फास्टिंग के समय नॉर्मल ब्लड शुगर का लेवल 70-99 मिलीग्राम/डीएल के बीच होता है

Recurring Deposit क्या है, इसमें कैसे इन्वेस्ट करें?

रिकरिंग डिपॉज़िट यानि आरडी एक ऐसा अनोखा टर्म डिपॉज़िट ऑफर है जो भारतीय बैंकों और पोस्ट ऑफिसों द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। फिक्स्ड डिपॉज़िट ( एफडी ) और लम्बी अवधि की पोस्ट ऑफिस योजनाओं के विकल्प के रूप में आरडी तेज़ी से इन्वेस्टर्स और आमजन के बीच लोकप्रिय हो रहा है। जमा राशि के साथ एक फिक्स इंटरेस्ट FBS पर न्यूनतम जमा राशि क्या है? रेट पर अच्छी राशि की प्राप्ति होने के कारण आरडी एक स्मार्ट और रिस्क फ्री इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है। यह इन्वेस्टमेंट का एक ऐसा तरीका है जो लोगों को रेगुलर पैसे जमा कर उस पर अच्छे रिटर्न्स कमाने के अवसर देता है।

रेगुलर डिपॉज़िट और अच्छे रिटर्न के कारण यह सुविधा लोगों को इन्वेस्टमेंट के आसान और फ्लेक्सिबल तरीके उपलब्ध कराती है। आरडी आपको अपने रेगुलर जमा किए गए इन्वेस्टमेंट अमाउंट पर मेच्यूरिटी तक फिक्स्ड इंटरेस्ट देती रहती है।

कैसे एफडी (Fixed Deposit) से अलग है आरडी (Recurring Deposit)?

आरडी में इन्वेस्टमेंट थोड़े थोड़े अंतराल पर किया जाता है, वहीं एफडी इन्वेस्टमेंट एक बार में ही कर दिया जाता है। आरडी ऐसे लोगों के लिए परफेक्ट है, जो एकबार में सारा डिपॉज़िट नहीं भर सकते और महीने, या अपने सुविधानुसार वक्त के हिसाब से डिपॉज़िट देना चाहते हैं।

आरडी के फीचर

कम से कम इन्वेस्टमेंट है अलाउड

न्यूनतम जमा राशि बैंक या वित्तीय संस्थान अपने हिसाब से निर्धारित करते हैं। हालाँकि यह अकाउंट 10 रूपए जैसी छोटी राशि के साथ भी खोला जा सकता है।

जमा अवधि (डिपॉज़िट टर्म)

न्यूनतम डिपॉज़िट अवधि 6 महीने से शुरू होती है। भारत में अधिकतर बड़े बैंक और पोस्ट ऑफिस 6 महीने से लेकर 10 साल के टर्म के साथ रीकरिंग डिपॉज़िट अकाउंट यानी आरडी अकाउंट खोलने की सुविधा प्रदान करते FBS पर न्यूनतम जमा राशि क्या है? हैं। लोग अपनी सुविधा और ज़रूरतों अनुसार इन टर्म्स में से एक चुन सकते हैं।

इंटरेस्ट रेट (ब्याज दर )

आरडी द्वारा ऑफर की जाने वाली ब्याज दर सेविंग अकाउंट के मुकाबले हमेशा अधिक होती है। यह एफडी पर मिलने वाली ब्याज दरों के लगभग बराबर ही होती है। हालाँकि एक निश्चित अंतराल पर राशि जमा करने की सुविधा इसे एफडी से अलग बनाती है और साथ ही ऐसे लोगों को फायदा भी पहुंचाती है जो कुछ सेविंग्स करना चाहते हैं। FBS पर न्यूनतम जमा राशि क्या है? अकाउंट खोलने से लेकर मेच्यूरिटी की अवधि तक मार्किट की कंडीशन चाहे खराब हो या बेहतर, आपकी पूर्व निर्धारित इंटरेस्ट रेट में कोई बदलाव नहीं किया जाता है।

मैच्यूरिटी पर निकालें पैसा

इस अकाउंट से आप अपना पैसा तभी निकाल सकते हैं जब आपकी आरडी मेच्युर हो चुकी हो। हालाँकि अगर आप मैच्यूरिटी से पहले अपना पैसा निकालना चाहें तो आपको कुछ पेनल्टी चुकानी होगी। यह आपके बैंक पर निर्भर करता है कि प्रीमेच्योर पैसा निकालने के लिए उनके क्या नियम और शर्तें हैं।

डिपाजिट पर मिल सकता है लोन

आप अपनी आरडी पर बैंक से लोन भी ले सकते हैं। बैंक आपके डिपॉज़िट अमाउंट की 95 प्रतिशत राशि लोन के रूप में अप्रूव कर सकती है। आरडी आपके लोन के लिए जमानत का काम करती है।

मंथली डिपॉज़िट के लिए स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शंस

अगर आपको बार बार जाकर पैसा जमा करना थोड़ा दिक्कत का काम लगता है तो इसके लिए बैंक आपको एक ऑप्शन देते हैं। इस में आप अपने किसी भी जमा या चालू खाते को अपने आरडी अकाउंट से लिंक करा सकते हैं। स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शंस के अनुसार निर्धारित समय पर निर्धारित राशि आपके लिंक्ड बैंक अकाउंट से स्वतः ही आपके आरडी अकाउंट के लिए काट ली जाती है।

आरडी पर ब्याज

देश के लगभग सभी बड़े बैंक और बाकी वित्तीय संस्थान भी रिकरिंग डिपॉज़िट के इन्वेस्टमेंट ऑप्शन प्रदान करते हैं, इसलिए इंटरेस्ट रेट्स को लेकर इनमें काफी प्रतियोगिता रहती है। अकाउंट बनाने के समय मार्किट की स्थिति और ट्रेंड्स के अनुसार यह रेट्स लगभग 5 प्रतिशत से 8 प्रतिशत के बीच कहीं भी रखे जा सकते हैं। हालाँकि अधिकतम बैंकों का एवरेज रेट 6 प्रतिशत से 7 प्रतिशत के बीच ही रहता है। इन्वेस्टर की उम्र के हिसाब से भी इस ब्याज दर में बदलाव किया जाता है।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए आरडी

यूं तो सीनियर सिटीजन के लिए आरडी के सभी नियम बाकियों के जैसे ही होते हैं। परन्तु इंटरेस्ट रेट के मामले में वरिष्ठ नागरिकों को थोड़ा फायदा मिलता है। इनके लिए यह रेट रेगुलर एकाउंट्स से अधिक होता है। यह इंटरेस्ट हर चार माह में उपयुक्त इंटरेस्ट रेट के हिसाब से जोड़ा जाता है। किसी रेगुलर इनकम के अभाव में यह राशि इनके शार्ट टर्म फंडिंग ज़रूरतों को पूरा करने में सहायता करती है। अमूमन जो अतिरिक्त इंटरेस्ट रेट इन बैंको द्वारा सीनियर सिटीज़न को दी जाती है वह रेगुलर रेट के मुकाबले 0.25 प्रतिशत से लेकर 0.75 प्रतिशत तक अधिक हो सकती है।

आरडी अकाउंट कैसे खोलें?

आरडी अकाउंट ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीके से खोला जा सकता है।

ऑनलाइन कैसे खोलें आरडी अकाउंट?

ऑनलाइन अपना आरडी अकाउंट खोलने के लिए यह ज़रूरी है कि आप इंटरनेट बैंकिंग करते हों। अपने इंटरनेट बैंकिंग यूज़रनेम और पासवर्ड से लॉगिन करें। अमूमन यह अकाउंट खुलवाने का समय सुबह 8 बजे से साम 8 बजे तक ही होता है। आपके नए आरडी अकाउंट का नाम, कामकाज और ब्रांच आपके उसी सेविंग अकाउंट की तरह होगा जो आपने अपने आरडी FBS पर न्यूनतम जमा राशि क्या है? अकाउंट में पैसा भेजने के लिए लिंक कराया है।

ऑफलाइन कैसे खोलें आरडी अकाउंट?

अगर आप ऑफलाइन अपना आरडी अकाउंट खोलना चाहते तो आपको उस बैंक में जाना होगा जहाँ आपका सेविंग अकाउंट पहले से है। अगर आप किसी ऐसे बैंक में यह अकाउंट खुलवाना चाहते हैं जहाँ आपका पहले से अकाउंट नहीं है ,तो उस बैंक की शाखा में जाएं और एप्लीकेशन फॉर्म भरकर जमा करें। वहीँ अगर आप पोस्ट ऑफिस में यह अकाउंट खोलना चाहते हैं तो आपको अपने नज़दीकी पोस्ट ऑफिस में जाना होगा।

ध्यान रखें:

एक सही आरडी वही है जो आपको आपकी क्षमतानुसार एक सही इन्वेस्टमेंट माहौल प्रदान करे और जिसके मेच्यूरिटी विकल्प आपके शार्ट और लॉन्ग टर्म लक्ष्यों को पूरा करे। अपनी आरडी स्कीम ध्यान से चुनें और इन्वेस्ट करने से पूर्व सभी नियमों, शर्तों और इन्सेन्टिव्स के विषय में सही से पढ़ें। आप चाहें तो अलग अलग बैंकों के रेट और नियमों को चेक कर सकते हैं ताकि आप यह निर्णय ले पाएं कि कौन सा बैंक सबसे कम समय में आपको सबसे अधिक कमाई दे सकता है।

प्रधानमंत्री जनधन योजना के खातों में जमा राशि 1 ट्रिलियन रुपये के पार

वित्त मंत्रालय के ताजा आंकड़े के मुताबिक 3 जुलाई तक इस योजना के तहत खोले गए 36.06 करोड़ खातों में 1,00,495.94 करोड़ रुपये जमा थे. प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) की शुरूआत 28 अगस्त 2014 को की गई थी.

जनधन योजना की पीएम मोदी ने की थी शुरुआत (फाइल फोटाे)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 11 जुलाई 2019,
  • (अपडेटेड 11 जुलाई 2019, 8:53 AM IST)

प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खोले गये बैंक खातों में जमा राशि 1 ट्रिलियन यानी 1 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गई है. वित्त मंत्रालय के ताजा आंकड़े के मुताबिक 3 जुलाई तक इस योजना के तहत खोले गए 36.06 करोड़ खातों में 1,00,495.94 करोड़ रुपये जमा थे. प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) की शुरूआत 28 अगस्त 2014 को की गई थी.

जनधन लाभार्थियों के खातों में जमा राशि निरंतर बढ़ रही है. इससे पहले 6 जून को इन खातों में यह राशि 99,649.84 करोड़ रुपये तथा उससे एक सप्ताह पहले 99,232.71 करोड़ रुपये थी.इस योजना का मकसद देश के उन गरीब लोगों को बैंक सुविधाएं उपलब्ध कराना है जिनके पास बैंक खाते नहीं थे.

क्या है इस खाते की विशेषता

पीएमजेडीवाई के तहत खोला गया खाता मूल बचत बैंक जमा (बीएसबीडी) खाता है. इसके साथ रूपे डेबिट कार्ड और ओवरड्राफ्ट की सुविधा दी जाती है. इस खाते में न्यूनतम राशि रखने की जरूरत नहीं है. अबतक 28.44 करोड़ खाताधारकों को रूपे डेबिट कार्ड जारी किये गये हैं. योजना की सफलता से उत्साहित सरकार ने 28 अगस्त 2018 के बाद खोले गये खातों के लिये दुर्घटना बीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया है. इसके साथ ओवरड्राफ्ट की सीमा भी दोगुनी कर 10,000 रुपये कर दी गई है.

इसके पहले दिसबंर 2018 तक देश में 32 करोड़ से ज्यादा जनधन खाते खोले जा चुके थे. 28 करोड़ से अधिक खाताधारकों को रूपे डेबिट कार्ड जारी किये जा चुके हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2014 को जनधन योजना की घोषणा की थी, और इसे 28 अगस्त 2014 को लॉन्च किया गया. इसका मकसद सभी परिवार को बैंक सुविधाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना था.

कुल खातों में 50 प्रतिशत से अधिक खाते महिलाओं के नाम पर हैं जबकि करीब 59 प्रतिशत खाते ग्रामीण तथा अर्द्ध-शहरी क्षेत्र में खोले गये. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह जीरो बैलेंस खाते हैं. PMJDY के अंतर्गत खुले खाते पर धारक 6 महीने के बाद 10,000 रुपये तक की राशि लोन के तौर पर भी ले सकते हैं.

स्वस्थ शरीर में कितना होना चाहिए शुगर लेवल? जानिये उम्र के हिसाब से रक्त शर्करा का स्तर

Normal Blood Sugar Level Chart: 13 से 19 साल के लोगों में नॉर्मल फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल 70 से 150 mg/dl होता है

स्वस्थ शरीर में कितना होना चाहिए शुगर लेवल? जानिये उम्र के हिसाब से रक्त शर्करा का स्तर

फास्टिंग के समय नॉर्मल ब्लड शुगर का लेवल 70-99 मिलीग्राम/डीएल के बीच होता है

Blood Sugar Range: उम्र बढ़ने के साथ ही शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा भी बढ़ने लगती है। कई स्वास्थ्य परिस्थितियों में लोगों के रक्त शर्करा का स्तर घटता-बढ़ता रहता है। शुगर लेवल को प्रभावित करने में जो कुछ बातें मायने रखती हैं, वो आप ब्लड शुगर लेवल की जांच किस समय करते हैं, क्या खा रहे हैं, उनकी उम्र और स्ट्रेस लेवल है। ब्लड शुगर का घटना-बढ़ना दोनों ही खतरनाक होता है, ऐसे में नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल क्या है ये जानना बेहद जरूरी है। आइए FBS पर न्यूनतम जमा राशि क्या है? जानते हैं कि उम्र के हिसाब से कितना ब्लड शुगर होना चाहिए।

ब्लड शुगर को आसान शब्दों में समझें: शरीर को उर्जा प्रदान करने का मुख्य स्रोत ग्लूकोज होता है, जब ये रक्त में जमा होने लगता है तो इसे ब्लड शुगर कहा जाता है। शरीर में ग्लूकोज का निर्माण तब होता है जब लोग कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन करते हैं। इसके अलावा. जब जरूरत होती है तो प्रोटीन और फैट्स के जरिये भी ग्लूकोज प्रोड्यूस होते हैं। हालांकि, प्रोटीन से जो ग्लूकोज बनता है वो लोगों के लिवर में स्टोर हो जाता है और ब्लडस्ट्रीम में नहीं पहुंचता।

डायबिटीज रोगी कब-कब करें जांच: स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि ब्लड शुगर नापने के लिए तीन आयुवर्ग में लोगों का बांटा जाता है। फास्टिंग यानी सुबह में खाने के 8-9 घंटे पहले, खाली पेट, खाने के एक-दो घंटे बाद और बिस्तर पर जाते वक्त रक्त शर्करा की जांच करनी चाहिए।

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कितना होता है नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल: आमतौर पर जो लोग पूरी तरह स्वस्थ होते हैं और जिन्हें डायबिटीज की परेशानी नहीं होती, उनमें फास्टिंग के समय नॉर्मल ब्लड शुगर का लेवल 70-99 मिलीग्राम/डीएल के बीच होता है। वहीं, पोस्ट प्रैंडियल हेल्दी शुगर लेवल तो यह 140 मिलीग्राम / डीएल से अधिक नहीं होना चाहिए।

किस उम्र में कितना हो रक्त शर्करा का स्तर: 6 साल से छोटे बच्चों का फास्टिंग FBS पर न्यूनतम जमा राशि क्या है? शुगर FBS पर न्यूनतम जमा राशि क्या है? लेवल 80 से 180 mg/dl के बीच होता है, वहीं खाने से पहले इसका स्तर 90-180 mg/dl हो सकता है। पोस्ट प्रैंडियल शुगर लेवल 140mg/dL होना चाहिए। जबकि रात को 100-180 mg/dl हो सकता है।

13 से 19 साल के लोगों में नॉर्मल फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल 70 से 150 mg/dl होता है। खाने से पहले 90-130 mg/dl शुगर लेवल होना चाहिए। वहीं, खाने के 2 घंटे बाद सामान्य रक्त शर्करा का स्तर 140mg/dl होना चाहिए। इसके अलावा, बेडटाइम में ब्लड शुगर का स्तर 90-150 mg/dl होना चाहिए।

20 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में फास्टिंग के दौरान 100 mg/dl से कम होना चाहिए। वहीं, खाने से पहले रक्त शर्करा का स्तर 70-130 mg/dl के बीच होना चाहिए। इसके अलावा, खाने के 2 घंटे बाद 180 से कम mg/dl होना चाहिए। साथ ही, सोते वक्त शुगर लेवल 100-140 mg/dl के बीच होता है।

वहीं, 65 साल के लोगों में फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल 90 से 130 mg/dL के बीच और बेडटाइम ब्लड शुगर 150 mg/dL से अधिक नहीं होना चाहिए।

स्वस्थ शरीर में कितना होना चाहिए शुगर लेवल? जानिये उम्र के हिसाब से रक्त शर्करा का स्तर

Normal Blood Sugar Level Chart: 13 से 19 साल के लोगों में नॉर्मल फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल 70 से 150 mg/dl होता है

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फास्टिंग के समय नॉर्मल ब्लड शुगर का लेवल 70-99 मिलीग्राम/डीएल के बीच होता है

Blood Sugar Range: उम्र बढ़ने के साथ ही शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा भी बढ़ने लगती है। कई स्वास्थ्य परिस्थितियों में लोगों के रक्त शर्करा का स्तर घटता-बढ़ता रहता है। शुगर लेवल को प्रभावित करने में जो कुछ बातें मायने रखती हैं, वो आप ब्लड शुगर लेवल की जांच किस समय करते हैं, क्या खा रहे हैं, उनकी उम्र और स्ट्रेस लेवल है। ब्लड शुगर का घटना-बढ़ना दोनों ही खतरनाक होता है, ऐसे में नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल क्या है ये जानना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं कि उम्र के हिसाब से कितना ब्लड शुगर होना चाहिए।

ब्लड शुगर को आसान शब्दों में समझें: शरीर को उर्जा प्रदान करने का मुख्य स्रोत ग्लूकोज होता है, जब ये रक्त में जमा होने लगता है तो इसे ब्लड शुगर कहा जाता है। शरीर में ग्लूकोज का निर्माण तब होता है जब लोग कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन करते हैं। इसके अलावा. जब जरूरत होती है तो प्रोटीन और फैट्स के जरिये भी ग्लूकोज प्रोड्यूस होते हैं। हालांकि, प्रोटीन से जो ग्लूकोज बनता है वो लोगों के लिवर में स्टोर हो जाता है और ब्लडस्ट्रीम में नहीं पहुंचता।

डायबिटीज रोगी कब-कब करें जांच: स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि ब्लड शुगर नापने के लिए तीन आयुवर्ग में लोगों का बांटा जाता है। फास्टिंग यानी सुबह में खाने के 8-9 घंटे पहले, खाली पेट, खाने के एक-दो घंटे बाद और बिस्तर पर जाते वक्त रक्त शर्करा की जांच करनी चाहिए।

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कितना होता है नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल: आमतौर पर जो लोग पूरी तरह स्वस्थ होते हैं और जिन्हें डायबिटीज की परेशानी नहीं होती, उनमें फास्टिंग के समय नॉर्मल ब्लड शुगर का लेवल 70-99 मिलीग्राम/डीएल के बीच होता है। वहीं, पोस्ट प्रैंडियल हेल्दी शुगर लेवल तो यह 140 मिलीग्राम / डीएल से अधिक नहीं होना चाहिए।

किस उम्र में कितना हो रक्त शर्करा का स्तर: 6 साल से छोटे बच्चों का फास्टिंग शुगर लेवल 80 से 180 mg/dl के बीच होता है, वहीं खाने से पहले इसका स्तर 90-180 mg/dl हो सकता है। पोस्ट प्रैंडियल शुगर लेवल 140mg/dL होना चाहिए। जबकि रात को 100-180 mg/dl हो सकता है।

13 से 19 साल के लोगों में नॉर्मल फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल 70 से 150 mg/dl होता है। खाने से पहले 90-130 mg/dl शुगर लेवल होना चाहिए। FBS पर न्यूनतम जमा राशि क्या है? वहीं, खाने के 2 घंटे बाद सामान्य रक्त शर्करा का स्तर 140mg/dl होना चाहिए। इसके अलावा, बेडटाइम में ब्लड शुगर का स्तर 90-150 mg/dl होना चाहिए।

20 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में फास्टिंग के दौरान 100 mg/dl से कम होना चाहिए। वहीं, खाने से पहले रक्त शर्करा का स्तर 70-130 mg/dl के बीच होना चाहिए। इसके अलावा, खाने के 2 घंटे बाद 180 से कम mg/dl होना चाहिए। साथ ही, सोते वक्त शुगर लेवल 100-140 mg/dl के बीच होता है।

वहीं, 65 साल के लोगों में फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल 90 से 130 mg/dL के बीच और बेडटाइम ब्लड शुगर 150 mg/dL से अधिक नहीं होना चाहिए।

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