कई लोग जहां क्रिप्टो करेंसी को इन्वेस्टमेंट के रूप में प्रयोग करते हैं तो कुछ लोग इसे अल्टरनेटिव करेंसी (Alternative currency) के रूप में लेते हैं. आज लाखों लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. जिस तरह से हम सोने का उपयोग करेंसी के रूप में करते हैं ठीक उसी तरह क्रिप्टो का कर पाएंगे. इसे हम भविष्य के लिए भी रख सकते हैं और इसीलिए इसे ‘डिजिटल गोल्ड’ (Digital Gold) भी कहा जाता है. हालांकि, कई विशेषज्ञों का मानना है कि इसपर भरोसा नहीं किया जा सकता है.

इस चोरी ने दुनिया के सबसे बड़े करेंसी एक्सचेंज मार्केट बिटफाइनेक्स की सिक्योरिटी पर भी सवाल खड़े कर दिए थे।

Explainer: क्या है बिटकॉइन सिटी, क्या होगी इसकी खासियत, इन्वेस्टर्स को कैसे होगा फायदा?

प्रतीकात्मक तस्वीर

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gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 23 नवंबर 2021,
  • (Updated 23 नवंबर 2021, 8:34 PM IST)

सबसे पहले अल सल्वाडोर ने दी बिटकॉइन को क़ानूनी मान्यता

जरा सोचिये 13 साल पहले एक आइडिया जो केवल एक इंसान के दिमाग में था आज लाखों लोगों द्वारा ट्रेडिंग का एक जरिया बन गया है. ये है अल्टरनेट फाइनेंशियल सिस्टम, बिटकॉइन. अब इसका एक शहर बनने जा रहा है. जी हां, मध्य अमेरिका का देश अल सल्वाडोर दुनिया की पहली बिटकॉइन सिटी बनाने वाला है. ये एक अलग शहर होगा जहां लोग इन्वेस्ट कर सकेंगे.

इस शहर को बिटक्वाइन पर आधारित बॉन्ड्स के जरिए फंड किया जाएगा. अल साल्वाडोर के बिटकॉइन कैश विवाद राष्ट्रपति नायिब बुकेले ने इसकी घोषणा की है. उन्होंने अपने देश की इकोनॉमी में निवेश बढ़ाने के लिए क्रिप्टो करेंसी पर ये बड़ा दांव लगाने का ऐलान किया है. दुनिया का पहला बिटकॉइन शहर ला यूनियन के ईस्टर्न रीजन में बनाया जाएगा वैट (Value Added Tax) के अलावा दूसरा किसी प्रकार का टैक्स नहीं देना होगा. बुकेले ने इस शहर में निवेश करने के लिए लोगों को आमंत्रित किया है. उन्होंने बिटकॉइन कैश विवाद कहा कि “यहां निवेश करिए और भरपूर रिटर्न हासिल करिए.”

क्रिप्टोकरेंसी क्या होती है?

क्रिप्टोकरेंसी में ट्रांजैक्शन के बारे में जानने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि क्रिप्टोकरेंसी होती क्या चीज है. क्रिप्टोकरेंसी कुछ अलग नहीं, बल्कि डिजिटल करेंसी होती है. इन डिजिटल करेंसी को क्रिप्टोग्राफी सिक्योर करती है, इसलिए इनका नाम क्रिप्टोकरेंसी पड़ा है.

क्रिप्टोग्राफी की बात करें, तो यह डेटा को ऐसे तरीके से स्टोर और ट्रांसमिशन करना बिटकॉइन कैश विवाद होता है, जिससे केवल वे लोग ही उसे पढ़ सकते हैं, जिनके लिए उसे बनाया गया है. क्रिप्टोग्राफी से डेटा को चोरी से बचाया जाता है. इसका इस्तेमाल यूजर ऑथेंटिकेशन के लिए भी किया जा सकता है.

कैसे होता है क्रिप्टोकरेंसी में ट्रांजैक्शन?

अब क्रिप्टोकरेंसी में ट्रांजैक्शन को समझ लेते हैं. डिजिटल करेंसी का ट्रांजैक्शन वॉलेट के जरिए किया जाता है, जैसा बैंक अकाउंट में होता है. हालांकि, उस मामले में वॉलेट कंट्रोल में रहता है. इस वॉलेट में दो एड्रेस होते हैं- पब्लिक एड्रेस और प्राइवेट एड्रेस. पब्लिक एड्रेस वह होता है, जिसमें आप फंड भेजते हैं. तो, एक वॉलेट से दूसरे में डिजिटल करेंसी को भेजते हुए, भेजने वाले को रिसीवर के वॉलेट का पब्लिक एड्रेस चाहिए होता है. वे उस पब्लिक एड्रेस को डालेंगे, और क्रिप्टोकरेंसी को उस एड्रेस को भेजेंगे.

फिर जब रिसीवर को उस वॉलेट में क्रिप्टोकरेंसी मिलेगी, तो उसे पासवर्ड या प्राइवेट key की जरूरत होती है. जब आप एक वॉलेट से दूसरे में ट्रांजैक्शन भेजते हैं, तो वह ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी द्वारा सिक्योर होती है.

क्रिप्टोकरेंसी में ट्रांजैक्शन फिजिकल करेंसी जितना सुरक्षित नहीं

जब हम फिजिकल करेंसी जैसे रुपये के साथ ट्रांजैक्शन करते हैं, और एक से दूसरे व्यक्ति को पैसे भेजते हैं, तो बैंक यह चेक करता है कि क्या पैसे भेजने वाले के पास बैंक अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस मौजूद है या नहीं. इसके बाद ही बैंक उस ट्रांजैक्शन को मंजूरी देता है. बैंक केंद्रीय अथॉरिटी है. वह इस बात को सुनिश्चित करता है कि ट्रांजैक्शन सफलतापूर्वक पूरा हो जाए. इस ट्रांजैक्शन में हम बैंक पर पूरी तरह भरोसा करते हैं कि वह सही चीज करेगा.

क्रिप्टोकरेंसी में ऐसा विश्वास नहीं रहता है. अगर व्यक्ति क्रिप्टोकरेंसी भेजना चाहता है, तो उस ट्रांजैक्शन का वेरिफिकेशन, यानी जिसमें यह देखा जाता है कि अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस मौजूद है, यह वेरिफिकेशन हजारों कंप्यूटर करते हैं, जो समान ऐलगोरिदम चला रहे हैं. इसलिए, दुनिया भर में मौजूद हजारों कंप्यूटर वही चीज को सुनिश्चित करते हैं, जो फिजिकल करेंसी में बैंक करता है.

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सीआईडी जांच
शैलेश के दावे की जांच का जिम्मा राज्य की सीआईडी को दे दिया गया। आशीष भाटिया जांच दल के मुखिया बने। जांच शुरू होने से लेकर अब तक 8 पुलिसवालों की पहचान की गई और उन्हें निलंबित बिटकॉइन कैश विवाद किया जा चुका है। संदेह है कि भट्ट के अपहरण को उसके सहयोगी किरीट पलडिया ने ही अंजाम दिया जबकि पलडिया के चाचा और बीजेपी के पूर्व विधायक नलिन कोटडिया साजिश में शामिल रहे।

पीड़ित पर भी संदेह
जांच में संदेह की उंगली खुद पीड़ित शैलेश भट्ट पर की तरफ भी उठ रही है। पलडिया अभी जेल में है, लेकिन भट्ट और पूर्व विधायक कोटडिया भागे हुए हैं। अप्रैल में कोटडिया ने वॉट्सऐप पर विडियो भेजकर खुद को निर्दोष बताया। उन्होंने इस बिटकॉइन घोटाले के पीछे खुद शैलेश भट्ट का हाथ होने का दावा किया। कोटडिया ने धमकी दी कि वह ऐसे सबूत दे देंगे जिससे अन्य नेता भी फंस सकते हैं।

नया खतरा: डिजिटल करेंसी से पुलिस की आंखों में धूल झोंक रहे गैंगस्टर

नया खतरा: डिजिटल करेंसी से पुलिस की आंखों में धूल झोंक रहे गैंगस्टर

ब्रिटेन में ड्रग्स डीलर और गैंगस्टर पुलिस की पहुंच से बचने के लिए बिटकॉइन कैश मशीन का इस्तेमाल कर रहे हैं। गुप्तचरों का कहना है कि अपराधियों द्वारा डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल बहुत ज्यादा किया जा रहा है। इसके लिए अपराधी कैफे, न्यूज एजेंट्स और कॉर्नर शॉप का सहारा ले रहे हैं। लंदन और अन्य शहरों में 93 जगह कैश मशीन मिली है। इन मशीनों में कोई भी कैश डिपोजिट करके बिटकॉइन या अन्य साइबर करेंसी हासिल कर सकता है। यह करेंसी केवल साइबर स्पेस में ही मौजूद होती है। यह पैसा अपराधी देश के बाहर मौजूद अपने साथियों को ट्रांसफर कर सकते हैं। अपराधी इस फंड को किसी भी करेंसी में निकलवा सकते हैं, इस दौरान वह पुलिस की नजर से भी बचे रहते हैं।

आज तक की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी चोरी: 6 साल पहले 1.19 लाख बिटकॉइन चुराने वाला अमेरिकी कपल अरेस्ट, 26 हजार करोड़ रुपए है इनकी कीमत

अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट ने एक शादीशुदा कपल को अरेस्ट किया है। इससे पहले पिछले सप्ताह इनके पास से करीब 26, 917 करोड़ रुपए (3.6 बिलियन डॉलर) कीमत के बिटकॉइन जब्त किए हैं, जिनकी एक सप्ताह में ही कीमत बढ़कर 33,668 करोड़ रुपए (4.5 बिलियन डॉलर) हो चुकी है।

खास बात ये है कि इन बिटकॉइन को हैकिंग में माहिर इस कपल ने करीब 6 साल पहले जब चुराया था, तब इनकी कीमत महज 5311 करोड़ रुपए (71 मिलियन डॉलर) थी। जस्टिस डिपार्टमेंट ने इसे आज तक की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी चोरी बताया है

हांगकांग के क्रिप्टो एक्सचेंज से 2016 में की थी चोरी
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस डिपार्टमेंट ने बताया है कि गिरफ्तार किए गए इलया लिचटेन्सटाइन (34) और हीथर मोर्गन (31) के खिलाफ 119,754 बिटकॉइन की लॉन्ड्रिंग करने की क्रिमिनल कम्पलेंट दर्ज कराई गई थी। ये बिटकॉइन दोनों ने 6 साल पहले 2016 में हांगकांग के क्रिप्टो एक्सचेंज बिटफाइनेक्स से चुराए थे। बिटफाइनेक्स दुनिया के सबसे बड़े वर्चुअल करेंसी एक्सचेंजेस में से एक है।

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