विकल्प (Options) ऑप्शन ट्रेडिंग - Options Trading
आपके द्वारा ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू करने से पहले आप क्या पूर्ण करने की आशा रखते हैं, उसकी समझ होना बेहद जरूरी है. केवल तभी आप ऑप्शन ट्रेडिंग रणनीति पर ध्यान केंद्रित कर पाएंगे. आइये पहले ऑप्शन की अवधारणा को समझते हैं.
ऑप्शन की अवधारणा को इस उदाहरण से समझा जा सकता है. उदाहरण के लिए, जब आप कुछ संपत्ति खरीदने की योजना बनाते हैं, तो आपने अन्य ऑप्शन का मूल्यांकन करने के दौरान उसे कुछ समय के लिए होल्ड करने के लिए नॉन-रिफंडेबल डिपॉजिट रखा हो सकता है.
यह ऑप्शन के प्रकार का उदाहरण है. उसी प्रकार, शायद आपने सुना हो कि बॉलीवुड किसी उपन्यास पर कोई ऑप्शन खरीद रहा है. किसी उपन्यास को ऑप्शन करने में निर्देशक पैसा रखा निर्दिष्ट दिनांक से पहले उपन्यास पर फिल्म बनाने के अधिकार खरीदता है. मकान और स्क्रिप्ट वाले दोनों मामलों में, किसी ने निश्चित दिनांक से पहले निश्चित मूल्य पर कोई उत्पाद खरीदने के अधिकार के लिए कुछ हैं. स्टॉक ऑप्शन खरीदना भी कुछ ऐसा ही है. ऑप्शन वे अनुबंध हैं जो निश्चित समय के भीतर धारक को निश्चित मूल्य पर निश्चित स्टॉक की तय मात्रा बेचने या खरीदने का अधिकार देते हैं. कोई पुट ऑप्शन धारक को प्रतिभूति बेचने का अधिकार देता है, कोई कॉल ऑप्शन प्रतिभूति खरीदने का अधिकार देता है. हलांकि इस प्रकार के अनुबंध धारक को अधिकार देते हैं, बल्कि निश्चित दिनांक से पहले निश्चित मूल्य पर स्टॉक व्यापार करने की कोई बाध्यता नहीं देते हैं. कई व्यक्तिगत निवेशक को ऑप्शन उपयोगी साधन लगता हैक्योंकि वे इसे निम्न तरह से उपयोग कर सकते हैं:
ए) लेवरेज के प्रकार के रूप में या
बी) बीमा के प्रकार के रूप में.
ऑप्शन में ट्रेड करना आपको शेयर का पूरा मूल्य दिए बिना शेयर के मूल्य से लाभ उठाने देता है. वे आपको पूर्ण रूप से शेयर खरीदने के लिए आवश्यक पैसों की तुलना में बेहद कम पैसों से स्टॉक के शेयर पर सीमित नियंत्रण प्रदान करते हैं. बीमा के रूप में उपयोग किए जाने पर ऑप्शन आपको सीमित समय के लिए खरीदने या बेचने का अधिकार प्रदान करके किसी निश्चित प्रतिभूति के मूल्यों में उतार चढ़ाव से आपकी सुरक्षा करते हैं. ऑप्शन स्वाभविक रूप से जोखिमभरा निवेश साधन है केवल अनुभवी एवं ज्ञानी निवेशकों के लिए उचित है जो कि बाजार स्थिति को करीब से देखने के लिए तैयार है और अनुमान लगाकर संभावित नुकसान उठाने के लिए वित्तीय रूप से तैयार हैं.
अलग-अलग प्रकार ऑप्शन क्या है? ऑप्शन को लाभ कमाने / हानि घटाने के लिए रणनीतिक उपाय के रूप में कैसे उपयोग किया जा सकता है?
अः ऑप्शन को निम्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, ऑप्शन के दो प्रकार हैं, कॉल और पुट. कॉल ऑप्शन धारक को समापन अवधि से पहले किसी भी समय स्ट्राइक मूल्य पर अंतनिर्हित स्टॉक खरीदने का अधिकार देता है. समान्य तौर पर, अंतनिर्हित साधनों का मूल्य बढ़ने पर कॉल ऑप्शन का मूल्य भी बढ़ता है..
इसके विपरीत पुट ऑप्शन समापन दिनांक को या उसके पहले स्ट्राइक मूल्य पर धारक को अंतर्निहित शेयर बेचने का अधिकार प्रदान करते हैं. अंतर्निहित साधनों का मूल्य कम होने पर पुट ऑप्शन का मूल्य बढ़ता है.
पुट ऑप्शन वह है जिसमें कोई व्यक्ति बाद में होने वाली मूल्य गिरावट के लिए कोई स्टॉक सुनिश्चित कर सकता है. यदि आपके स्टॉक का मूल्य कम होता है, तो आप अपना पुट ऑप्शन लेकर इसे पूर्व में निर्धारित मूल्य स्तर पर बेच सकते हैं.यदि स्टॉक मूल्य ऊपर जाता है, तो आपको बस केवल चुकायी गई प्रीमियम राशि की हानि होती है. ध्यान रखें कि समाचार पत्रों और ऑनलाइन उदाहरणों में आप कॉल को सी के रूप में और पुट को पी के रूप में संक्षिप्त किया
नीचे दिए उदाहरणों में पुट ऑप्शन का स्पष्ट रूप से वर्णन किया गया है: केस 1: राजेश ने मई इंफ़ोसिस टेक्नोलॉजिस मई 3000 पुट का 1 लोट खरीदता है और 250 का प्रीमियम देता है,
यह अनुबंध राजेश को वर्तमान दिनांक से मई के अंत तक 3000 रुपए के 100 शेयर खरीदने देता है. इसका लाभ उठाने के लिए, राजेश को बस 25000 रुपए का प्रीमियम देना है ( 250 रुपए एक शेयर के लिए कुल 100 शेयर). पुट के खरीदार ने बेचने का अधिकार खरीद लिया है. पुट के स्वामी के पास बेचने का अधिकार हैं.
केस 2:यदि आप सोचते हैं कि कोई विशेष स्टॉक जैसे रे टक्नोलॉजिस” का फरवरी के महीने में मूल्य अधिक है, और भविष्य में मूल्यों में सुधार हो सकता है. हालांकि आप मूल्य बढ़ने के मामले में कोई खतरा नहीं उठाना चाहते हैं. तो आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प स्टॉक पर पुट ऑप्शन लेना रहेगा. मान लीजिए स्टॉक के लिए भाव इसके अंतर्गत हैं:
1050 रुपए 10 पर मई पुट 1070 रुपए 30 पर मई पुट
इसलिए आपने स्ट्राइक मूल्य 1070 और पुट मूल्य 30 रुपए पर 1000 रे टेक्नोलॉजिस” पुट खरीदे
Call & Put Analyzer
स्मार्ट विकल्प व्यापारियों के लिए विकल्प विश्लेषक ऐप प्रस्तुत करना। कुछ विकल्पों पर क्लिक करके अब विकल्प और पुट विकल्प विश्लेषण किया जा सकता है। डेल्टा, गामा, थीटा, वेगा और मूल्य जैसे यूनियनों की गणना विकल्प कैलकुलेटर का उपयोग करके की जा सकती है। विकल्प मूल्य आंदोलन और अन्य विकल्प मापदंडों को पोर्टफोलियो और वॉच सुविधा का उपयोग करके ट्रैक किया जा सकता है।
एप्लिकेशन की मुख्य विशेषताएं:
1. विकल्प यूनानियों की गणना स्वचालित रूप से प्रदर्शित की जाती है
2. विकल्प मूल्य ओपन इंटरेस्ट, वॉल्यूम, इंप्लाइड अस्थिरता (IV) और अन्य विकल्प विवरण प्रदर्शित किए जाते हैं।
3. कॉल / पुट पुट ऑप्शन क्या है पदों को पोर्टफोलियो में जोड़ा जा सकता है और उन्हें ट्रैक करने के लिए देख सकते हैं।
4. विकल्प के लिए सहज और आसान विकल्प कैलकुलेटर विश्लेषण प्रयोजन के लिए उपलब्ध है
5. अपने स्वयं के खोज मानदंडों के आधार पर खोज कॉल / पुट विकल्प
6. ब्रोकरेज और एनालिस्ट निफ्टी, बैंकन्टी और स्टॉक्स के लिए कॉल खरीदते और बेचते हैं। लक्ष्य और स्टॉप-लॉस जानकारी के साथ स्टॉक टिप्स और सिफारिशें
7. कॉल / पुट ऑप्शन ऐतिहासिक वॉल्यूम और ओपन इंटरेस्ट ट्रेंड्स के साथ चार्ज करना
8. वायदा और विकल्प के लिए मार्जिन की आवश्यकताएं देखें। सभी कॉल और पागल शामिल हैं। आप वांछित मूल्य और मात्रा दर्ज करके पुनर्गणना कर सकते हैं
9. प्रत्येक FnO स्टॉक के पुट अनुपात को देखें। ऐतिहासिक PCRs के विस्तृत दृश्य चित्रमय प्रदर्शन को देखा जा सकता है।
10. उच्च गति वाले तेज गति वाले विकल्पों की पहचान की जाती है और उनके चलन को रेखांकन के रूप में प्रदर्शित किया जाता है ताकि आप कार्रवाई पुट ऑप्शन क्या है करने से न चूकें।
11. विकल्प रणनीति खोजक / रणनीति बिल्डर उपकरण। अब बुल कॉल स्प्रेड, बुल पुट स्प्रेड, लॉन्ग आयरन बटरफ्लाई, लॉन्ग आयरन कोंडोर, स्ट्रैडल, स्ट्रैनल, भालू कॉल स्प्रेड, बुल पुट फैल, बुल पुट लैडर, बियर कॉल लैडर, लॉन्ग कॉल टिशू क्रिस्टल, लॉन्ग पुट जैसे लोकप्रिय विकल्प रणनीतियों को खोजें बटरफ्लाई, लॉन्ग कॉल कोंडोर आदि।
डेटा की सुरक्षा
आपके डेटा की सुरक्षा, इस बात पर निर्भर करती है कि डेवलपर, डेटा को कैसे इकट्ठा और शेयर करते हैं. डेटा को निजी और सुरक्षित रखने के तरीके अलग-अलग हो सकते हैं. ये आपकी जगह, उम्र, और ऐप्लिकेशन के इस्तेमाल के हिसाब से तय किए जाते हैं. यह जानकारी डेवलपर उपलब्ध कराता है और समय-समय पर इस जानकारी को अपडेट भी किया जा सकता है.
What is Options Trading in Hindi? ऑप्शन ट्रेडिंग क्या होती है? कैसे करते हैं?
आप यहां तक आये हैं इसका मतलब है कि आप वाकई में Option Trading को लेकर सीरियस हैं। आजकल जहाँ लोग शारीरिक सुख प्राप्त करने के लिए भाग रहे हैं, आपने अपनी जिंदगी से जुड़ा अहम् फैसला लिया है, हम आपको उसकी बधाई देते हैं।
अब सवाल ये है कि क्या आप Option Trading कर सकते हैं?
जी बिलकुल कर सकते हैं पर उससे पहले आपको ऑप्शन ट्रेडिंग को समझना होगा और सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ना होगा कि ये ट्रेडिंग कैसे काम करती है ताकि आगे जाकर आपको नुकसान न हो।
ऐसे में आपके पास खोने के लिए ज्यादा कुछ नहीं होगा लेकिन पाने के लिए बहुत कुछ। इस प्रकार की ट्रेडिंग में पैसे बहुत जल्दी बढ़ते और कम होते हैं तो आपको अपने मन पर काबू पाना होगा।
Option Trading करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
आपको पहले से सचेत करना हमारी जिम्मेदारी है क्योंकि इसमें आपके पैसे जा रहे हैं और आजकल पैसा ही सब कुछ है। आपको हर एक फैसला काफी सोच विचारकर करना होगा और शेयर मार्किट में अपने सफर की शुरुआत हमेशा कम से करें।
जैसे अगर आपके पास लगाने के लिए अगर ₹20,000 हैं तो उसका 25% ही लगाएं मतलब ₹5,000। ठीक वैसे ही अगर आपके पास घर के खर्चे पूरे होने के बाद ₹10,000 बचते हैं तो इसमें से केवल ₹2500 ऑप्शन ट्रेडिंग में इस्तेमाल करें।
अगर आपके पास इससे भी कम पैसे बच रहे हैं तो आप ऑप्शन ट्रेडिंग को छोड़कर Equity में इन्वेस्ट या ट्रेडिंग कर सकते हैं। ये आपको काफी सस्ता पड़ेगा और पूरी तरह टेक्निकल एनालिसिस करने के बाद आप यदि शेयर खरीदेंगे तो आपको फायदा होने के सम्भावना कई गुना बढ़ जाएगी।
Options Trading Kya Hai?
ऑप्शन ट्रेडिंग Buyer और Seller के बीच में एक ऐसा समझौता है जो Buyer को एक खास कीमत पर एक खास समय सीमा के भीतर किसी Underlying Asset को खरीदने या बेचने का अधिकार प्रदान करता है।
स्टॉक मार्किट में Options का काम खरीदने वाले को एक निर्धारित कीमत पर किसी निश्चित समय सीमा के लिए कोई सिक्योरिटी खरीदने का अधिकार देना है | समय कुछ मिनटों से लेकर 6 महीने तक हो सकता है लेकिन वह समय पूरा होने के बाद खरीदने वाले को पूरे पैसे चुकाने होंगे।
Option Trading में Premium क्या है?
अपना अधिकार पक्का करने के लिए buyer को कुछ मूल्य पहले से चुकाना होता है जिसे हम प्रीमियम कहते हैं। प्रीमियम की राशि उस आधार पर निर्धारित की जाती है कि और कितने लोग उस कॉन्ट्रैक्ट को खरीद रहे हैं और आगे उसके बढ़ने की कितनी सम्भावना है।
ऑप्शन कितने प्रकार के होते है?
ऑप्शन दो प्रकार के होते हैं: कॉल और पुट जिन्हें ब्रोकर्स द्वारा CE और PE से दर्शाया जाता है। यदि आपको आने वाले समय में शेयर की कीमत बढ़ने के आसार दिखाई दे रहे हैं तो आप कॉल ऑप्शन खरीदेंगे वहीँ दूसरी ओर अगर आपको लग रहा है कि ये शेयर डूबने वाला है तो पुट विकल्प खरीदना फायदेमंद हो सकता है।
फायदा तभी होगा जब ऑप्शन का मूल्य आपके चुकाए गए प्रीमियम से ज्यादा होगा। अब शेयर मार्किट में कुछ भी काम करने के लिए आपको डीमैट अकाउंट की जरुरत तो पड़ती ही है इसलिए एक अच्छा सा ब्रोकर ढूंढ़कर अपना डीमैट अकाउंट अवश्य खुलवाएं तभी आप Option Trading की शुरुआत कर पाएंगे।
1. Call Option(CE)
मान लीजिये अभी बैंकनिफ़्टी 31900 चल रहा है और आपने Bank Nifty की 32000 की कॉल वाला एक lot (group of share) ख़रीदा जिसमे हर एक शेयर की कीमत 28 रूपये थी।
अब अगर बैंक निफ़्टी 32000 के पास जायेगा जैसे 31930, 31940 आदि तो लोट में ख़रीदे गए हर एक शेयर की कीमत में वृद्धि होगी। अब Bank Nifty आपके बताये गए मूल्य के जितना पास पहुंचेगा आपको उतना ज्यादा ही लाभ होगा।
वहीँ अगर BankNifty बढ़ने की बजाए घट गया, जैसा की अधिकतर लोगों के साथ होता है, तो आपको बहुत नुकसान होगा। उसके लिए भी तैयार रहना अनिवार्य है क्योंकि यही Option Trading की डार्क साइड है।
2. Put Option(PE)
वहीँ दूसरी तरफ पुट ऑप्शन आपको शेयर बेचने का अधिकार देता है जैसे कि आप एक बियर पुट ऑप्शन क्या है बन गए हैं | आपको बता दें बियर वे लोग होते हैं जो शेयर को शार्ट करके पैसे बनाते हैं।
जैसे कि BankNifty का CMP अभी 31000 चल रहा है और पुट ऑप्शन क्या है आपने बैंक निफ़्टी का 30900 की पुट वाला एक lot ख़रीदा और उसके बाद BankNifty अगर 31000 चला गया तो आपकी बल्ले बल्ले हो जाएगी।
अगर आपने पुट ऑप्शन ख़रीदा और शेयर उस ऑप्शन की कीमत आपकी बताई गयी कीमत मुताबिक गिर गयी तो आपको बहुत फायदा होगा पर अगर कीमत गिरते गिरते उछल गयी और आप अपने ऑप्शन को बेचने से चूक गए तो भारी घाटा करने के लिए तैयार रहिये।
क्या Option Trading बेकार है?
दुनिया के बड़े इन्वेस्टर जैसे वारेन बुफेट, चार्ली मंगर, राकेश झुनझुनवाला, राधाकिसन दमानी आदि सब Option Trading छोड़कर स्टॉक्स में इन्वेस्ट करने का मौका ढूंढते हैं। क्योंकि वे जानते है कि ट्रेडिंग करके कुछ समय के लिए अमीर बना जा सकता है लेकिन इन्वेस्टिंग करके उम्र भर।
इसका ये मतलब नहीं है कि आप Option Trading को लात मार दें। यह भी एक विकल्प है और लोग इससे भी अमीर बनते हैं। लेकिन अगर आपने स्टॉक मार्किट के बारे अभी पढ़ना शुरू किया है और आप इस विकल्प से शुरुआत करना चाहते हैं तो शायद आप गलत हों।
आपको कम से कम 1 से 3 साल का समय देना होगा, Trading psychology books पढ़नी होंगी और मार्किट को समझना होगा। उदाहरण के लिए जब हम स्कूल जाते है तो पहले जमकर पढाई करते हैं और उसके बाद एग्जाम देते हैं।
यदि बिना पढ़ें परीक्षा देने जायेंगे तो जानते हैना आपका हाल कैसा होगा। ठीक वैसा ही तब होगा अगर आप इक्विटी से शुरुआत न करके सीधा ऑप्शन में घुस जायेंगे इसलिए पहले पढाई करिये और पुट ऑप्शन क्या है फिर Option Trading में शुरुआत कीजिये।
धनतेरस: अब आज की कीमत पर भविष्य में खरीदें और बेचें सोना
सोना खरीदने और बेचने में ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट के जरिए अब सोना खरीदारों को मौजूदा तारीख में सोना खरीदने अथवा मौजूदा तारीख में सोने के भाव पर भविष्य में सोना बेचने का अधिकार रहेगा.
राहुल मिश्र
- नई दिल्ली,
- 17 अक्टूबर 2017,
- (अपडेटेड 17 अक्टूबर 2017, 12:13 PM IST)
केन्द्र सरकार ने देश में सोना खरीदने और बेचने के नियम में बड़ा सुधार करते हुए धनतेरस के मौके पर सोने में ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट की शुरुआत की है. सोना खरीदने और बेचने में ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर लॉन्च किया.
सोना खरीदने और बेचने में ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट के जरिए अब सोना खरीदारों को मौजूदा तारीख में सोना खरीदने अथवा मौजूदा तारीख में सोने के भाव पर भविष्य में सोना बेचने का अधिकार रहेगा.
गौरतलब है कि सोना कारोबारियों को देश में सोना खरीदने और बेचने के लिए इस ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट का इंतजार 2003 से है जब तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने देश में कमोडिटी मार्केट को बाजार के हवाले कर दिया था.
कमोडिटी मार्केट के जानकारों का मानना है कि केन्द्र सरकार सोने के अलावा भी कई अन्य कमोडिटीज में भी ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट की शुरुआत कर सकती है.
क्या है ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट
ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट दो पार्टियों के बीच वह समझौता है जिसके तहत एक निश्चित सिक्योरिटी पर किसी कमोडिटी की खरीद और बिक्री की मौजूदा दरों पर भविष्य में बेचा और खरीदा जा सके. इस कॉन्ट्रैक्ट के लिए दोनों पार्टियों को रेट निर्धारित करने के साथ-साथ भविष्य की वह तारीख भी निर्धारित करनी रहती है जिसपर यह खरीद और फरोख्त पूरी होगा. अथवा इस निर्धारित तारीख के बाद दोनों पार्टिटों के बीच यह कॉन्ट्रैक्ट रद्द हो जाएगा.
खरीदारों को मिलेगा पुट और कॉल ऑप्शन
ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट के तहत खरीदारों के पास दो तरह के कॉन्ट्रैक्ट रहते हैं. इन्हें पुट और कॉल ऑप्शन कहते हैं. पुट ऑप्शन यानी बेचने का अधिकार और कॉल ऑप्शन यानी खरीदने का अधिकार.
ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट के जरिए खरीदारों को भविष्य के किसी खतरे को कवर करने का मौका मिलता है. इसके साथ ही इस तरह किसी कमोडिटी में निवेश कर खरीदार अपनी आमदनी बढ़ा सकता है. गौरतलब है कि सोना कारोबारियों को अभीतक मौजूदा व्यवस्था में सोने के अंतरराष्ट्रीय मार्केट में उतार-चढ़ाव से हमेशा नुकसान का सामना करना पड़ता था. या तो उन्हें महंगी दरों पर खरीदे हुए सोने को सस्ती दरों पर बेचना पड़ता था क्योंकि खरीदे और बेचे जाने वाले दिनों में सोने कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में गिर जाती है.
गौरतलब है कि कमोडिटी मार्केट में सोने की खरीद और बिक्री के इस ऑप्शन के बाद छोटे निवेशकों के लिए भी कमोडिटी बाजार का दरवाजा खुल जाएगा. इसके चलते बतौर निवेश संसाधन वह सोने की खरीद औऱ बिक्री कर अपने भविष्य के खतरे को कवर करने अथवा अपनी आय बढ़ाने की कोशिश कर सकता है.
अमेरिका और ब्राजील में ऐसे ही होती है सोने में ट्रेडिंग
दुनिया के अन्य कमोडिटी बाजारों में मुख्यरूप से अमेरिका और ब्राजील में इस ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट के तहत सोने की खरीद और बिक्री की जाती है. अमेरिका ने 1982 में तो ब्राजील ने 1986 ने अपने ट्रेडिंग एक्सचेंज में ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट की शुरुआत की थी. मौजूदा समय में इन देशों के कमोडिटी मार्केट में सोने के अलावा अन्य कमोडिटीज जैसे कॉफी और मवेशियों में ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट के तहत ट्रेडिंग की जाती है.
Finance Formula: शेयर मार्केट में Options से पैसा छापने की बड़ी रणनीति, ऐसे मुनाफा कमाने के बढ़ेंगे चांस
Share Market: नितिन मुरारका ने Option Trading Strategies के बारे में विस्तार से बताया है. नितिन मुरारका का कहना है कि ऑप्शन में ट्रेडिंग प्री-प्लान तरीके से करनी चाहिए. सोची-समझी रणनीति के तहत ही ऑप्शन से पैसा कमाया जा सकता है.
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Investment Tips: शेयर मार्केट में निवेशक बड़ा मुनाफा कमाने के इरादे से आते हैं. हालांकि शेयर मार्केट में निवेश के कई अलग-अलग तरीके शामिल हैं. इनमें Futures and Options भी शामिल है. निवेशक Futures and Options के जरिए भी शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कर मुनाफा कमा सकते हैं. वहीं शेयर बाजार में Options के जरिए अगर पैसा कमाना है तो एक रणनीति के तहत ट्रेडिंग करना बेहतर साबित हो सकता है. इस रणनीति को फॉलो करके ही Options के जरिए अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है.
रणनीति अपनाएं
SMC Global Securities के Derivative Head नितिन मुरारका ने Option Trading Strategies के बारे में विस्तार से बताया है. नितिन मुरारका का कहना है कि ऑप्शन में ट्रेडिंग प्री-प्लान तरीके से करनी चाहिए. सोची-समझी रणनीति के तहत ही ऑप्शन से पैसा कमाया जा सकता है.
Call and Put
ऑप्शन की रणनीति के बारे में बात करते हुए नितिन मुरारका ने बताया कि Option में पैसा लगाने से पहले देखें की बाजार की दिशा क्या है. बाजार जिस तरफ जा रहा है उसी दिशा के हिसाब से हमें Option में Call और Put का चुनाव करना चाहिए.
एंट्री प्वांइट
नितिन मुरारका ने बताया कि बाजार की दिशा देखने को बाद हमें एंट्री प्वांइट का ध्यान रखना चाहिए. किसी भी लेवल पर एंट्री कर लेना समझदारी नहीं है. ऐसे में आपको Option में सोच-समझकर ही एंट्री प्वॉइंट का ध्यान रखना चाहिए. इसके अलावा एक्जिट प्वॉइंट भी काफी मायने रखता है.
Stop Loss
नितिन मुरारका ने बताया कि जिस तरह से Options में एंट्री प्वॉइंट मायने रखता है, वैसे ही एग्जिट प्वॉइंट भी मायने रखता है. ऐसे में हमें एग्जिट प्वॉइंट के बारे में भी क्लियर रहना चाहिए. साथ ही ऑप्शन में बिना स्टॉप लॉस के काम नहीं करना चाहिए. Options Trading में Stop Loss का काफी महत्व है. ऐसे में बिना स्टॉप लॉस के ऑप्शन में नहीं उतरना चाहिए.
इस वीडियो में समझें Option Trading Strategies:
(डिस्कलेमर : किसी भी तरह का निवेश करने से पहले एक्सपर्ट से जानकारी कर लें. जी न्यूज किसी भी तरह के निवेश के लिए आपको सलाह नहीं देता.)
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