क्रिप्टो करेंसी क्या है इसके लाभ और नुकसान

Crypto Currency kya hai नोट एवं सिक्कों के अलावा अब धीरे-धीरे एक प्रकार की और करेंसी दुनिया में प्रचलित हो रही है, जिसे क्रिप्टो करेंसी कहते हैं। इसमें प्रत्येक लेन-देन का डिजि़टल हस्ताक्षर द्वारा सत्यापन किया जाता है और क्रिप्टोग्राफी (Cryptography) की मदद से उसका रिकॉर्ड रखा जाता है। इसका भौतिक अस्तित्व नहीं होता। यह सिर्फ ऑनलाइन रूप से डिजिट्स के रूप में उपलब्ध रहती है। इस करेंसी से आप सामान खरीद-बेच सकते हैं अथवा निवेश कर सकते हैं। कुछ क्रिप्टो करेंसी का मूल्य उनकी लोकप्रियता के कारण काफी अधिक है, लेकिन इसके साथ एक तथ्य यह भी है कि इसके मूल्य में स्थिरता नहीं है। क्रिप्टो करेंसी के मूल्य में बहुत तेज़ी से उतार-चढाव होता रहता है, जिस कारण इसकी कीमतें दिन में बार बदलती रहती हैं।

इस करेंसी की सबसे खास बात यह है कि यह पूरी तरह से विकेंद्रीकृत है अर्थात् इस पर किसी भी देश अथवा सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। इसी कारण शुरुआत में इसे अवैध करार दिया गया, लेकिन बाद में BITCOIN की लोकप्रियता को देखते हुए कई देशों ने इसे वैध कर दिया। कुछ देश तो अभी भी इसके विरुद्ध हैं।

क्रिप्टो करेंसी का बाज़ार अर्थात जहाँ इनकी खरीद- फ़रोख़्त अथवा व्यापार होता है, उसे क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज, डिजि़टल करेंसी एक्सचेंज, कॉइन मार्केट, क्रिप्टो मार्केट नाम से जाना जाता है। ये एक्सचेंज क्रेडिट कार्ड, वायर ट्रांसफर और अन्य डिजि़टल माध्यमों से भुगतान स्वीकार करते हैं। यहाँ आप कागज़ी मुद्रा को क्रिप्टो करेंसी अथवा क्रिप्टो करेंसी को कागज़ी मुद्रा में बदल सकते हैं। BINANCE, COINBASE, BITFINEX, KRAKEN, BITHUMB, BITSTAMP, BITEX, COINONE , COIN CHECK, CRYPTO.COM कुछ अग्रणी एक्सचेंजों की वेबसाइटें हैं। भारत में COINSWITCH , COINDCX, WAZIRX, UNOCOIN सबसे अधिक लोकप्रिय क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज हैं।

क्रिप्टो करेंसी क्या है

क्रिप्टो करेंसी के प्रकार

प्रमुख क्रिप्टो करंसियों के प्रकार हैं- ETHERIUM, (ETH), RIPPLE (XRP), LITECOIN (LTC), COSMOS (ATOM), NAMECOIN (NMC) और BITCOIN] जोकि दुनिया की पहली क्रिप्टो करेंसी है। इसे वर्ष 2009 में जापान के सतोशी नाकामोतो ने बनाया था। इस करेंसी को शुरुआत में बहुत संघर्ष करना पड़ा, लेकिन आज यह दुनिया की सबसे महंगी डिजि़टल करेंसी है। इन क्रिप्टो करंसियों के आलवा वर्तमान में 1500 से अधिक क्रिप्टो करेंसी हैं।

क्रिप्टो करेंसी के लाभ

  1. डिजि़टल करेंसी होने के कारण चोरी हो जाने का डर नहीं होता।
  2. इसे खरीदना-बेचना तथा निवेश करना बहुत आसान हो जाता है, क्योंकि इसमें कई डिजि़टल वॉलेट्स उपलब्ध हैं।
  3. इसकी कीमतों में बहुत तेज़ी से उछाल आता है, जिस कारण यह निवेश हेतु अच्छा विकल्प है।

क्रिप्टो करेंसी के नुकसान

  1. इस पर किसी भी सरकारी संस्था का कोई नियंत्रण नहीं है, जिस कारण इसकी कीमतों में अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव आता रहता है।
  2. इसे डिजि़टल होने के कारण हैक किया जा सकता है। ETHERIUM करेंसी के साथ ऐसा हो चुका है।

भारत में क्रिप्टो करेंसी का भविष्य

कई देशों ने क्रिप्टो करेंसी को वैध कर दिया है, लेकिन कुछ देश अभी भी इसके खिलाफ़ हैं। भारत में भी उच्चतम न्यायालय द्वारा 04 मार्च, 2020 को ही इस करेंसी में निवेश एवं व्यापार पर आरबीआई द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिया गया है। क्रिप्टो करेंसी व्यापार, निवेश, तकनीकी और अन्य विभिन्न क्षेत्रों में तेज़ और कम खर्च वाली भविष्य की विनिमय प्रणाली की अवधारणा को प्रस्तुत करती है, लेकिन वर्तमान में इसके संदर्भ में गोपनीयता, मूल्य-अस्थिरता और विनियमन की नीति का अभाव आदि अनेक समस्याएं दिखाई पड़ती हैं। भारत सरकर ने हाल ही में यह अनिवार्य किया है कि सभी कम्पनियाँ क्रिप्टो करेंसी में किए गए निवेश की घोषणा करेंगी।

निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि भविष्य की जरूरतों एवं इस क्षेत्र में उपलब्ध अवसरों को देखते हुए यह आवश्यक है कि क्रिप्टो करेंसी के संदर्भ में सरकार द्वारा डिजि़टल मुद्रा के विशेषज्ञों और सभी हितधारकों के बीच समन्वय को बढ़ाया जाए ताकि इस क्षेत्र के बारे में जन जागरुकता बढ़े। इसके अतिरिक्त क्रिप्टो करेंसी के विनिमयन के लिए एक मजबूत एवं पारदर्शी तंत्र का विकास किया जाए।

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किसी भी एसेट की एक Underlying Value होती है लेकिन Cryptocurrencies का कोई अंडरलाइंग वैल्‍यू नहीं है। शेयरों के मामले में आपको पता होता है कि कंपनी का प्रदर्शन कैसा चल रहा है और शेयरों की कीमतें ऊपर जाएंगी या नीचे क्रिप्‍टो के मामले में ऐसा नहीं है

नई दिल्‍ली, मनीश कुमार मिश्र। Cryptocurrency के प्रति हाल के वर्षों में लोगों का आकर्षण बढ़ा है और भारतीय इसमें पीछे नहीं हैं। कुछ देशों ने जहां Cryptocurrency को मान्‍यता दे दी है वहीं, कुछ देशों में यह पूर्णत: प्रतिबंधित है। अपने देश में भी क्रिप्‍टोकरेंसी को लेकर कुछ नियम हैं, जिनके बारे में हम विस्‍तार से चर्चा करेंगे। पहले ये जानते हैं कि Cryptocurrencies हैं क्‍या और ये किस टेक्‍नोलॉजी पर आधारित हैं।

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ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के सीईओ पंकज मठपाल ने क्रिप्‍टोरेंसी के बारे में बताते हुए कहा कि यह ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी पर आधारित डिजिटल करेंसी है जिसे क्रिप्‍टोग्राफी से सुरक्षित किया है। ब्‍लॉकचेन एक डिजिटल लेजर है, जिसका इस्‍तेमाल सिर्फ इसके यूजर्स ही कर सकते हैं। उन्‍होंने बताया कि ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी सुरक्षित तो है ही पारदर्शी भी है। यह इतना सुरक्षित है कि इसके एडमिनिस्‍ट्रेटर भी इसमें अपने फायदे के लिए बदलाव नहीं कर सकते।

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क्रिप्‍टोकरेंसी से ट्रांजैक्‍शन

मठपाल ने बताया कि क्रिप्‍टोकरेंसी डिजिटल वॉलेट में स्‍टोर की जाती है और इसे आप दूसरे वॉलेट में ट्रांसफर कर सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि क्रिप्‍टोकरेंसी का इस्‍तेमाल आप किसी वस्‍तु या सेवाओं को खरीदने में कर सकते हैं या इसकी ट्रेडिंग कर सकते हैं या इसके बदले कैश भी ले सकते हैं।

क्रिप्‍टोकरेंसी की ट्रेडिंग

मठपाल ने बताया कि एक तरफ जहां स्‍टॉक मार्केट में ट्रेडिंग पूरी तरह रेगुलेटेड है। आपको यह भी पता होता है कि शेयर बेचने के कितने दिन बाद आपके अकाउंट में पैसे आ जाएंगे। हालांकि, क्रिप्‍टोकरेंसी के मामले में ऐसा कोई रेगुलेशन नहीं है। आप ब्रोकर या क्रिप्‍टो एक्‍सचेंजों के जरिए इसकी खरीद-बिक्री कर सकते हैं। यहां बेचने वाले और खरीदने वाले की पहचान उजागर नहीं की जाती।

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क्रिप्‍टोकरेंसी की कीमतों में क्‍यों आता है उतार-चढ़ाव

मठपाल के अनुसार, क्रिप्‍टोकरेंसी का कोई अंडरलाइंग एसेट नहीं होता। आप शेयर खरीदते हैं तो आपको पता होता है कि कंपनी के एसेट्स और लाइबिलिटीज क्‍या हैं। आप जानते हैं कि कंपनी का मुनाफा बढ़ेगा या कंपनी से जुड़ी कोई पॉजिटिव खबर आएगी तो शेयर की कीमतें बढ़ेंगी और आपको मुनाफा होगा। क्रिप्‍टोकरेंसी की कीमतें सिर्फ मांग और आपूर्ति से प्रभावित होती हैं। इसमें कितना उतार-चढ़ाव आ सकता है, आप इसका अनुमान नहीं लगा सकते।

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क्रिप्‍टोकरेंसी पर टैक्‍स

मठपाल के अनुसार इस साल पेश हुए बजट में यह प्रावधान किया गया है कि क्रिप्‍टोकरेंसी बेचने पर निवेशकों को 30 प्रतिशत के हिसाब से टैक्‍स देना होगा। उन्‍होंने बताया कि मान लीजिए कोई व्‍यक्ति 50000 रुपये की क्रिप्‍टोकरेंसी खरीदता है और उसे मुनाफे में चाहे 60,000 रुपये में बेचे या घाटे में 25,000 रुपये में, उसे 30 प्रतिशत की दर से ही टैक्‍स देना होगा।

क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी ? जानिए दुनिया की पहली क्रिप्टोकरेंसी कौनसी है

क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी ? जानिए दुनिया की पहली क्रिप्टोकरेंसी कौनसी है

पिछले कुछ वर्षों से 'क्रिप्टोकरेंसी' (Cryptocurrency) शब्द ने दुनियाभर में गज़ब का हल्ला मचाया हुआ है। दरअसल, क्रिप्टोकरेंसी एक तरह की वर्चुअल करेंसी है। इस आसान भाषा में समझें — आप रुपए के नोट, सिक्कों को देख सकते हैं और उन्हें छूकर महसूस कर सकते हैं। लेकिन क्रिप्टोकरेंसी वैसी करेंसी नहीं है। यह एक नेटवर्क पर आधारित डिजिटल असेट का एक रूप है जिसे बड़ी संख्या में कंप्यूटर्स में डिस्ट्रीब्यूट किया जाता है।

क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल पेमेंट सिस्टम है जो ट्रांजेक्शन को वैरिफाई करने के लिए किसी भी बैंक पर निर्भर नहीं है। यह एक पीयर-टू-पीयर सिस्टम है जो किसी को भी कहीं भी पेमेंट भेजने और प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। इस पर किसी भी बैंक, या सरकार का कंट्रोल नहीं है।

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कुछ प्रचलित क्रिप्टोकरेंसी (सांकेतिक चित्र)

क्रिप्टोकरेंसी सबसे सिक्योर करेंसी मानी जाती है, क्योंकि यह क्रिप्टोग्राफी (Cryptography) और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology) की देन है।

क्रिप्टोग्राफी: यह कोडिंग के जरिए इन्फॉर्मेशन और कम्यूनिकेशन को सिक्योर करने का तरीका है। ताकि केवल वही व्यक्ति, जिसके लिए सही मायने में यह इन्फॉर्मेशन है, इसे समझ सके और इसे प्रोसेस कर सके। इसका मतलब है कि कोई भी दूसरा व्यक्ति उस इन्फॉर्मेशन को हासिल नहीं कर पाएगा। क्रिप्टोग्राफी शब्द, दो शब्दों, "क्रिप्ट", जिसका अर्थ है, "छिपा हुआ" और "ग्राफी", जिसका अर्थ है, "लिखना", से मिलकर बना है।

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी: जैसा कि इसके नाम से समझा जा सकता है, ब्लॉकचेन — जुड़े हुए ब्लॉक या ऑनलाइन लेज़र का एक सेट है। हर एक ब्लॉक में ट्रांजेक्शन का एक सेट होता है जिसे नेटवर्क के हर एक मेंबर द्वारा स्वतंत्र रूप से वैरिफाई किया गया है। तैयार किए गए हर एक नए ब्लॉक को कन्फर्म होने से पहले प्रत्येक नोड द्वारा वैरिफाई किया जाना चाहिए, जिससे ट्रांजेक्शन हिस्ट्री बनाना लगभग असंभव हो जाता है।

बिटकॉइन (Bitcoin) सबसे लोकप्रिय और मूल्यवान क्रिप्टोकरेंसी है। यह दुनिया की पहली क्रिप्टोकरेंसी क्रिप्टो करेंसी क्या होता है? है। सातोशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) नाम के एक गुमनाम शख्स ने इसकी खोज की और 2008 में एक व्हाइट पेपर के जरिए इसे दुनिया के सामने पेश किया। बाद में साल 2009 में इसे आम जनता के लिए शुरू कर दिया गया था। आज बाज़ार में हजारों क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं। इनमें से कुछ के नाम हैं — Ethereum, Ripple, Cardano, Tether, Dogecoin, Stellar, Binance Coin, Litecoin, Polkadot, Shiba Inu, Monero आदि।

हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दुनियाभर के देशों में अभी तक एक तरह से सस्पेंस बना हुआ है। कुछ देशों में सरकार ने इसे लीगल करार दे दिया है तो कहीं पर अभी भी इस पर कानून की तलवार लटकी हुई है। भारत में भी सरकार, RBI (Reserve Bank of India) और सुप्रीम कोर्ट इसको लेकर एक राय नहीं रखते हैं।

क्या होता है क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज? कैसे कर सकते हैं इसका इस्तेमाल? पढ़ें इससे जुड़ी सभी काम की बातें

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले उससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण टर्म को जान लेना जरूरी है. इससे उन्हें सही तरीके से निवेश करने में मदद मिलती है. इनमें से एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज भी है. आइए इसके बारे में डिटेल में समझते और जानते हैं.

क्या होता है क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज? कैसे कर सकते हैं इसका इस्तेमाल? पढ़ें इससे जुड़ी सभी काम की बातें

Cryptocurrency Exchange Explained: पिछले कुछ समय में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) निवेशकों के बीच निवेश का एक पसंदीदा विकल्प बनकर सामने आया है. बड़ी संख्या में लोग खास तौर पर युवा क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगा रहे हैं. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले उससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण टर्म को जान लेना जरूरी है. इससे उन्हें सही तरीके से निवेश करने में मदद मिलती है. इनमें क्रिप्टो करेंसी क्या होता है? से एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज भी है. आइए इसके बारे में डिटेल में समझते और जानते हैं.

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश लोग यह समझते हुए करते हैं कि इसमें उन्हें छोटी अवधि में बड़ा रिटर्न मिलेगा. यह जोखिम भरा भी है क्योंकि इसमें उतार-चढ़ाव बना रहता है. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने का सबसे आसान और सीधा तरीका इसकी ट्रेडिंग (खरीदना और बेचना) का है. आप किसी भी क्रिप्टो क्वॉइन जैसे बिटक्वॉइन, Ethereum, Dogecoin, Cadence आदि की ट्रेडिंग कर सकते हैं. इन्हें ऑनलाइन एक्सचेंज के जरिए किया जाता है, जहां निवेशक अकाउंट को खोल और ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं.

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है?

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एक डिजिटल मार्केटप्लेस है, जहां आप क्रिप्टोकरेंसी को खरीद और बेच सकते हैं. इन प्लेटफॉर्म्स की मदद से आप डिजिटल और रुपये या डॉलर के बदले एक्सचेंज में क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग कर सकते हैं. ये प्लेटफॉर्म्स खरीदार और विक्रेता के बीच एक इंटरमीडियरी के तौर पर काम करते हैं और इनमें एक कमीशन या ट्रांजैक्शन फीस ली जाती है. CoinDCX, CoinSwitch Kuber, और UnoCoin भारत में मौजूद कुछ ऑनलाइन एक्सचेंज के उदाहरण हैं. एक निवेशक ऑनलाइन एक्सचेंज का क्रिप्टो क्वॉइन्स को वापस रुपये या डॉलर में बदलने के लिए भी इस्तेमाल कर सकता है. इसके बाद वे अपने बैंक अकाउंट से राशि को विद्ड्रॉ कर सकता है.

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज कैसे काम करता है?

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्रिप्टोकरेंसी के खरीदार और विक्रेता के बीच एक इंटरमीडियरी या ब्रोकरेज कंपनी की तरह काम करता है. इसके जरिए खरीदार कई तरीकों का इस्तेमाल करके पैसे जमा करा सकता है जैसे सीधे बैंक से ट्रांसफर, यूपीआई, क्रेडिट या डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करना आदि. इसकी सर्विसेज का इस्तेमाल करने के लिए हर ट्रांजैक्शन पर एक कमीशन या फीस तय की गई है.

जो पहली क्रिप्टो करेंसी क्या होता है? चीज खरीदार या निवेशक को करनी होती है, वह है कि सही ऑनलाइन एक्सचेंज को खोजना. इसके लिए प्लेटफॉर्म के इतिहास, विश्वसनीयता और यह ट्रेडिंग के लिए आपको क्या बेनेफिट्स देगा, ये शामिल हैं. इसके बाद आपको ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होता है, जो बेहद आसान है.

आपको एक्सचेंज को चुनकर उसके ऐप को डाउनलोड करना और अकाउंट बनाना है. यह आपसे कुछ जानकारी जैसे ईमेल एड्रेस के लिए पूछेगा. फिर, उस ईमेल एड्रेस पर एक वेरिफिकेशन ईमेल भेजा जाएगा और केवाईसी डिटेल्स भी पूछी जा सकती हैं. अपनी ईमेल आईडी पर एड्रेस को वेरिफाई करें और केवाईसी की प्रक्रिया को पूरा कर लें. इसके बाद ऐप पर पासवर्ड लगाएं और आप क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के लिए तैयार हैं.

ऐप, वॉलेट या एक्सचेंज से जुड़ा कोई पासवर्ड नहीं खोएं. इसे बाद में रिकवर नहीं किया जा सकता है.

CryptoCurrency: आखिर क्या है ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी, क्यों है क्रिप्टो करेंसी से अलग?

क्रिप्टो प्रोजेक्ट में एक रोडमैप होता है. जिस प्रोजेक्ट में स्पष्ट रूप से परिभाषित रोडमैप नहीं होता है, उसके पास कोई कार्य योजना नहीं होती है और उसे प्राप्त करने के लिए कोई लक्ष्य नहीं होता है. रोडमैप से यह पता चलता है कि क्या प्रोजेक्ट ने अपने पिछले उद्देश्यों को पूरा किया है.

क्रिप्टो प्रोजेक्ट में एक रोडमैप होता है. जिस प्रोजेक्ट में स्पष्ट रूप से परिभाषित रोडमैप नहीं होता है, उसके पास कोई कार्य योजना नहीं होती है और उसे प्राप्त करने के लिए कोई लक्ष्य नहीं होता है. रोडमैप से यह पता चलता है कि क्या प्रोजेक्ट ने अपने पिछले उद्देश्यों को पूरा किया है.

'ब्लॉकचेन' टेक्नोलॉजी से किसी चीज को डिजिटल कर के उसका रिकॉर्ड मेंटेन किया जा सकता है. क्रिप्टोकरेंसी भी ब्लॉकचेन टेक्न . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : August 20, 2022, 13:17 IST

हाइलाइट्स

'ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी' एक डिजिटल बहीखाते जैसी सुविधा है यानी ये एक डिजिटल लेजर है.
भारत सरकार अपनी डिजिटल करेंसी जारी करेगी, ये करेंसी 'ब्लॉकचेन' पर आधारित होगी.
'ब्लॉकचेन' को डिस्‍ट्रीब्‍यूटेड लेजर टेक्‍नोलॉजी (DLT) भी कहते हैं, इसकी हैकिंग नहीं हो सकती.

नई दिल्‍ली. देश में डिजिटल करेंसी के तौर पर इस्तेमाल हो रही ‘क्रिप्टो-करेंसी’ के बीच ‘ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी’ टर्म भी आपने सुना ही होगा. आखिर ‘ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी’ क्‍या है, और यह ‘क्रिप्टो-करेंसी’ के साथ क्‍यों जोड़कर देखी जा रही है, क्या ये दोनों एक हैं? ऐसे तमाम सवाल आपके मन भी उठे होंगे. आज आप इसके बारे में जान जाएंगे. ‘क्रिप्टो-करेंसी’ के बढ़ते ट्रेंड ने लोगों को इस तरह की चीजों को जानने या इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया है. आपको बता दें कि, ‘ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी’ एक डिजिटल बहीखाते जैसी सुविधा है.

यह एक ऐसा प्लेटफार्म है, जहां ना सिर्फ डिजिटल करेंसी, बल्कि किसी और चीज को भी डिजिटल कर उसका रिकॉर्ड रखा जा सकता है. यानी ब्लॉकचेन एक डिजिटल लेजर है. ‘ब्लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी’ पर जो भी ट्रांजेक्शन होता है, वो चेन में जुड़े हर कंप्यूटर पर दिखाई देता है. इसका मतलब है कि ब्लॉकचेन में कहीं भी कोई ट्रांजैक्शन होता है, तो उसका रिकॉर्ड पूरे नेटवर्क पर दर्ज हो जाएगा. इसलिए इसे डिस्‍ट्रीब्‍यूटेड लेजर टेक्‍नोलॉजी (DLT) भी कहा जा सकता है.

‘ब्लॉकचेन’ को माना जाता है सुरक्षित

‘ब्लॉकचेन’ के बारे में एक अच्छी बात यह भी कि यह सिक्‍योर और डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी मानी जाती है. जिसकी हैकिंग मुमकिन नहीं है, और इसे बदलना, हटाना या नष्ट करना भी नामुमकिन है. वहीं, इसे बिटकॉइन के प्‍लेटफॉर्म से भी ज्‍यादा भरोसेमंद टेक्नोलॉजी को बताया जा रहा है.

यही वजह है कि भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2022 के दरम्यान डिजिटल करेंसी का ऐलान किया. इंडियन डिजिटल करेंसी Rupee को आरबीआई जारी करेगी. यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगी. वैसे क्रिप्टोकरेंसी भी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर चलती है. मगर, चूंकि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी किसी भी डिजिटल इंफॉर्मेशन को डिस्ट्रीब्यूट करने की मंजूरी देती है, तो हर कोई इसका इस्तेमाल कर पाएगा.

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