऊपर – नीचे होते हैं?
आप ऐसे स्टॉक्स गूगल करके देख सकते हैं क्योंकि मैं यहां पर किसी भी स्टॉक का नाम लेना ठीक नहीं समझता हूं क्योंकि मैं यहां किसी भी तरह की एडवाइज या फिर टिप्स प्रोवाइड नहीं करता हूं इसलिए मैं यहां पर किसी स्टॉक का नाम नहीं ले रहा हूं.
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