सोमनाथन के अनुसार क्रिप्टो संपत्ति ऐसी संपत्ति है जिसका मूल्य दो लोगों के बीच निर्धारित किया जाता है, आप सोना, हीरा और क्रिप्टो संपत्ति खरीद सकते हैं, लेकिन उस मूल्य को सरकार द्वारा अधिकृत नहीं किया जाएगा।निजी क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों को यह समझना चाहिए कि इसके पास सरकार का प्राधिकरण नहीं है। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आपका निवेश सफल होगा या नहीं, किसी को पैसा गंवाना पड़ सकता है और इसके लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है। हालांकि, वित्त सचिव ने स्पष्ट किया कि जो चीजें कानूनी नहीं हैं, उनका मतलब यह नहीं है कि वे अवैध हैं। अगर क्रिप्टोकुरेंसी के लिए विनियमन आता है तो यह कानूनी निविदा नहीं होगी।"
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What's the difference between digital currency and cryptocurrency: हम सबने Digital Currency और Crypto currency के बारे में सुना ही होगा। लकिन क्या हम इन दोनों में फरक जानते है. क्या हैं जानते है के | Digital Currency Or Cryptocurrency me kya farak hai |? आज इस article के माध्यम से हम आप को इन दोनों करेंसी में अंतर समझायेंगे। इस नए युग में सब कुछ डिजिटल होता जा रहा है. सबसे पहले यह समझते है की डिजिटल का क्या अर्थ है.
Digital का अर्थ होता है अगर हम कोई भी काम एक electronic system दुवारा करते है. तो उसे डिजिटल सिस्टम करते है. जैसे मान ली जिए की हम कोई भी सामान खरीदते है तो और उस की पेमेंट Paytm से कर देते है तो इसे हम पेमेंट का एक डिजिटल रूप कह सकते है. यह एक digital payment system है. इसी तरह हमारे करेंसी भी डिजिटल होती जा रही है. इस के अलावा UPI भी एक डिजिटल पेमेंट सिस्टम है.
डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में क्या अंतर है? | What is the difference between cryptocurrency and digital currency?
Digital Currency और Cryptocurrency में जो अंतर है उस को समझना थोड़ा मुश्किल है. लकिन हम इसे बहुत आसानी से समझने की कोशिश करेंगे।
- Digital Currency या Cryptocurrency को रखने के लिए एक डिजिटल वॉलेट की ज़रुरत होती है.
- Digital Currency एक इलेक्ट्रॉनिक रूप है हमारे अपने देश के करेंसी का जैसे हम नोट का इस्तिमाल करते है इसे की डिजिटल रूप को हम Digital Currency कहते है. इसे हम जब भी चाहे कॅश में बदल सकते है. जबकी Cryptocurrency एक दुसरी करेंसी है. जो किसे भी देश की करेंसी नही है. मार्किट में बहुत सरे क्रिप्टो करेंसी है. जैसे बिटकॉइन, डोज कॉइन, शीबा इननू, एथेरुम और भी बहुत सरे cryptocurrency है.
- Digital Currency को उस देश के सरकार द्वारा नियंत्रण में रखा जाता है. सरकार इस के लिए एक बड़ी संस्था बनती है जिस से इस में होने वाले हर गतिविधि पर नज़र रखी जाती है. जबकि Cryptocurrency में किसे सरकार का कोई निरंतरण नही है. अगर आप की डिजिटल वॉलेट से आप की Cryptocurrency गायब हो जय तो आप किसे को complain नही कर सकते है.
- Digital Currency बहुत ज़्यादा सुरक्षित है जबकि Cryptocurrency में सुरक्षा बहुत काम है. आप का Cryptocurrency का अकाउंट अगर हैक हो जाए तो आप कुछ भी नही कर सकते।
- Digital Currency में अधिक बदलाव नही होते। Digital Currency बहुत ज़ादा ऊपर नीचे नही होते है. लकिन cryptocurrency एक volatile करेंसी है. Volatile का मतलब है अचानक और अप्रत्याशित रूप से बदल जाना। कभी कभी cryptocurrency में बहुत डिजिटल मुद्रा बनाम क्रिप्टोकरेंसी ज़ादा तेज़ी या गिरावट आ सकती है. इसे लिए हमे cryptocurrency में बहुत सोच समझ कर निवेश करना चाहिए।
- Digital Currency में Transparency और Security बहुत जादा है. हम जो भी ट्रांसक्शन करते है. वो हमारे और जिस को पैसा ट्रांसफर किया है उसे की बीच रहता है. इस के अलावा Cryptocurrency में भी हम जो भी ट्रांसक्शन करते है वोह हमारे और जिस के साथ हम ने transaction किया है उसे के बेच रहती है.
- Digital Currency एक centralized system पर काम करता है। हमारे हर एक transaction की जानकारी सरकार के पास होती है जबकी Cryptocurrency एक decentralized system है. और इस में किसे का कोई भी कण्ट्रोल नही है.
- Digital Currency में आप को हर एक ट्रांसक्शन पर कुछ फीस देने पड़ सकती है. लकिन Cryptocurrency में ऐसा नही होता है. Cryptocurrency ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी पर काम करती है. और इस में आप को कोई एक्स्ट्रा फीस नही देनी होती है.
Indian Govt: क्रिप्टो, ऑनलाइन गेमिंग को लेकर जल्द ये अभियान शुरू करेगी सरकार!
Indian Govt: भारत सरकार जल्द ही क्रिप्टोकरेंसी और ऑनलाइन गेमिंग के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए एक कार्यक्रम शुरू कर रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, निवेशक संरक्षण और शिक्षा कोष (IPEF), जो कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के दायरे में आता है, वह क्रिप्टोकरेंसी और ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म के कानूनी स्टेटस पर प्रकाश डालते हुए एक लोगों तक पहुंच वाला अभियान शुरू करेगा।
फायदा जहां दिखे डिजिटल मुद्रा बनाम क्रिप्टोकरेंसी ज्यादा, उधर जोखिम भी है बड़ा
इस कार्यक्रम का उद्देश्य नागरिकों में इस तरह के निवेश और गतिविधियों में शामिल होने के मौद्रिक जोखिमों के बारे में जागरूकता लाना है। ET की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘अभियान इस बात पर प्रकाश डालेगा डिजिटल मुद्रा बनाम क्रिप्टोकरेंसी कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी कानूनी नहीं हैं, ऐसी संपत्तियों में गहरे जोखिम भी शामिल हैं। कोई भी निवेश जहां लोगों को आकर्षक और सुनिश्चित रिटर्न का वादा किया जा रहा हो, वहां उच्च जोखिम वाला दिन भी होता है।’
भारतीय रिजर्व बैंक ने 1 दिसंबर को अपनी पहली डिजिटल मुद्रा, ई-रुपया लॉन्च की। सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) नकदी का एक इलेक्ट्रॉनिक संस्करण है, जो मुख्य रूप से खुदरा लेनदेन के लिए है। चार बैंक – स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक – डिजिटल मुद्रा के नियंत्रित पायलट लॉन्च में शामिल हैं जो मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर के शहरों को कवर करेंगे।
क्या क्रिप्टोकरेंसी को देश में कानूनी मान्यता मिल चुकी है, डिजिटल मुद्रा बनाम क्रिप्टोकरेंसी यहां जानिये इससे जुड़े सवालों के जवाब
Cryptocurrency: इस साल क्रिप्टोकरेंसी के भारत में लीगल टेंडर यानी वैधानिक होने की खूब चर्चाएं थीं। सभी कारोबारी व निवेशक यह जानना चाह रहे थे कि सरकार इस पर मुहर लगाती है या नहीं। इसके चलते आम बजट पर सभी की निगाहें थीं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के आभासी संपत्तियों पर कर लगाने के प्रस्ताव ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी की वैधता पर बहस छेड़ दी है। जबकि कई लोगों ने डिजिटल मुद्राओं पर कर लगाने के निर्णय का स्वागत किया है, यह सोचकर कि यह आभासी मुद्राओं को पहचानने का पहला कदम है, सरकार ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि क्या भारत में बिटकॉइन जैसी मुद्राओं को कानूनी निविदा माना जा सकता है। आखिर सरकार ने इस विषय पर अपना पक्ष भी स्पष्ट कर दिया था। गत 1 फरवरी को पेश केंद्रीय बजट 2022-23 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस करेंसी से होने वाली आय पर सरकार कर जरूर लगाएगी लेकिन इसे देश में लीगल टेंडर किया जाना अभी तय नहीं है। हालांकि सरकार ने यह भी साफ कहा था कि इस पर फिलहाल प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। इसके साथ ही सरकार ने इस आभासी डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर लगाने का भी प्रस्ताव रखा था। जानिये इसके बारे में कुछ खास बातें।
Budget 2022 Cryptocurrency: क्रिप्टो करंसी से कमाई पर 30 फीसदी टैक्स, RBI लाएगा अपनी डिजिटल मुद्रा
- वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा- RBI डिजिटल करेंसी लॉन्च करेगी
- वहीं क्रिप्टो करंसी से होने वाली कमाई भी टैक्स के दायरे में आ गई है।
- इसके अलावा वर्चुअल डिजिटल एसेट से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी का टैक्स लगेगा।
Budget 2022 Cryptocurrency News: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में एक अहम ऐलान किया। वित्त मंत्री ने बताया कि 2022-23 से आरबीआई द्वारा डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल मुद्रा जारी की जाएगी। इसके साथ ही भारत में में रेग्युलेटेड डिजिटल करेंसी लाने का रास्ता भी साफ हो गया है।
बिटकॉइन जैसी डिजिटल मुद्रा बनाम क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल करेंसी में निवेश वालों के लिए अवसर
डिजिटल करेंसी लाने के ऐलान से बिटकॉइन जैसी डिजिटल करेंसी में जोखिम वाले निवेश की जगह नए सुरक्षित निवेश का विकल्प पेश हो गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में रिजर्व बैंक डिजिटल करंसी लॉन्च करेगा। वित्त मंत्री ने कहा, 'ब्लॉकचेन और अन्य तकनीकों का इस्तेमाल करके डिजिटल करंसी शुरू की जाएगी, आरबीआई 2022-23 से इसे जारी करेगा।' वित्त मंत्री ने बताया कि क्रिप्टो करंसी में निवेश पर 30 प्रतिशत की दर से टैक्स लगेगा।
BankBazaar.com के सीईओ आदिल शेट्टी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेशकश के वक़्त कहा की आरबीआई भारत की अपनी ब्लॉकचेन डिजिटल रुपया(डिजिटल करेंसी) जारी करेगा। इससे भारत की अर्थव्यवस्था को बड़ा बढ़ावा मिलेगा और डिजिटल वित्तीय स्पेस में स्थिति भी मजबूत होगी। अभी तक संयुक्त राज्य अमेरिका ने भी अपना सीबीसी लॉन्च नहीं किया है। सीबीसी के लांच का अर्थ है भारत ब्लॉकचेन और कम ऑपरेशनल कॉस्ट का लाभ उठा कर सेटलमेंट में तेजी लाना चाहता है। इसको बेहतर समझने के लिए हमें इसके डिटेल्स की प्रतीक्षा करने की आवश्यकता है।'
उठती रही है मांग
आपको बता दें कि फिलहाल देश में क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल पर किसी तरह का नियमन नहीं है और न ही किसी तरह की पाबंदी लगी हुई है। हालांकि, विभिन्न क्षेत्रों से इनके सख्त नियमन की मांग उठती रही है। सरकार ने संसद के पिछले अधिवेशन में ही क्रिप्टोकरेंसी पर एक विधेयक लाने की मंशा जताई थी। रिजर्व बैंक की तरफ से एक आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के गठन का ढांचा तैयार होने की बात कही गई थी। लेकिन मंत्रिमंडल में इस विधेयक के प्रारूप पर सहमति नहीं बन पाने से उसे संसद में नहीं रखा जा सका था। इससे पहले प्रमुख आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने सोमवार को डिजिटल मुद्रा बनाम क्रिप्टोकरेंसी कहा था कि देश की वित्तीय स्थिरता पर क्रिप्टोकरेंसी के निहितार्थों को देखते हुए सरकार इसके नियमन के मुद्दे पर एक संतुलित नजरिया अपनाएगी।
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Cryptocurrency vs Digital Currency: RBI ने लांच की डिजिटल करेंसी, जानें क्रिप्टोकरेंसी से कैसे है अलग और क्या हैं इसके फायदे
Cryptocurrency vs Digital Currency: क्रिप्टोकरेंसी और केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) दोनों ने पूरे भारत में लाखों लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। डिजिटल एसेट्स के रूप में सामान्य स्थिति के बावजूद दोनों में काफी अंतर है। पूर्व वित्त सचिव एससी गर्ग का मानना है कि सीबीडीसी डीमैटरियलाइज्ड बैंक नोट की तरह होता है, और उसका क्रिप्टोकरेंसी से कोई लेना-देना नहीं है।
बता दें कि देश में पहले ही बहुत से ऑनलाइन पेमेंट के ऑप्शन मौजूद है।ऐसे में अहम सवाल यह है कि जब इतने सारे ऑनलाइन पेमेंट के विकल्प मौजूद हैं और वो बेहतर काम भी कर रहे हैं तो फिर डिजिटल रुपया लाने की जरूरत ही क्यों पड़ी। क्यों खास है डिजिटल करेंसी (Digital Currency) और यह Cryptocurrency से कितनी अलग है।
सीबीडीसी डिजिटल कॉइन क्रिप्टो का भविष्य
क्रिप्टोकरेंसी को दुनिया मुद्रा के रूप में स्वीकार नहीं कर सकती है। हालांकि, सीबीडीसी जैसे रेगुलेटेड डिजिटल कॉइन क्रिप्टो का भविष्य हो सकते हैं। मैकिन्से ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में स्टेबल कॉइन के प्रचलन में तेजी से वृद्धि के साथ केंद्रीय बैंकों ने अपनी स्टेबल डिजिटल करेंसी का पता लगाने के प्रयास तेज कर दिए हैं।
आरबीआई द्वारा जारी किया गया डिजिटल टोकन
सीबीडीसी या भारतीय ई-रुपया आरबीआई द्वारा जारी किया गया एक डिजिटल टोकन है और यह देश की फिएट करेंसी से जुड़ा हुआ है। ब्लॉकचैन विशेषज्ञों के एक समूह ब्लॉकचैन काउंसिल का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के विकास ने कैशलेस सोसाइटी और डिजिटल करेंसी में रुचि बढ़ा दी है, जिसके चलते दुनिया भर की सरकारें और केंद्रीय बैंक सरकार समर्थित डिजिटल करेंसी के उपयोग पर विचार कर रहे हैं।
सीबीडीसी का प्राथमिक उद्देश्य कंपनियों और उपभोक्ताओं को गोपनीयता, हस्तांतरणीयता, सुगमता और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। काउंसिल का कहना है, सीबीडीसी एक जटिल वित्तीय प्रणाली के लिए आवश्यक रखरखाव को भी कम करता है, सीमा पार लेनदेन लागत में कटौती करता डिजिटल मुद्रा बनाम क्रिप्टोकरेंसी है और उन लोगों को कम लागत वाले विकल्प देता है जो अब दूसरे धन हस्तांतरण विधियों का उपयोग करते हैं।
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