Stockbot - Saham & Trading
स्टॉकबोट इंडोनेशिया स्टॉक एक्सचेंज (IDX) के प्रदर्शन को ट्रैक करने के लिए एक एल्गोरिथम स्टॉक मार्केट विश्लेषण उपकरण है। इसके उपयोगकर्ताओं को सभी आवश्यक उपकरण प्रदान करके अनुसंधान करने का अधिकार है जो तकनीकी विश्लेषण को बहुत सरल और आसान तरीके से करने के लिए प्रासंगिक हैं।
स्टॉकबोट मदद के लिए परिष्कृत स्टॉक स्क्रीनिंग से लैस है। हमारे ऑटो विशेषज्ञ सलाहकार एक वास्तविक समय विश्लेषण रणनीति दे सकते हैं। स्टॉकबोट एक दैनिक स्टॉक सिफारिश या स्टॉक पिक से लैस है, जो ट्रेडिंग प्लान और ट्रेडिंग रणनीति और मनी मैनेजमेंट के साथ पूरा होता है।
स्टॉकबोट एक एल्गोरिथ्म पर आधारित एक स्टॉक विश्लेषण एप्लिकेशन है जो विभिन्न विशेषताओं से लैस है जो व्यापारियों / निवेशकों को इंडोनेशियाई स्टॉक एक्सचेंज (BEI / IDX) पर ट्रेडिंग / ट्रेडिंग के लिए तकनीकी डेटा के आधार पर जानकारी प्रदान करने में मदद कर सकता है।
स्टॉकबोट विभिन्न तकनीकी विश्लेषण सुविधाओं से सुसज्जित है जो सामान्य रूप से ट्रेडिंग / निवेश शेयरों में योजना बनाने और निर्णय लेने में मदद करने के लिए उपयोग किया जा सकता है। स्टॉकबोट का उपयोग करके आप अपने द्वारा प्रदान की गई सुविधाओं का उपयोग करके स्वतंत्र रूप से स्टॉक विश्लेषण करने के लिए धोखा देंगे।
नोट: स्टॉकबोट केवल 200 चयनित स्टॉक का विश्लेषण करता है।
स्क्रीनर टूल्स का एक विस्तृत चयन जो स्टॉकबोट टीम द्वारा बनाए एल्गोरिथम ट्रेडिंग क्या है गए संकेतकों के आधार पर स्टॉक संकेतकों को खोजने में मदद कर सकता है और साथ ही तकनीकी संकेतक जो अक्सर तकनीकी व्यापारियों द्वारा उपयोग किए जाते हैं जैसे: कैंडलस्टिक पैटर्न एक्सप्लोरर, स्टोचस्टिक, एमएसीडी, वॉल्यूम विश्लेषण, मूल्य कार्रवाई, बंदर डिटेक्टर आदि।
व्यापारी मानदंड और ट्रेडिंग रणनीति के आधार पर 3 स्टॉकपिक विकल्प हैं:
1. कमजोरी (BOW) या नीचे मछली पकड़ने की रणनीति पर खरीदें
यह उन शेयरों को खोजने के लिए एक सुविधा है जो एक सुधार या डाउन स्थिति में हैं और रिबाउंड करने का मौका है।
2. रेंजिंग या सपोर्ट एंड रेसिस्टेंस पर खरीदें यह ट्रेडिंग रणनीति समर्थन क्षेत्र में खरीदने या प्रतिरोध विराम होने पर खरीदने के लिए सही समय का उपयोग करके ट्रेडिंग के लिए एक रणनीति है।
3. खरीदें ऑन स्ट्रेंथ (बीओएस) एक शेयर खरीदने की एक रणनीति है जो एक अपट्रेंड में है या नई स्थिति एक अपट्रेंड या वृद्धि पैटर्न बनाएगी।
4. बन्दर का पता लगाने वाला
एक उपकरण है जो विश्लेषण कर सकता है कि कोई स्टॉक बिक्री खरीद या वितरण के संचय में है या नहीं। शहर के आंदोलन को शीर्ष 5 दलालों के माध्यम से पढ़ा जा सकता है जो आम तौर पर एक शेयर की कीमत को स्थानांतरित कर सकते हैं।
स्टॉकबोट ऐप्स पर सभी सिफारिशें एक ट्रेडिंग सिस्टम एल्गोरिथ्म रणनीति पर आधारित हैं जो मानव हस्तक्षेप के बिना स्वचालित रूप से चलती हैं।
प्रत्येक स्टॉकपिक एक ट्रेडिंग प्लान, बाय एरिया, स्टॉप लॉस, प्रॉफिट लेने, ट्रेलिंग स्टॉप, ट्रेंड कंडीशन, सपोर्ट रेजिस्टेंस से लैस है।
जिन शेयरों की सिफारिश की गई है, उन्हें स्टॉकपिक बोव और बीओएस में पाए जाने वाले होल्ड मेनू में समय-समय पर मॉनिटर किया जा सकता है।
कुछ सुविधाओं में शामिल एल्गोरिथम ट्रेडिंग क्या है हैं:
सलाहकार बॉट (रोबोट कमेंट्री) एक भाषा में सारांशित स्टॉक की विश्लेषण समीक्षा प्रदान कर सकता है जिसे समझना आसान है। वर्तमान स्टॉक की स्थिति के बारे में निष्कर्ष दें और भविष्य में क्या होगा और तकनीकी विश्लेषण एल्गोरिदम के आधार पर क्या रणनीति बनाई जा सकती है।
स्टॉक ऑर्डर योजना एक ऐसी सुविधा है जो एक मापा ट्रेडिंग योजना के साथ स्टॉक की खरीद को विनियमित करने में मदद कर सकती है।
प्राइस एक्शन एक फीचर मेन्यू है जो 3 दिनों के भीतर -5% से अधिक गिर चुके शेयरों को पा सकता है।
वॉल्यूम विश्लेषण एक ऐसा मेनू है जो एक साथ मूल्य और वॉल्यूम ब्रेकआउट वाले स्टॉक प्रदर्शित कर सकता है।
रिबाउंड सिग्नल एक ऐसा मेनू है जो स्टॉक को प्रदर्शित कर सकता है जो फिर से बढ़ना शुरू कर दिया है।
कुछ महत्वपूर्ण संकेतों को मोबाइल पर सूचनाओं के रूप में सक्रिय किया जा सकता है।
स्टॉकबोट ऐप्स में कुछ विशेषताएं इस प्रकार हैं। व्यापारियों और शुरुआती और उन्नत निवेशकों के लिए डिज़ाइन की गई कुल 25 विशेषताएं हैं।
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एल्गोरिथम ट्रेडिंग क्या है
बिज़नेस न्यूज डेस्क - शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। स्टॉक कब ऊपर जाएगा और कौन सा स्टॉक नीचे जाएगा, यह बताना इतना आसान नहीं है। वहीं शेयर बाजार में पैसा कमाने के लिए लोग मोमेंटम ट्रेडिंग और एल्गो ट्रेडिंग पर काफी ध्यान दे रहे हैं। शेयर बाजार में ट्रेडिंग पर भी इनका काफी असर पड़ता है। वहीं राइट रिसर्च के संस्थापक सोनम श्रीवास्तव ने मोमेंटम ट्रेडिंग और एल्गो ट्रेडिंग के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। मोमेंटम ट्रेडिंग के बारे में सोनम श्रीवास्तव का कहना है कि मोमेंटम ट्रेडिंग का मतलब बाजार के रुझान को पकड़ना है। यह प्रवृत्ति शेयर की कीमत से भी संबंधित हो सकती है या यह तकनीकी चार्ट से भी संबंधित हो सकती है। साथ ही स्टॉक ने हाल में कैसा रिटर्न दिया है, यह भी ट्रेंड हो सकता है। इसे मोमेंटम ट्रेडिंग से समझा जा सकता है।
इसके साथ ही सोनम श्रीवास्तव का कहना है कि शेयर बाजार में एल्गोरिथम ट्रेडिंग भी बहुत जरूरी है। एल्गोरिथम ट्रेडिंग का मतलब है कि एल्गोरिथम ट्रेडिंग क्या है हम सिस्टम में कुछ फॉर्मूला डालते हैं और उसी के अनुसार ट्रेड करते हैं। यहां एक प्रोग्राम फिक्स होता है और उसी के मुताबिक खरीद-बिक्री होती है। हालांकि एल्गो ट्रेडिंग को लेकर सोनम श्रीवास्तव ने कहा है कि एल्गो ट्रेडिंग से पहले बैक टेस्टिंग बहुत जरूरी है। बैक टेस्टिंग के माध्यम से कई चीजों को समझना आसान हो जाता है। साथ ही किसी नुकसान से भी बचा जा सकता है और यह भी पता किया जा सकता है कि यह फायदेमंद है या नहीं।
Algo Trading: टेक्नोलॉजी और एल्गो-ट्रेडिंग से दिव्यांगो को 'पावरफुल' बना रही ये कंपनी
Share India Securities 'Divyaang': एल्गोरिथम ट्रेडिंग को एल्गो-ट्रेडिंग भी कहा जाता है, यह एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसमें कम्प्यूटर प्रोग्राम के जरिए खास इन्स्ट्रक्शन्स (एल्गोरिथम) देकर ट्रेड किया जाता है.
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Technology For Divyaang: टेक्नोलॉजी हमारी लाइफ का एक खास हिस्सा बन गई है. इसे हम चाहकर भी नहीं छोड़ सकते हैं. टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हमारे लिए हर छोटी बड़ी चीज में किया जा रहा है. टेक्नोलॉजी ने अपनी पहुंच इंसान के बॉडी पार्ट्स तक बना ली है. इसकी बदलौत दिव्यांगों को भी अपनी जिंदगी बेहतर ढंग से जीने का मौका मिल रहा है.
टेक्नोलॉजी की बदौलत काफी लोगों की जिंदगी में खास बदलाव आए हैं. जब किसी समस्या का समाधान करना हो तो हम तकनीक का सहारा लेते हैं ऐसा ही किया शेयर इंडिया सिक्योरिटीज के चेयरमैन प्रवीण गुप्ता ने. उनके बेटे रोहिन गुप्ता भी जन्म से गूंगे और बहरे थे. रोहिन ने भी आम लोगों की तरह विदेश से पढ़ाई की.
उन्होंने अमेरिका में पढ़ाई की, जहां उन्होंनें एल्गोरिथम ड्रिवन ट्रेडिंग सीखी. एल्गोरिथम ट्रेडिंग को एल्गो-ट्रेडिंग भी कहा जाता है, यह एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसमें कम्प्यूटर प्रोग्राम के जरिए खास इन्स्ट्रक्शन्स (एल्गोरिथम) देकर ट्रेड किया जाता है.
जब वह भारत वापस आए तो उन्होंने भारत में उन्हीं के जैसे दिव्यांगो के बारे में सोचा, क्योंकि सब उनकी तरह एल्गोरिथम ट्रेडिंग क्या है विदेश जाकर महंगी पढ़ाई नहीं कर सकते. रोहिन गुप्ता अब शेयर इंडिया के डायरेक्टर हैं और भारत में दिव्यांगों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने और आम लोगों की तरह जिंदगी देने में लगे हुए हैं.
दिव्यांग युवाओं के डिवेलपमेंट के लिए तैयार किया गया कोर्स अब एल्गोरिथम ट्रेडिंग क्या है तक एनसीआर में 50 से ज्यादा युवाओं को फायदा पहुंचा चुका है. इस कोर्स के करने के बाद युवा पैसा भी कमा रहे है. अभी तक यह कंपनी केवल एनसीआर के युवाओं को ही यह कौशल दे रही थी. जल्द ही यह दूसरी जगहों पर भी युवाओं को ट्रेंड करने का काम करेगी.
रोहिन गुप्ता के मुताबिक, इसके तहत युवाओं को सैलरी के साथ 60 से 90 दिन तक की ट्रेनिंग दी जाती है. इस कोर्स के ट्रेनिंग मॉड्यूल में डीलर और ट्रेडर युवाओं को ट्रेनिंग देते हैं. इस कोर्स को करने के लिए जो खर्च होता है वह भी कंपनी ही उठाती है.
एल्गोरिथम ट्रेडिंग क्या है
बिज़नेस न्यूज एल्गोरिथम ट्रेडिंग क्या है एल्गोरिथम ट्रेडिंग क्या है डेस्क - शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। स्टॉक कब ऊपर जाएगा और कौन सा स्टॉक नीचे जाएगा, यह बताना इतना आसान नहीं है। वहीं शेयर बाजार में पैसा कमाने के लिए लोग मोमेंटम ट्रेडिंग और एल्गो ट्रेडिंग पर काफी ध्यान दे रहे हैं। शेयर बाजार में ट्रेडिंग पर भी इनका काफी असर पड़ता है। वहीं राइट रिसर्च के संस्थापक सोनम श्रीवास्तव ने मोमेंटम ट्रेडिंग और एल्गो ट्रेडिंग के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। मोमेंटम ट्रेडिंग के बारे में सोनम श्रीवास्तव का कहना है कि मोमेंटम ट्रेडिंग का मतलब बाजार के रुझान को पकड़ना है। यह प्रवृत्ति शेयर की कीमत से भी संबंधित हो सकती है या यह तकनीकी चार्ट से भी संबंधित हो सकती है। साथ ही स्टॉक ने हाल में कैसा रिटर्न दिया है, यह भी ट्रेंड हो सकता है। इसे मोमेंटम ट्रेडिंग से समझा जा सकता है।
इसके साथ ही सोनम श्रीवास्तव का कहना है कि शेयर बाजार में एल्गोरिथम ट्रेडिंग भी बहुत जरूरी है। एल्गोरिथम ट्रेडिंग का मतलब है कि हम सिस्टम में कुछ फॉर्मूला डालते हैं और उसी के अनुसार ट्रेड करते हैं। यहां एक प्रोग्राम फिक्स होता है और उसी के मुताबिक खरीद-बिक्री होती है। हालांकि एल्गो ट्रेडिंग को लेकर सोनम श्रीवास्तव ने कहा है कि एल्गो ट्रेडिंग से पहले बैक टेस्टिंग बहुत जरूरी है। बैक टेस्टिंग के माध्यम से कई चीजों को समझना आसान हो जाता है। साथ ही किसी नुकसान से भी बचा जा सकता है और यह भी पता किया जा सकता है कि यह फायदेमंद है या नहीं।
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